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Last Updated :नई दिल्ली , सोमवार, 25 सितम्बर 2023 (16:49 IST)

Monsoon Updates: भारत से मानसून की वापसी, लगातार 13वीं बार देरी से हो रही विदाई

Monsoon Updates:  भारत से मानसून की वापसी, लगातार 13वीं बार देरी से हो रही विदाई - Withdrawal of southwest monsoon begins in India, eight days after normal date of September 17: IMD
Monsoon in india : भारत में 17 सितंबर की सामान्य तिथि से 8 दिन बाद सोमवार से मॉनसून की वापसी शुरू हो गई। भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने यह जानकारी दी। आईएमडी ने एक बयान में कहा कि दक्षिण पश्चिम मॉनसून आज दक्षिण पश्चिम राजस्थान के कुछ हिस्सों से लौटना शुरू हो गया। दक्षिण पश्चिम राजस्थान से इसके लौटने की सामान्य तिथि 17 सितंबर थी।
 
इस साल मॉनसून की वापसी में देरी के साथ यह लगातार 13वीं बार है जब मॉनसून देरी से लौट रहा है।
 
उत्तर पश्चिम भारत से मॉनसून की वापसी भारतीय उपमहाद्वीप से इसकी वापसी की शुरुआत का प्रतीक है। मॉनसून की वापसी में किसी भी प्रकार की देरी का मतलब लंबे समय तक बारिश का मौसम बना रहना है जिसका कृषि उत्पादन पर उल्लेखनीय प्रभाव पड़ सकता है, विशेषकर उत्तर पश्चिम भारत में, जहां रबी फसल की पैदावार में वर्षा की अहम भूमिका होती है।
आम तौर पर दक्षिण पश्चिम मॉनसून केरल में एक जून को आता है और आठ जुलाई तक पूरे देश में पहुंच जाता है। यह 17 सितंबर के आस पास उत्तर पश्चिम भारत से लौटने लगता है और 15 अक्टूबर तक पूरे देश से चला जाता है।
 
आईएमडी ने बताया कि देश के उत्तर-पश्चिमी भागों से मॉनसून की वापसी की घोषणा 1 सितंबर के बाद 3 प्रमुख बातों के आधार पर की जाती है: क्षेत्र में लगातार पांच दिन तक वर्षा की कोई गतिविधि नहीं होना, निचले क्षोभमंडल (850 एचपीए और नीचे) में प्रतिचक्रवात बनना और नमी की मात्रा में काफी कमी आना।
 
भारत में मॉनसून के इस मौसम में अब तक 796.4 मिलीमीटर बारिश हुई है, जबकि मॉनसून के मौसम में सामान्यत: 843.2 मिलीमीटर बारिश होती है। यानी इस बार बारिश छह प्रतिशत कम हुई है। दीर्घावधि औसत (एलपीए) के 94 प्रतिशत से 106 प्रतिशत के बीच वर्षा को सामान्य माना जाता है।
 
आमतौर पर, मॉनसून के दौरान चार महीने में (जून से सितंबर) देश में औसतन 870 मिलीमीटर वर्षा होती है।
 
मॉनसून से पहले, आईएमडी ने भारत के लिए लिए सामान्य मॉनसून का पूर्वानुमान जताया था, लेकिन उसने आगाह किया था कि ‘अलनीनो’ दक्षिण पश्चिम मॉनसून के उत्तरार्ध को प्रभावित कर सकता है। ‘अलनीनो’ का अर्थ दक्षिण अमेरिका के पास प्रशांत महासागर में पानी का गर्म होना होता है।
 
‘अल नीनो’ की स्थिति भारत में मॉनसून के दौरान कमजोर हवाओं और शुष्क परिस्थितियों से जुड़ी है।
 
भारत में जून में कम वर्षा हुई, लेकिन उत्तर पश्चिम भारत में लगातार पश्चिमी विक्षोभ और मैडेन-जूलियन ऑसिलेशन (एमजेओ) के अनुकूल चरण के कारण जुलाई में अत्यधिक वर्षा हुई।
 
एमजेओ एक व्यापक वायुमंडलीय विक्षोभ होता है जो उष्णकटिबंधीय अफ्रीका में उत्पन्न होता है और पूर्व की ओर बढ़ता है, जिसकी अवधि आमतौर पर 30 से 60 दिन तक होती है।
 
अगस्त 2023 को 1901 के बाद से सबसे शुष्क अगस्त महीना और भारत में अब तक का सबसे गर्म अगस्त महीना दर्ज किया गया, लेकिन कई निम्न दबाव प्रणालियों और एमजेओ के सकारात्मक चरण के कारण सितंबर में अधिक बारिश हुई।
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