हरियाणा विधानसभा चुनाव में अरविंद केजरीवाल बनेंगे किंगमेकर?
दिल्ली के मुख्यमंत्री कुर्सी छोड़ने के बाद आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल पूरी ताकत के साथ हरियाणा विधानसभा चुनाव के प्रचार अभियान में जुट गए है। शुक्रवार को दिल्ली से सटे यमुनानगर के जगाधरी में अरविंकद केजरीवाल के पहले रोड शो में जहां आम आदमी पार्टी ने अपना शक्ति प्रदर्शन किया वहीं केजरीवाल का यह बयान कि हरियाणा में कोई भी सरकार AAP के सहयोग के बिना नहीं बनेगी, सूबे की सियासी तस्वीर को बहुत कुछ साफ करती है।
हरियाणा में केजरीवाल बनेंगे किंगमेकर?-हरियाणा में सभी 90 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ रही आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संजोयक केजरीवाल के चुनावी रण में दिए गए बयान से कई सवाल उठ रहे है।
पहला सवाल क्या हरियाणा में केजरीवाल की पार्टी किंगमेकर बनने जा रही है?
दूसरा सवाल हरियाणा में आम आदमी पार्टी भाजपा और कांग्रेस में से किसका खेल बिगाड़ेगी?
तीसरा सवाल हरियाणा में आम आदमी पार्टी क्या क्षेत्रीय पार्टियों को चुनौती दे रही है?
अरविंद केजरीवाल हरियाणा के हिसार के खेड़ा गांव से आते है और यहीं कारण है कि चुनाव में अरविंद केजरीवाल मेरी रगों में हरियाणा का खून बहता है और खुद को हरियाणा का बेटा बताने वाले बयान दे रहे है। वहीं हरियाणा में आम आदमी पार्टी ने पिछले पांच सालों में अपना एक मजबूत नेटवर्क खड़ा किया है और पार्टी के कार्यकर्ता बहुत एक्टिव है। वहीं अरविंद केजरीवाल के तिहाड़ से बाहर आने के बाद आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं का जोश अब सातवें आसमान पर है।
2019 में आप ने हरियाणा विधान सभा की 46 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे, लेकिन उसका प्रदर्शन कुछ खास नहीं था। लेकिन इस बार कहानी कुछ अलग है। हरियाणा में सभी 90 सीटों पर चुनाव लड़ रही पार्टी कई सीटों पर काफी मजबूत नजर आ रही है। वहीं हरिय़ाणा की जनता में भाजपा और कांग्रेस के साथ-साथ क्षेत्रीय दलों के खिलाफ तगड़ी नाराजगी देखी जा रही है, ऐसे में अब चुनाव में आम आदमी पार्टी लोगों के सामने एक विकल्प के रूप में है।
दूसरा सवाल हरियाणा में आम आदमी पार्टी से भाजपा और कांग्रेस को सीधा नुकसान होना तया है। आम आदमी पार्टी ने हरियाणा चुनाव में कुछ ऐसे नेताओं को टिकट दिए हैं जो कांग्रेस और भाजपा से बगावत करके आए है। ऐसे में ये नाराज नेता भले ही चुनाव ना जीत पाए लेकिन कांग्रेस और बीजेपी का खेल जरूर बिगाड़ सकते हैं।दरअसल आम आदमी पार्टी के चुनावी मैदान में आ जाने से वोटरों में बिखराव होगा और इसका नुकसान कांग्रेस को उठाना पड़ेगा। आम आदमी पार्टी का चुनावी इतिहास भी बताता है कि जब-जब आम आदमी पार्टी का विस्तार हुआ है तब तक भाजपा और कांग्रेस को ही नुकसान उठाना पड़ा है। चुनाव में आम आदमी पार्टी पंजाब और दिल्ली से सटी सीटों पर अपना खास प्रभाव छोड़ सकती है। वहीं आम आदमी पार्टी की शहरी इलाकों में अच्छी पकड़ मानी जाती है, ऐसे में पार्टी भाजपा को भी नुकसान पहुंचा सकती है। अब हरियाणा में पार्टी को जिताने की जिम्मेदारी केजरीवाल के कंधों पर आ गई है। अगर पार्टी सीटें ना भी जीते तो कांग्रेस और बीजेपी दोनों को नुकसान कर सकती है।
हरियाणा विधानसभा चुनाव में इस बार दो प्रमुख क्षेत्रीय इंडियन नेशनल लोकदल और जेजेपी अपनी अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहे है। 2019 के विधानसभा चुनाव में 10 विधायकों के साथ किंगमेकर बनने वाली दुष्यंत चौटाला की पार्टी जेजेपी के प्रति लोगों ने नाराजगी नजर आ रही है। वहीं इंडियन नेशनल लोकदल में नेतृत्व का संकट और गुटबाजी उसके अस्तित्व के सामने चुनौती है। ऐसे में आम आदमी पार्टी इसे अपने लिए एक मौके के तौर पर देख रही है। आम आदमी उन लोगों को एक अच्छे विकल्प की तरह दिखती है जो कांग्रेस या बीजेपी को वोट नहीं देना चाहते। इसलिए आम आदमी पार्टी को हरियाणा में अपने लिए काफी संभावना नजर आ रही है।
केजरीवाल का इमोशनल दांव-यमुनानगर के जगाधरी में चुनावी रैली में अरविंद केजरीवाल ने जहां खुद को हरियाणा के बेटा बताते हुए कहा कि मेरी रगों में हरियाणा का खून बहता है। वहीं दिल्ली के मुख्यमंत्री की कुर्सी को छोड़ने का जिक्र करते हुए कहा कि वह मुख्यमंत्री की कुर्सी पर आराम से बैठ सकते थे, लेकिन उन्होंने इस्तीफा देकर जनता के सामने खुद को ईमानदार साबित करने का निर्णय लिया. उन्होंने कहा, "अगर जनता को लगता है कि मैं बेईमान हूं तो मुझे वोट न दें. अगर जनता मुझे ईमानदार मानती है, तभी मुझे दोबारा मुख्यमंत्री बनाए।" अरविंद केजरीवाल ने ये भी कहा कि उन्होंने ईमानदारी की राह चुनी है और यह साहस आज तक किसी अन्य नेता ने नहीं दिखाया। केजरीवाल ने कहा कि हरियाणा का हर बच्चा उनके साथ हुए अन्याय का बदला लेगा और भाजपा को राज्य से बाहर भेजेगा।