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Written By भाषा

अगस्तावेस्टलैंड के हेलीकॉप्टर की आपूर्ति ठंडे बस्ते में

हेलीकॉप्टर खरीद विवाद
PTI
नई दिल्ली। वीवीआईपी हेलीकॉप्टर सौदे में घोटाले की बात सामने आने के बाद भारत ने कंपनी से नौ हेलीकॉप्टरों की आपूर्ति के साथ ही बाकी बचे 2400 करोड़ रुपए के भुगतान पर रोक लगा दी। यह रोक तब तक लगी रहेगी जब तक सीबीआई जांच के परिणाम नहीं आते।

भारत को 12 हेलीकॉप्टरों में से तीन हेलीकॉप्टर पहले ही प्राप्त हो चुके हैं जिसके लिए 3600 करोड़ रुपए का सौदा वर्ष 2010 में हुआ था। अगस्तावेस्टलैंड से तीन हेलीकॉप्टरों की आपूर्ति अगले महीने होने वाली थी जबकि बाकी छह हेलीकॉप्टरों की आपूर्ति इस वर्ष बाद में होनी थी।

रक्षा मंत्रालय सू़त्रों ने यहां बताया कि भारत ने भुगतान की जाने वाली राशि में से करीब 30 प्रतिशत का भुगतान पहले ही कर दिया है, लेकिन बाकी 2400 करोड़ रुपए के भुगतान पर सीबीआई जांच के परिणाम सामने आने तक रोक लगी रह सकती है।

तीन एडब्ल्यू 101 हेलीकॉप्टरों की पहली खेप गत महीने पालम हवाई अड्डे पर पहुंची थी जबकि तीन और हेलीकॉप्टरों की अगली खेप मार्च तक आने की उम्मीद थी। भारत को बाकी राशि का भुगतान संबंधित खेपों के समय करना था। रक्षामंत्री एके एंटनी ने आज कहा कि भारत को इस स्तर पर भी अपना पैसा वापस मिल सकता है।

यह पूछे जाने पर कि क्या इतालवी कंपनी को दिए गए धन को भारत सरकार अब भी वापस मांग सकती है? एंटनी ने कहा, यदि भारत सरकार ने इंटीग्रिटी पैक्ट (समझौते के तहत ईमानदारी से काम करने की संधि) के प्रावधानों के अनुरूप कोई भुगतान किया है तो हम विक्रेता को दिया गया पूरा धन वापस पा सकते हैं।

इस बीच इतालवी जांच रिपोर्ट में यह बात सामने आई है कि गुइदो हैस्के और क्रिश्चियन माइकल इस सौदे में मुख्य बिचौलिए थे और कुल 5.1 करोड़ यूरो की रिश्वत में से करीब 1.5 करोड़ यूरो का भुगतान भारतीय व्यक्तियों को किया गया।

इतालवी जांच के अनुसार वे कथित सौदे में मुख्य बिचौलिए थे। गत वर्ष अप्रैल में इतालवी और स्विट्जरलैंड के अधिकारियों ने हैस्के के कार्यालयों पर छापे मारे और उन्हें 24 घंटे के लिए गिरफ्तार कर लिया। बाद में उसे जमानत पर रिहा कर दिया गया।

जांच रिपोर्ट में बिचौलियों के बीच हुई बातचीत की भी बात है जिसमें यह संकेत है कि रिश्वत की राशि कथित रूप से ट्यूनीशिया के जरिए भेजी गई। (भाषा)