• Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. टेक्नोलॉजी
  3. आईटी न्यूज़
  4. spyware can infect your phone or computer through advertisements you see online
Written By
Last Modified: सोमवार, 25 सितम्बर 2023 (17:03 IST)

spyware VS Malware : आपके मोबाइल और कम्प्यूटर के लिए कितने खतरनाक?

spyware VS Malware : आपके मोबाइल और कम्प्यूटर के लिए कितने खतरनाक? - spyware can infect your phone or computer through advertisements you see online
आपने क्या किया, आप कहां गए, आपने किससे बात की, आपने क्या खरीदा, आप क्या खरीदने के बारे में सोच रहे हैं और भी बहुत कुछ गतिविधियों के बारे में हर दिन आप डिजिटल सुराग छोड़ते हैं। डेटा का यह समूह निजीकृत विज्ञापनों के लिए सुरागों की एक लाइब्रेरी के रूप में कार्य करता है। यह समूह विज्ञापनदाताओं, प्रकाशकों और विज्ञापन बिचौलियों का एक स्वचालित बाजार होता है जो तीव्र गति से काम करता है।
 
विज्ञापन नेटवर्क आपकी पहचान को छुपाने के लिए तैयार किए गए हैं, लेकिन कंपनियां और सरकारें आपकी पहचान करने और आपकी गतिविधियों तथा ऑनलाइन गतिविधियों का पता लगाने में सक्षम हैं।
 
स्पाइवेयर अभी भी अधिक आक्रामक है। वायरस के जोखिम वाला सॉफ्टवेयर जिसे कोई सरकारी एजेंट, निजी जांचकर्ता या अपराधी किसी के फोन या कंप्यूटर पर उनकी जानकारी या सहमति के बिना ‘इंस्टॉल’ करता है।
 
स्पाइवेयर के जरिए यूजर्स की कॉल, टेक्स्ट, ई-मेल और वॉइस मेल तक पहुंच हो जाती है। स्पाइवेयर के कुछ रूप फोन को कंट्रोल कर सकते हैं, जिसमें उसका माइक्रोफोन और कैमरा चालू करना भी शामिल है।
 
इजराइली अखबार ‘हारेत्ज’ की एक खोजी रिपोर्ट के अनुसार, इन्सानेट नामक एक इजराइली प्रौद्योगिकी कंपनी ने ऑनलाइन विज्ञापन नेटवर्क के माध्यम से स्पाइवेयर उपलब्ध कराने के साधन विकसित किए हैं, कुछ लक्षित विज्ञापनों को ‘ट्रोजन हॉर्स’ में बदल दिया है। ‘ट्रोजन हॉर्स’ को ‘‘सबसे विनाशकारी मैलवेयर’’ के रूप में वर्णित किया जाता है।
 
रिपोर्ट के अनुसार, स्पाइवेयर से निपटने का कोई उपाय नहीं है, और इजराइली सरकार ने इन्सानेट को तकनीक बेचने की मंजूरी दे दी है।
 
इन्सानेट का स्पाइवेयर ‘शर्लक’ पहला स्पाइवेयर नहीं है जिसे फोन के मालिक को किसी दुर्भावनापूर्ण लिंक पर क्लिक करने या दुर्भावनापूर्ण फाइल डाउनलोड करने के लिए धोखा दिए बिना फोन पर ‘इंस्टॉल’ किया जा सकता है।
 
उदाहरण के लिए, एनएसओ का आईफोन-हैकिंग पेगासस पिछले पांच वर्ष में उभरे सबसे विवादास्पद स्पाइवेयर उपकरणों में से एक है।
 
एक ‘शर्लक’ यूजर्स एक विज्ञापन अभियान बनाता है जो लक्ष्य के जनसांख्यिकीय और स्थान पर ध्यान केंद्रित करता है। एक बार जब विज्ञापन किसी वेब पेज पर पेश किया जाता है तो स्पाइवेयर को गुप्त रूप से फोन या कंप्यूटर पर इंस्टॉल किया जाता है।
 
‘शर्लक’ की क्षमताओं की सीमा निर्धारित करना अभी जल्दबाजी होगा। ‘हारेत्ज’ की रिपोर्ट में पाया गया कि यह विंडोज-आधारित कंप्यूटर और एंड्रॉइड फोन के साथ-साथ आईफोन को भी प्रभावित कर सकता है।
 
स्पाइवेयर बनाम मैलवेयर : विज्ञापन नेटवर्क का इस्तेमाल वर्षों से वायरस के जोखिम वाले सॉफ्टवेयर उपलब्ध करने के लिए किया जाता रहा है, जिसे ‘मैलवर्टाइजिंग’ कहा जाता है।
 
ज्यादातर मामलों में, मैलवेयर फोन की बजाय कंप्यूटर पर लक्षित होता है। विज्ञापन नेटवर्क लगातार मैलवेयर के लिए स्कैन करते हैं और पता चलने पर उसे तेजी से ब्लॉक कर देते हैं।
 
दूसरी ओर, स्पाइवेयर आमतौर पर फोन को निशाना बनाता है और इसे गुप्त रूप से संवेदनशील जानकारी प्राप्त करने और किसी की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए तैयार किया गया है।
 
एक बार जब स्पाइवेयर आपके सिस्टम में इंस्टॉल हो जाता है, तो यह कीस्ट्रोक्स को रिकॉर्ड कर सकता है और स्क्रीनशॉट ले सकता है।
 
स्पाइवेयर का उपयोग कौन कर रहा है? : वर्ष 2011 से 2023 तक, कम से कम 74 सरकारें स्पाइवेयर या डिजिटल फोरेंसिक तकनीक हासिल करने के लिए वाणिज्यिक कंपनियों के साथ अनुबंध में शामिल रहीं।
 
राष्ट्रीय सरकारें निगरानी और खुफिया जानकारी इकट्ठा करने के साथ-साथ अपराध और आतंकवाद से निपटने के लिए स्पाइवेयर का इस्तेमाल कर सकती हैं।
 
कानून प्रवर्तन एजेंसियां इसी तरह जांच प्रयासों के तहत स्पाइवेयर का इस्तेमाल कर सकती हैं, खासकर साइबर अपराध, संगठित अपराध या राष्ट्रीय सुरक्षा खतरों से जुड़े मामलों में।
 
कंपनियां कर्मचारियों की कंप्यूटर गतिविधियों पर नजर रखने के लिए स्पाइवेयर का इस्तेमाल कर सकती हैं। निजी जांचकर्ता कानूनी या व्यक्तिगत मामलों पर ग्राहकों के लिए जानकारी और सबूत इकट्ठा करने के लिए स्पाइवेयर का उपयोग कर सकते हैं।
 
हैकर्स और संगठित अपराध से जुड़े लोग धोखाधड़ी या जबरन वसूली के लिए जानकारी चुराने के वास्ते स्पाइवेयर का इस्तेमाल कर सकते हैं। आशा की किरण यह है कि शर्लक का उपयोग करना महँगा प्रतीत होता है।
 
‘हारेत्ज’ की रिपोर्ट में एक दस्तावेज के हवाले से कहा गया है कि ‘शर्लक’ का इस्तेमाल करना महंगा प्रतीत होता है। (द कन्वरसेशन)
ये भी पढ़ें
भारतीय वायुसेना में शामिल हुआ पहला सी-295 विमान