शुक्रवार, 15 नवंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. राष्ट्रीय
  4. VHP demands from Pakistan government
Written By
Last Modified: शुक्रवार, 29 मार्च 2019 (09:29 IST)

हिन्दुओं पर अत्याचार रोके पाकिस्तान सरकार, विहिप ने की मांग

हिन्दुओं पर अत्याचार रोके पाकिस्तान सरकार, विहिप ने की मांग - VHP demands from Pakistan government
नई दिल्ली। विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) ने गुरुवार को पाकिस्तान सरकार से मांग की कि वहां अपहृत नाबालिग हिन्दू बालिकाओं को रिहा कराने के साथ ही हिन्दू अल्पसंख्यकों के उत्पीड़न एवं उनके धर्मस्थलों के प्रति दुर्व्यवहार की घटनाओं पर पूरी तरह से रोक लगाई जाए।
 
विहिप के महासचिव मिलिंद परांडे और केन्द्रीय सचिव प्रशांत हरतालकर ने यहां कहा कि संपूर्ण विश्व के हिन्दुओं की मांग है कि पाकिस्तान में अपहृत हिन्दू नाबालिग बालिकाओं को रिहा कर वहां पर हिन्दुओं, उनकी संस्कृति एवं धर्मस्थलों के विरुद्ध लगातार हो रहे उत्पीड़न पर पूर्ण विराम लगाया जाए।
 
परांडे ने कहा कि पाकिस्तान के घोटी जिले की रवीना (13) और रीना (16) तथा बादिन जिले की मेघवाल हिन्दू समुदाय की एक अन्य 16 वर्षीय बालिका को अविलंब रिहा कर इनके परिजनों को सौंपा जाए। इन नाबालिग बालिकाओं का हिन्दुओं के पवित्र होली के त्योहार के दिन न सिर्फ बंदूक की नोंक पर अपहरण कर स्थानीय मस्जिद में ले जाया गया बल्कि जबरन धर्मांतरण एवं इच्छा विरुद्ध निकाह भी किया गया।
 
विहिप ने पाकिस्तान सरकार, वहां की न्याय व्यवस्था तथा अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग से भी हिन्दुओं के मानवाधिकारों एवं नागरिक अधिकारों पर पाकिस्तान में लगातार हो रहे अत्याचारों के विरुद्ध अविलंब प्रभावी कदम उठाने की मांग की है।
 
विहिप नेता ने कहा कि अनेक स्वयंसेवी संगठनों, ग्लोबल ह्यूमन राइट्स डिफेंस सहित अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार समूहों तथा मूवमेंट ऑफ सॉलिडेयरिटी एंड पीस के एक अनुमान के अनुसार पाकिस्तान में हर वर्ष बलपूर्वक 1,000 से अधिक हिन्दू बालिकाओं एवं महिलाओं का अपहरण तथा इस्लाम में धर्मांतरण किया जाता है। पाकिस्तान के न्यायालय तथा न्यायिक व्यवस्था भी दबावपूर्ण तरीकों से बनाए गए फर्जी दस्तावेजों तथा बयानों के आधार पर इस्लामिक जिहादियों का ही समर्थन करती है।
 
उन्होंने आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि 1947 से लेकर आज तक पाकिस्तान में हिन्दुओं का लगातार उत्पीड़न होता रहा है। यही कारण है कि पाकिस्तान में भारत विभाजन के समय हिन्दुओं की 16 प्रतिशत जनसंख्या सन् 2011 में मात्र 1.6 प्रतिशत रह गई। आखिर 90 फीसदी हिन्दू कहां चले गए? इसके पीछे उनका लगातार कानूनी, सामाजिक तथा प्रशासनिक उत्पीड़न ही तो उत्तरदायी है, जो प्रारंभ से आज तक जारी है।
 
परांडे ने इन नाबालिग बालिकाओं के संदर्भ में भारत सरकार द्वारा की गई त्वरित कार्रवाई तथा पाकिस्तानी व्यवस्था में उत्पीड़न का शिकार निर्वासित हिन्दुओं को भारत में लंबी अवधि के वीजा, उनकी नागरिकता तथा पुनर्वास संबंधी व्यवस्थाओं में सहयोग करने पर धन्यवाद ज्ञापित किया।
 
भारत के नागरिक कानून में बदलाव के प्रयासों पर भी संतोष व्यक्त करते हुए विहिप महासचिव ने कहा कि विश्वभर के किसी भी कोने में रहने वाला हिन्दू जब धार्मिक उत्पीड़न का शिकार होता है तो स्वाभाविक रूप से वह भारत से ही आस लगाता है।
 
उन्होंने कहा कि हालांकि अपने नागरिकों की धार्मिक तथा मानवाधिकार संबंधी सुरक्षा की जवाबदेही वहां की स्थानीय सरकारों की है लेकिन फिर भी विश्व हिन्दू परिषद विश्वभर में धार्मिक उत्पीड़न के शिकार हिन्दुओं का भारत में स्वागत करती है।
ये भी पढ़ें
क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ बनारस से चुनाव लड़ेंगी प्रियंका गांधी?