Last Modified: नई दिल्ली ,
गुरुवार, 19 नवंबर 2009 (14:53 IST)
अनुबंध आधार पर नहीं रखे जाएँगे जज
केन्द्र सरकार ने आज स्पष्ट किया कि अनुबंध के आधार पर न्यायाधीशों की नियुक्ति करने की उसकी कोई योजना नहीं है।
विधि और न्याय मंत्री डॉ. एम. वीरप्पा मोइली ने लोकसभा में राजनाथसिंह, अधलराव पाटिल शिवाजी, गजानन ध बाबर, आनंदराव अड़सूल, सुशीला सरोज तथा चंद्रकांत खरे के सवालों के लिखित जवाब में बताया कि सरकार की इस प्रकार की कोई योजना नहीं है, जिसमें अनुबंध के आधार पर न्यायाधीशों की नियुक्ति की जाए।
उन्होंने कहा कि लंबित मामलों को निपटाने के लिए सेवानिवृत्त न्यायाधीशों की सेवाएँ लेने का प्रस्ताव भी चर्चा के लिए प्रस्तुत किया गया है, लेकिन ऐसी किसी योजना पर सरकार द्वारा अभी तक विचार नहीं किया गया है।
मोइली ने इंदरसिंह नामधारी तथा किशनभाई वी. पटेल के एक अन्य सवाल के लिखित जवाब में बताया कि 30 सितंबर 2009 की स्थिति के अनुसार उच्चतम न्यायालय में 53,221 मामले लंबित थे। उच्च न्यायालयों में 40,18,914 मामले लंबित थे। इसी तारीख तक अधीनस्थ न्यायालयों में 1,94,51,484 दांडिक और 76,68,624 सिविल मामले लंबित थे।
देश के उच्च न्यायालयों की विभिन्न पीठों में इस समय न्यायाधीशों के रिक्त पदों के बारे में मोइली ने बताया कि ऐसे करीब 255 पद रिक्त हैं। (भाषा)