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Last Updated :नई दिल्ली , शुक्रवार, 22 सितम्बर 2023 (18:24 IST)

जानिए उत्तर पश्चिम भारत से कब विदा होगा मानसून, IMD ने बताई तारीख

जानिए उत्तर पश्चिम भारत से कब विदा होगा मानसून, IMD ने बताई तारीख - when monsoon will depart from North-West India
Monsoon in North west India News: भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने शुक्रवार को कहा कि दक्षिण पश्चिम मॉनसून की 25 सितंबर के आसपास उत्तर पश्चिम भारत से वापसी शुरू होने की संभावना है।
 
आमतौर पर दक्षिण-पश्चिम मॉनसून एक जून तक केरल में दस्तक देता है और इसका प्रसार 8 जुलाई तक पूरे देश में हो जाता है। इसकी वापसी 17 सितंबर के आसपास उत्तर-पश्चिम भारत से शुरू होती है जो 15 अक्टूबर तक पूरी हो जाती है।
 
अगले पांच दिन रहेगी बारिश : आईएमडी ने कहा कि अगले 5 दिनों तक उत्तर-पश्चिम और आसपास के पश्चिम-मध्य भारत में कम बारिश की गतिविधियां जारी रहने की उम्मीद है। 25 सितंबर के आसपास पश्चिम राजस्थान के कुछ हिस्सों से दक्षिण-पश्चिम मॉनसून की वापसी के लिए स्थितियां अनुकूल हो रही हैं।
 
उत्तर पश्चिम भारत से मानसून की वापसी भारतीय उपमहाद्वीप से इसकी वापसी की शुरुआत का प्रतीक है। मानसून की वापसी में किसी भी देरी का मतलब है लंबा बारिश का मौसम, जो कृषि उत्पादन पर प्रभाव डाल सकता है, खासकर उत्तर पश्चिम भारत में जहां मॉनसून की बारिश रबी फसल उत्पादन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
 
भारत में इस मानसून के दौरान अब तक 780.3 मिलीमीटर बारिश हुई है, जबकि सामान्य बारिश 832.4 मिलीमीटर होती है। दीर्घावधि औसत (एलपीए) का 94 प्रतिशत से 106 प्रतिशत के बीच वर्षा को सामान्य माना जाता है। आमतौर पर, चार महीने के मॉनसून के मौसम (जून से सितंबर) के दौरान देश में औसतन 870 मिलीमीटर वर्षा होती है।
 
मानसून से पहले आयोजित प्रेसवार्ता में आईएमडी ने भारत के लिए सामान्य मानसून की भविष्यवाणी की थी। हालांकि, इसने आगाह किया था कि ‘अलनीनो’ दक्षिण पश्चिम मॉनसून के उत्तरार्ध को प्रभावित कर सकता है। ‘अलनीनो’ दक्षिण अमेरिका के पास प्रशांत महासागर में पानी का गर्म होना होता है।
 
‘अल नीनो’ की स्थिति भारत में कमजोर मानसून हवाओं और शुष्क परिस्थितियों से जुड़ी है। भारत में जून में कम वर्षा हुई, लेकिन उत्तर-पश्चिम भारत में लगातार पश्चिमी विक्षोभ और मैडेन-जूलियन ऑसिलेशन (एमजेओ) के अनुकूल चरण के कारण जुलाई में अत्यधिक वर्षा हुई।
 
एमजेओ एक बड़े पैमाने पर वायुमंडलीय विक्षोभ होता है जो उष्णकटिबंधीय अफ्रीका में उत्पन्न होता है और पूर्व की ओर बढ़ता है, जिसकी अवधि आमतौर पर 30 से 60 दिनों तक होती है।
 
अगस्त 2023 को 1901 के बाद से सबसे शुष्क महीना और भारत में अब तक का सबसे गर्म महीना दर्ज किया गया। हालांकि, कई निम्न दबाव प्रणालियों और एमजेओ के सकारात्मक चरण के कारण सितंबर में अधिक बारिश हुई। (भाषा)
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