गुरुवार, 2 अक्टूबर 2025
  1. धर्म-संसार
  2. नवरात्रि
  3. नवरात्रि पूजा
  4. Why Does The Navratri Fast End With Kanya Pujan
Written By WD Feature Desk
Last Modified: शनिवार, 27 सितम्बर 2025 (10:43 IST)

Navratri 2025: कन्या पूजन से ही क्यों होता है नवरात्रि व्रत का समापन, जानिए महत्व

शारदीय नवरात्रि 2025
Why Does The Navratri Fast End With Kanya Pujan: नवरात्रि, जो नौ दिनों तक चलने वाला शक्ति का महापर्व है, उसका समापन कन्या पूजन के बिना अधूरा माना जाता है। शास्त्रों में कन्याओं को देवी का साक्षात रूप माना गया है, और इसी कारण इस परंपरा को विशेष महत्व दिया जाता है। यह पूजन न केवल एक धार्मिक अनुष्ठान है, बल्कि यह नारी शक्ति के सम्मान और उसकी महत्ता को भी दर्शाता है।

शास्त्रों में कन्याओं का महत्व: पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, नवरात्रि का अंतिम दिन सिद्धिदात्री देवी की पूजा का होता है। यह माना जाता है कि माँ सिद्धिदात्री कन्याओं के रूप में ही पृथ्वी पर निवास करती हैं। यही कारण है कि 2 से 10 वर्ष तक की कन्याओं को देवी का जीवंत स्वरूप मानकर उनकी पूजा की जाती है। पुराणों में कहा गया है कि कन्या पूजन से माँ दुर्गा सबसे अधिक प्रसन्न होती हैं और अपने भक्तों को विशेष आशीर्वाद प्रदान करती हैं।

पौराणिक मान्यता और महिषासुर वध: देवी भागवत पुराण में एक कथा का उल्लेख है, जो कन्या पूजन के महत्व को दर्शाती है। जब महिषासुर नामक असुर के अत्याचारों से देवता परेशान हो गए थे, तब उन्होंने माँ दुर्गा से सहायता मांगी। माँ ने असुरों के नाश का आश्वासन दिया, लेकिन साथ ही यह भी कहा कि कन्याओं के रूप में मेरी पूजा करने से ही शक्ति की प्राप्ति होती है। महिषासुर का वध करने के बाद, कृतज्ञ देवताओं ने कन्याओं की पूजा करके माँ दुर्गा को धन्यवाद दिया। तभी से यह परंपरा चली आ रही है कि नवरात्रि के व्रत का समापन कन्या पूजन के साथ ही किया जाना चाहिए।

आध्यात्मिक दृष्टिकोण और सामाजिक संदेश: कन्या पूजन का आध्यात्मिक महत्व तो है ही, लेकिन इसका एक गहरा सामाजिक संदेश भी है। कन्याओं को भोजन कराने और उन्हें वस्त्र, खिलौने और दक्षिणा देकर यह संदेश दिया जाता है कि नारी ही इस सृष्टि की जननी और पालनहार है। यह परंपरा समाज में महिलाओं के प्रति सम्मान और आदर की भावना को भी पुष्ट करती है। यह हमें सिखाता है कि हमें हर उम्र की महिला का सम्मान करना चाहिए, क्योंकि उनमें भी देवी शक्ति का वास होता है।

कन्या पूजन की विधि: कन्या पूजन के लिए सबसे पहले 9 कन्याओं को उनके साथ एक बालक (लांगुरा) के साथ घर पर आमंत्रित करें। उनका स्वागत करें और उनके पैर धोकर उन्हें साफ आसन पर बिठाएं। इसके बाद, उन्हें रोली, चावल और फूल अर्पित करें। फिर उन्हें हलवा, पूरी और चने का प्रसाद खिलाएं। भोजन के बाद, उन्हें वस्त्र, खिलौने या दक्षिणा देकर उनका आशीर्वाद लें। यह माना जाता है कि इन कन्याओं का आशीर्वाद सीधे मां दुर्गा का आशीर्वाद होता है। कन्या पूजन सिर्फ एक रस्म नहीं है, बल्कि यह एक ऐसा अवसर है जो हमें शक्ति और सम्मान की सही परिभाषा से परिचित कराता है।

अस्वीकरण (Disclaimer) : सेहत, ब्यूटी केयर, आयुर्वेद, योग, धर्म, ज्योतिष, वास्तु, इतिहास, पुराण आदि विषयों पर वेबदुनिया में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार जनरुचि को ध्यान में रखते हुए सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं। इससे संबंधित सत्यता की पुष्टि वेबदुनिया नहीं करता है। किसी भी प्रयोग से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।
 
ये भी पढ़ें
karva cahuth 2025: करवा चौथ पर छन्नी से क्यों देखा जाता है पति का चेहरा, इस दिन क्यों सीधे नहीं देखना चाहिए चंद्रमा