शनिवार, 26 अप्रैल 2025
  • Webdunia Deals
  1. धर्म-संसार
  2. व्रत-त्योहार
  3. तीज त्योहार
  4. क्यों है अक्षय तृतीया का महत्व
Written By WD

क्यों है अक्षय तृतीया का महत्व

आखातीज : एक नजर में

Akshaya Tritiya festival
अक्षय तृतीया (आखातीज) को अनंत-अक्षय-अक्षुण्ण फलदायक कहा जाता है। जो कभी क्षय नहीं होती उसे अक्षय कहते हैं।

कहते हैं कि इस दिन जिनका परिणय-संस्कार होता है उनका सौभाग्य अखंड रहता है। इस दिन महालक्ष्मी की प्रसन्नता के लिए भी विशेष अनुष्ठान होता है जिससे अक्षय पुण्य मिलता है

FILE


इस दिन बिना पंचांग देखे कोई भी शुभ कार्य किया जा सकता है। क्योंकि शास्त्रों के अनुसार इस दिन स्वयंसिद्ध मुहूर्त माना गया है।


FILE


समस्त शुभ कार्यों के अलावा प्रमुख रूप से शादी, स्वर्ण खरीदने, नया सामान, गृह प्रवेश, पदभार ग्रहण, वाहन क्रय, भूमि पूजन तथा नया व्यापार प्रारंभ कर सकते हैं।


FILE


भविष्य पुराण के अनुसार अक्षय तृतीया के दिन सतयुग एवं त्रेतायुग का प्रारंभ हुआ था।

भगवान विष्णु के 24 अवतारों में भगवान परशुराम, नर-नारायण एवं हयग्रीव आदि तीन अवतार अक्षय तृतीया के दिन ही धरा पर आए।


FILE


तीर्थ स्थल बद्रीनारायण के पट भी अक्षय तृतीया को खुलते हैं।

वृंदावन के बांके बिहारी के चरण दर्शन केवल अक्षय तृतीया को होते हैं।


FILE


वर्ष में साढ़े तीन अक्षय मुहूर्त है, उसमें प्रमुख स्थान अक्षय तृतीया का है।

यह हैं- चैत्र शुक्ल गुड़ी पड़वा, वैशाख शुक्ल अक्षय तृतीया, आश्विन शुक्ल विजयादशमी तथा दीपावली की पड़वा का आधा दिन। इसीलिए इन्हें वर्ष भर के साढ़े तीन मुहूर्त भी कहा जाता है....