सोमवार, 29 सितम्बर 2025
  1. धर्म-संसार
  2. नवरात्रि
  3. नवरात्रि पूजा
  4. Durga ashtami 2025 muhurat
Written By WD Feature Desk
Last Updated : सोमवार, 29 सितम्बर 2025 (10:27 IST)

Durga ashtami 2025: 29 या 30 सितंबर कब है दुर्गा अष्टमी, जानें सही तिथि, पूजा मुहूर्त और विधि

Durga Ashtami 2025 Date and Time
Durga Ashtami 2025: शारदीय नवरात्रि का आठवां दिन यानी महाष्टमी सबसे महत्वपूर्ण दिनों में से एक है। इस दिन मां दुर्गा के शांत और पवित्र स्वरूप मां महागौरी की आराधना की जाती है। इस वर्ष, 30 सितंबर 2025 को दुर्गा अष्टमी मनाई जाएगी। इस पावन तिथि पर कन्या पूजन और संधि पूजा का विधान है। अगर आप भी दुर्गा अष्टमी की सही तिथि, पूजा का शुभ मुहूर्त और सम्पूर्ण विधि जानना चाहते हैं, तो यह लेख आपके लिए है। जानिए कैसे करें महागौरी को प्रसन्न और पाएं उनका अखंड आशीर्वाद!
 
दुर्गा अष्टमी 2025 की तिथि : वर्ष 2025 में शारदीय नवरात्रि के अंतर्गत आ रही दुर्गा अष्टमी का पर्व 30 सितंबर को मंगलवार को मनाया जाएगा, क्योंकि अष्टमी तिथि 29 सितंबर को शाम 4 बजकर 31 मिनट पर शुरू होकर 30 सितंबर को शाम 6 बजकर 6 मिनट पर समाप्त होती है, और उदयातिथि के अनुसार 30 सितंबर को ही अष्टमी मानी जाएगी। चूंकि अष्टमी तिथि का अधिकांश भाग और उदय तिथि (सूर्य उदय के समय) 30 सितंबर को है, इसलिए महाअष्टमी का व्रत और पूजन इसी दिन करना शुभ माना जाएगा।
 
दुर्गा अष्टमी 2025 पूजा समय इस प्रकार हैं:
 
महाअष्टमी का दिन: 30 सितंबर 2025, मंगलवार।
अष्टमी तिथि का आरंभ: 29 सितंबर 2025 को शाम 4 बजकर 31 मिनट पर।
अत: उदया तिथि के अनुसार मुख्य अष्टमी पूजा 30 सितंबर 2025 को किया जाना शुभ माना गया है। 
अष्टमी तिथि का समापन: 30 सितंबर 2025 को शाम 6 बजकर 06 मिनट पर।
 
कन्या पूजन: अष्टमी तिथि पर कन्या पूजन करना बहुत शुभ माना जाता है। आप 30 सितंबर को कन्या पूजन कर सकते हैं।
 
कुमारी पूजा मंगलवार, 30 सितंबर, 2025 को
30 सितंबर को कन्या पूजन शुभ मुहूर्त :
- पहला मुहूर्त: सुबह 5 बजे से 6 बजकर 12 मिनट तक।
- दूसरा मुहूर्त: सुबह 10 बजकर 40 मिनट से 12 बजकर 10 मिनट तक।
- अभिजीत मुहूर्त: सुबह 11 बजकर 47 मिनट से दोपहर 12 बजकर 35 मिनट तक।
 
संधि पूजा का मुहूर्त: अष्टमी तिथि समाप्त होने के अंतिम 24 मिनट और नवमी तिथि शुरू होने के शुरुआती 24 मिनट के समय को संधि काल कहा जाता है, जो अत्यंत शुभ होता है। 30 सितंबर 2025 को संधि पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 5 बजकर 42 मिनट से शाम 6 बजकर 30 मिनट तक रहेगा।
 
पूजा विधि: अष्टमी पूजा और त्योहार की कुछ प्रमुख विधि यहां दी जा रही हैं:
 
1. स्वच्छता व तैयारी
   पूजा से पहले शरीर एवं स्थान की शुद्धि करें। पूजा स्थल, मूर्ति जाए या स्थान स्वच्छ रखें।
 
2. स्थापन एवं पूजन
   मां दुर्गा की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें, दीप जलाएं, कलश, अक्षत, अक्षौभ, गंगाजल आदि का उपयोग करें।
 
3. मूल मंत्र तथा स्तोत्र पाठ: “ॐ वामदेवी नमः”* आदि मंत्रों का जाप किया जाता है।
- दुर्गा सप्तशती, चंडी पाठ आदि पढ़े जाते हैं।
- इस अवसर पर विशेष रूप से संधि पूजा में चमुण्डा/चण्ड-मुण्ड वध की कथा पढ़ी जाती है।
 
4. कन्या पूजन: 
- अष्टमी के दिन 9 कन्याओं को आमंत्रित करके, देवी स्वरूप मानकर उनका सम्मान करें, उनके पैर धोएं, उन्हें भोजन करवा कर प्रसाद और तथा उपहार भेंटस्वरूप दें।
-अष्टमी के दिन ही कन्या पूजन किया जाता है, जो एक धार्मिक शुभ कार्य माना जाता है।
 
5. हवन/यज्ञ: अगर हवन करना हो तो अग्नि स्थापना करें और मंत्रोच्चारण के साथ हवन सामग्री चढ़ाएं।
- गृहस्थों में विशेष मंत्रों द्वारा यज्ञ या हवन किया जाता है।
 
6. भोग-प्रसाद- मां को शुद्ध भोग अर्पित करें।
- प्रसाद को सबको वितरित करें।
 
7. आरती एवं वंदना: आरती करें, मंत्रों से वंदना करें, थाली पूजन आदि करें।
 
8. विशेष उपाय / उपहार देने की परंपरा
- इस दिन दान, सत्कर्म, दक्षिणा आदि करना लाभदायक माना जाता है।
- साथ ही अक्षत, नारियल, पुष्प, श्रृंगार सामग्री, वस्त्र आदि देवी को अर्पित करें।  
ये भी पढ़ें
2025 Sharadiya Navratri: शारदीय नवरात्रि के सातवें दिन पर भेजें ये खास शुभकामना मैसेजेस