बिड़ला खानदान के विल्फुल डिफॉल्टर यश बिड़ला आखिर कौन हैं?
बिड़ला खानदान के यश बिड़ला इन दिनों चर्चाओं में हैं। यश को यूको बैंक ने डिफॉल्टर घोषित कर दिया है। बैंक के मुताबिक यश बिड़ला की कंपनी बिड़ला सूर्या लिमिटेड पर 67.55 करोड़ रुपए का बकाया है। दिलचस्प बात यह है कि कोलकाता के इस बैंक की स्थापना यश बिड़ला के परदादा घनश्याम दास बिड़ला ने की थी। जीडी बिड़ला के भाई रामेश्वर दास बिड़ला, यश बिड़ला के पिता अशोकवर्धन बिड़ला के दादा थे।
बिड़ला सूर्या कंपनी ने मल्टी-क्रिस्टैलिन सोलर फोटोवॉल्टाइक सेल्स के निर्माण के उद्देश्य से बैंक से ऋण लिया था। ग्रुप के पास एक दर्जन से ज्यादा कंपनियां हैं जिनमें जेनिथ स्टील, बिड़ला पावर, बिड़ला लाइफस्टाइल और श्लोका इन्फोटेक जैसी कंपनियां शामिल हैं। अधिकतर कंपनियां घाटे में चल रही हैं और कर्ज चुकाने की स्थिति में नहीं हैं। (Photo Courtesy : Instagram)
यश बिड़ला ने 23 साल की उम्र में माता-पिता की मृत्यु के बाद पुस्तैनी कारोबार को संभाला। यश जब अमेरिका में पढ़ाई कर रहे थे तब उनके पिता अशोकवर्धन बिड़ला, मां सुनंदा और बहन सुजाता की बेंगलुरु में प्लेन क्रैश में मौत हो गई थी। धार्मिक प्रवृत्ति के यश बिजनेस में अपना करियर नहीं बनाना चाहते थे।
यश ने एक इंटरव्यू में बताया था कि माता-पिता और बहन की अकाल मौत के बाद वे आत्माओं से बात करने का प्रयत्न करते थे। इस भयानक स्थिति से निकलने के लिए दुनिया के विशेषज्ञों की सहायता ली। यश ने इंटरव्यू में यह भी बताया कि वे इस सच को स्वीकार भी नहीं कर पा रहे थे कि उनका परिवार उनके साथ नहीं है।
यश जब छोटे थे, तो पिता अकाउंटिंग सिखाने के लिए सेंचुरी मिल ऑफिस ले जाते थे, लेकिन पिता की मृत्यु के बाद जब उन्होंने बिजनेस संभाला, तब वे उम्र में बहुत छोटे थे और मानसिक रूप से इसके लिए तैयार नहीं थे।
बचपन में यश की दादी उन्हें हिन्दू धर्म-दर्शन की कहानियां सुनाती थीं, जिसका उन पर गहरा असर पड़ा। ऋषिकेश, मानसरोवर सहित कई धार्मिक स्थलों की यात्रा कर चुके यश की आज भी धर्म और अध्यात्म में गहरी रुचि है। यश उपनिषदों को पढ़ते हैं। ऐसा नहीं है कि वे मॉर्डन लाइफ स्टाइल के शौकीन नहीं हैं। यश घर की प्राइवेट जिम में सुबह पसीना बहाने के साथ-साथ रोजाना ध्यान और प्राणायाम भी करते हैं। शराब और ड्रग्स से दूर रहने वाले यश को पेज 3 की पार्टियों में भी जाना पसंद है।
यश ने जिमिंग के दौरान बने अपने एक दोस्त को कंपनी में 'ग्रुप प्रेसिंडेट-कॉर्पोरेट अफेयर्स' बना दिया था। इसके बाद बहुत विवाद भी हुआ था। यश बिड़ला ग्रुप की कुछ कंपनियां लंबे समय से घाटे में चल रही हैं।
यश के करीबियों अनुसार उनके गलत निर्णयों के कारण कंपनियों में घाटा हो रहा है। विजय माल्या और रिचर्ड ब्रेन्सन को अपना आदर्श मानने वाले यश ने कंपनी की इमेज बनाने के लिए एडवर्टाइजिंग एजेंसी की मदद भी ली, लेकिन उनके ग्रुप की कंपनियां कुछ खास नहीं कर पाईं।