घर में कुत्ता पालने से कौन-सा ग्रह मजबूत होता है?
Dog Astrology: कुत्ते को हिन्दू धर्म में यम का दूत कहा गया है। कुत्ते को हिन्दू देवता भैरव महाराज का सेवक माना जाता है। यदि हम ग्रहों की बात करें तो कुत्ता पालने से शनि और केतु ग्रह के दोष समाप्त हो जाते हैं लेकिन लाल किताब के अनुसार कुछ लोगों को कुत्ता पालना महंगा पड़ सकता है उनके ग्रह उल्टा परिणाम दे सकते हैं।
शनि और केतु का उपाय: माना जाता है कि काला कुत्ता जहां होता है वहां नकारात्मक उर्जा नहीं ठहरती है। इसका कारण यह है कि काले कुत्ते पर एक साथ दो शक्तिशाली ग्रह शनि और केतु के प्रभाव होता है। शनि को प्रसन्न करने के लिए बताए गए खास उपायों में से एक उपाय है घर में काला कुत्ता पालना। केतु को ठीक करने के लिए भी कुत्ता पालने की सलाह देते हैं। जो लोग कुत्ते को खाना खिलाते हैं उनसे शनि अति प्रसन्न होते हैं। कुत्ते को तेल से चुपड़ी रोटी खिलाने से शनि के साथ ही राहु-केतु से संबंधित दोषों का भी निवारण हो जाता है। राहु-केतु के योग कालसर्प योग से पीड़ित व्यक्तियों को यह उपाय लाभ पहुंचाता है।
लाल किताब: लाल किताब में बताया गया है कि संतान सुख में बाधा आने पर काला कुत्ता अथवा काला और सफेद कुत्ता पालन चाहिए। इससे संतान सुख की प्राप्ति होती है। यह उपाय संतान के स्वास्थ्य के लिए भी शुभ कारगर होता है। यदि कुंडली में केतु पहले या सातवें भाव में हो, तो कुत्ता पालने की सलाह नहीं दी जाती है, बल्कि कुत्तों की सेवा करने की सलाह दी जाती है।
कुत्ता काला या काला-सफेद होना चाहिए लेकिन इस बात का घ्यान रखें कि उस कुत्ते के नाखुनों की संख्या 22 या इससे ज्यादा होनी चाहिए। इतने नाखुनों वाला कुत्ता केतु का रूप माना जाता है। ऐसा कुत्ता ही आपकी किस्मत बदल सकता है।
शकुन शास्त्र: शकुन शास्त्र में कुत्ते को शकुन रत्न माना जाता है क्योंकि कुत्ता इंसान से भी अधिक वफादार, भविष्य वक्ता और अपनी हरकतों से शुभ-अशुभ का भी ज्ञात करवाता है। काला कुत्ता पालने से आपका रूका हुआ पैसा वापस आने लग जाता है। अचानक आने वाले संकट से मुक्ति मिलती है। आर्थिक तंगी दूर हो जाती है। पेट की बीमारियां, जोड़ों के दर्द और अन्य बीमारियों से भी छुटकारा मिल जाता है। प्रेत बाधा से मुक्ति पाने के लिए भी काला कुत्ता पाला जाता है। बिजनेस और कार्यक्षेत्र में सफलता और उन्नति के लिए काला कुत्ता मददगार साबित होता है।