बुलडोजर बाबा के नाम से मशहूर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यूपी की राजनीति में एक नया इतिहास बना दिया है। दरअसल, योगी यूपी के ऐसे एकमात्र मुख्यमंत्री बन गए हैं, जो लगातार 6 साल तक इस पद पर बने हुए हैं। इनसे पहले संपूर्णानंद ही ऐसे नेता थे, जो 5 साल 345 दिन तक इस पद पर रहे थे।
योगी आदित्यनाथ पहली बार 19 मार्च 2017 को देश के सबसे बड़े राज्य यूपी के मुख्यमंत्री बने थे। इसके बाद 2022 में भी भाजपा ने यूपी में बहुमत हासिल किया था और योगी एक बार फिर मुख्यमंत्री बने। योगी पहला कार्यकाल पूर्ण कर दूसरी बार मुख्यमंत्री बनने वाले भी यूपी के पहले नेता हैं।
यूं तो गोविंद वल्लभ पंत, चौधरी चरण सिंह, हेमवती नंदन बहुगुणा, नारायण दत्त तिवारी, विश्वनाथ प्रताप सिंह, मुलायम सिंह यादव, कल्याण सिंह, मायावती, राजनाथ सिंह जैसे दिग्गज नेता यूपी के मुख्यमंत्री रहे हैं, लेकिन किसी ने भी लगातार 5 साल का कार्यकाल पूरा नहीं किया। नारायण दत्त तिवारी तो 3 बार राज्य के मुख्यमंत्री रहे, जबकि भाजपा नेता कल्याण सिंह 2 बार मुख्यमंत्री बने।
योगी से पहले अखिलेश यादव ही एकमात्र यूपी के मुख्यमंत्री रहे हैं, जिन्होंने अपना एक कार्यकाल पूरा किया। हालांकि दूसरी बार उनकी सत्ता में वापसी नहीं हो पाई।
एक ही सीट से लगातार 5 बार सांसद रहे : योगी आदित्यनाथ गोरखपुर स्थित गोरक्षपीठ के पीठाधीश्वर भी हैं। वह 5 बार लगातार गोरखपुर संसदीय सीट का भी प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। इस लिहाज से एक ही सीट से लगातार लोकसभा का चुनाव जीतने वाले देश के चुनिंदा सांसदों में भी उनका शुमार होता है। गोरखपुर संसदीय सीट गोरक्षपीठ की परंपरागत सीट मानी जाती है। 1989 से ही इस सीट पर पीठ का ही प्रतिनिधित्व रहा है।
जब प्रदेश के अधिकतर सीटों पर भाजपा को हार का सामना करना पड़ता था उस समय भी योगी आदित्यनाथ के गुरु एवं पीठ के पीठाधीश्वर ब्रह्मलीन महंत अवैद्यनाथ उस सीट पर जीतते रहे। आज भी वह सीट मंदिर के ही खाते में है। योगी के मुख्यमंत्री बनने के बाद हुए उपचुनाव के नतीजा इसका अपवाद है। 1998 में इस सीट पर योगी आदित्यनाथ भाजपा के टिकट पर पहली बार सांसद चुने गए। उसके बाद से वह लगातार यह जीतने रहे हैं।
2009 के चुनाव में योगी 2,20,271 वोटों के अंतर से जीते थे। उन्हें कुल 403156 वोट मिले थे। 2014 के चुनावों में उन्हें न सिर्फ बड़े अंतर से जीत मिली, बल्कि उनके वोटों की संख्या में भी 1,35,971 की वृद्धि हुई थी। उस चुनाव में उन्हें कुल 5,39,127 वोट मिले थे। इस तरह पिछले चुनाव के रिकार्ड को पीछे छोड़ते हुए उन्होंने 312783 मतों के बड़े अंतर से जीत दर्ज की थी। तब भी 5 लाख से अधिक वोट पाने वाले और तीन लाख से अधिक वोटों से जीतने वाले चुनिंदा लोग ही थे।
यूपी ने दी थी देश को पहली महिला मुख्यमंत्री : देश के किसी सूबे को पहली महिला मुख्यमंत्री देने का श्रेय भी उत्तर प्रदेश को ही है। नाम था सुचेता कृपलानी। वह 1952 में गोरखपुर मध्य से संसदीय चुनाव लड़ी थी पर हार गईं। 1962 में मेहदावल से विधानसभा का चुनाव लड़ीं और संघ के चंद्रशेखर सिंह को शिकस्त दी। वह 2 अक्टूबर 1963 से 13 मार्च 1967 तक सूबे की सीएम भी रहीं।
अंबाला के एक बंगाली परिवार में 25 जून 1908 में पैदा हुई सुचेता मजमुदार अपने समय से आगे थीं। दिल्ली स्थित देश के सर्वश्रेष्ठ शिक्षण संस्थान इंद्रप्रस्थ व स्टीफेंस कॉलेज से पढ़ी-लिखीं और बीएचयू में अध्यापन कर चुकीं सुचेता प्रसिद्ध समाजशास्त्री आचार्य जेबी कृपालानी से शादी के बाद कृपलानी हो गईं। भारत छोड़ो आंदोलन में वह अरुणा आसफ अली व ऊषा मेहता जैसी क्रांतिकारी भूमिका निभाने वाली महिलाओं में से थीं। देश के विभाजन के बाद नोआखाली के दंगों में वह वहां गांधीजी के साथ थीं। संविधान सभा की सदस्य थीं।