शारदीय नवरात्रि 2024 में नवमी की पूजा 11 अक्टूबर को करें या 12 अक्टूबर को?
11 अक्टूबर को नवमी की पूजा होगी और 12 अक्टूबर को माता का विसर्जन होगा
Navami kab hai 2024 mein: 3 अक्टूबर से नवरात्रि का पर्व प्रारंभ हुआ था जो 12 अक्टूबर को समाप्त होगा। 12 अक्टूबर को दशहरा मनाया जाएगा। इसी दिन नवमी का पारण भी होगा। लोगों के मन में यह कंफ्यूजन है कि नवमी की पूजा कब करें क्योंकि 12 अक्टूबर को दो दशहरा है। ऐसे में नवमी की पूजा 11 अक्टूबर को अष्टमी तिथि की समाप्ति पर करना उचित है। विद्वानों के अनुसार 11 अक्टूबर को अष्टमी और नवमी दोनों ही रहेगी।
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शारदीय नवरात्रि में 11 अक्टूबर को रहेगी अष्टमी के साथ नवमी
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शारदीय नवरात्रि में 11 अक्टूबर को संधि पूजा भी होगी
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12 अक्टूबर को दशहरा यानी विजयादशमी का पर्व रहेगा
नवमी तिथि प्रारम्भ- 11 अक्टूबर 2024 को दोपहर 12:06 बजे।
नवमी तिथि समाप्त- 12 अक्टूबर 2024 को सुबह 10:58 बजे।
नोट : जिनके घरों में नवमी की पूजा सुबह होती है वे उदयातिथि के अनुसार 12 अक्टूबर को नवमी की पूजा करेंगे और जिनके घरों में मध्याह्न काल में पूजा होती है वे 11 अक्टूबर को पूजा करेंगे। हमारे अनुसार 11 अक्टूबर को ही नवमी की पूजा करना चाहिए। अष्टमी से युक्त नवमी शुभ माना जाती है। इस दिन संधि पूजा भी होगी। 12 अक्टूबर को सुबह 10:58 के बाद दशमी तिथि लगेगी इसलिए इस दिन रात में दशहरा मनाया जाएगा।
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शारदीय नवरात्रि की संधि पूजा करें : 11 अक्टूबर को संधि पूजा का समय दोपहर 11:42 से दोपहर 12:30 के बीच। इस पूजा से अष्टमी और नवमी दोनों की ही पूजा हो जाएगी।
शारदीय नवरात्रि की 11 अक्टूबर 2024 अष्टमी की पूजा के शुभ मुहूर्त:
अष्टमी तिथि: 11 अक्टूबर को नवरात्रि की अष्टमी तिथि रहेगी। दिन शुक्रवार। मां महागौरी पूजा।
संधि पूजा: दोपहर 11:42 से दोपहर 12:30 के बीच। महानवमी भी इसी दिन।
सुबह की पूजा: प्रात: 04:41 से 06:20 के बीच।
दोपहर की पूजा अभिजीत मुहूर्त: दोपहर 11:44 से 12:31 के बीच।
शाम की पूजा: शाम 05:55 से 07:10 के बीच।
रात्रि की पूजा: अमृत काल में 11:05 से 12:40 के बीच।
माता सिद्धिदात्री देवी : माता दुर्गा के 9 स्वरूपों में नौवें दिन नवमी की देवी है माता सिद्धिदात्री। नवरात्रि के नौवें दिन देवी सिद्धिदात्री का पूजन किया जाता है। इसके बाद उनकी पौराणिक कथा या कहानी पढ़ी या सुनी जाती है।
या देवी सर्वभूतेषु मां सिद्धिदात्री रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।