सुरंग में मजदूरों के मददगार थे गब्बर सिंह नेगी, 17 दिनों तक बनाए रखा 40 साथियों का हौसला
Uttarakhand Tunnel rescue : उत्तराखंड के उत्तरकाशी में निर्माणाधीन सिलक्यारा सुरंग का हिस्सा ढहने के कारण फंसे 41 मजदूरों को आखिरकार 17 दिनों की मशक्कत के बाद सुरक्षित निकाल लिया गया। बताया जा रहा है कि गब्बर सिंह नेगी 400 से ज्यादा घंटों तक सुरंग में फंसे मजदूरों का हौसला बना रखा।
51 साल के गब्बर सिंह नेगी नवयुग नामक कंपनी में फोरमैन हैं। वे चिकित्सा टीम द्वारा दिए गए निर्देशों का अपने साथियों से पालन करवाते रहे। वे लगातार अपने साथ फंसे साथियों से कहते रहे कि शांति बनाए रखें और जल्द ही हम लोगों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया जाएगा। उनका कहना था कि मैं सबसे आखिरी में बाहर निकलूंगा। वे बचाव पाइप से बाहर निकलने वाले आखिरी श्रमिक थे।
पौड़ी जिले के विशनपुर निवासी गब्बर सिंह नेगी पिछले 25 वर्षों से सुरंग निर्माण कंपनियों से जुड़े हुए हैं। गब्बर सिंह ने अपने श्रमिक साथियों ने बताया कि वह कुछ वर्ष पूर्व भी इसी तरह निर्माण के दौरान सुरंग में फंस चुके हैं। अपने अनुभवों और बातों से उन्होंने सभी श्रमिकों में उम्मीद जगाए रखी। नेगी ने सुरंग में मजदूरों को स्वस्थ बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की।
सुरंग से निकले मजदूरों के अनुसार, टनल में शुरूआती कुछ घंटे मुश्किल थे क्योंकि हमें घुटन महसूस हो रही थी। लेकिन उसके बाद बाहर से लोगों के साथ संपर्क हुआ और फिर धीरे—धीरे सब सामान्य हो गया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी एक्स पर अपनी पोस्ट में कहा कि टनल में जो साथी फंसे हुए थे, उनसे मैं कहना चाहता हूं कि आपका साहस और धैर्य हर किसी को प्रेरित कर रहा है। मैं आप सभी की कुशलता और उत्तम स्वास्थ्य की कामना करता हूं।
उन्होंने कहा कि यह अत्यंत संतोष की बात है कि लंबे इंतजार के बाद अब हमारे ये साथी अपने प्रियजनों से मिलेंगे। इन सभी के परिजनों ने भी इस चुनौतीपूर्ण समय में जिस संयम और साहस का परिचय दिया है, उसकी जितनी भी सराहना की जाए वो कम है।
Edited by : Nrapendra Gupta