गुरुवार, 19 दिसंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. राष्ट्रीय
  4. India and Japan resolve to expand global strategic partnership
Written By
Last Modified: सोमवार, 20 मार्च 2023 (14:48 IST)

भारत और जापान ने लिया वैश्विक रणनीतिक साझेदारी को विस्तार देने का संकल्प

भारत और जापान ने लिया वैश्विक रणनीतिक साझेदारी को विस्तार देने का संकल्प - India and Japan resolve to expand global strategic partnership
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उनके जापानी समकक्ष फुमियो किशिदा ने सोमवार को भारत-जापान वैश्विक रणनीतिक साझेदारी का विस्तार करने का संकल्प लिया और कहा कि यह शांतिपूर्ण, स्थिर और समृद्ध हिंद-प्रशांत के लिए महत्वपूर्ण है।
 
दोनों प्रधानमंत्रियों ने भारत-जापान द्विपक्षीय संबंधों में हुई प्रगति की समीक्षा की और रक्षा उपकरण और प्रौद्योगिकी सहयोग, व्यापार, स्वास्थ्य और डिजिटल साझेदारी पर विचारों का आदान प्रदान किया।
 
वार्ता के बाद मीडिया को दिए साझा बयान में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत-जापान ‘विशेष रणनीतिक और वैश्विक साझेदारी’ हमारे साझा लोकतांत्रिक मूल्यों और अंतरराष्ट्रीय पटल पर कानून के सम्मान पर आधारित है। इस साझेदारी को मजबूत बनाना हमारे दोनों देशों के लिए तो महत्वपूर्ण है ही, इससे हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति, समृद्धि और स्थिरता को भी बढ़ावा मिलता है।
 
उन्होंने बताया कि सेमीकंडक्टर और अन्य महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकियों में विश्वस्त आपूर्ति श्रृंखला के महत्व पर भी दोनों नेताओं के बीच ‘सार्थक चर्चा’ हुई। पिछले साल भारत में 5 लाख करोड़ येन (3,20,000 करोड़ रुपए) के निवेश के जापान के लक्ष्य का उल्लेख करते हुए मोदी ने कहा कि यह संतोष का विषय है कि इस दिशा में अच्छी प्रगति हुई है।
 
प्रधानमंत्री मोदी ने भारत-जापान औद्योगिक प्रतिस्पर्धात्मकता भागीदारी (आईजेआईसीपी) की स्थापना का भी जिक्र किया और कहा कि इसके अंतर्गत दोनों देश लॉजिस्टिक्स, खाद्य प्रसंस्करण, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई), वस्त्र संबंधी उपकरण और इस्पात जैसे क्षेत्रों में भारतीय उद्योगों की प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ाई जा रही है।
 
उन्होंने कहा कि आज हमने इस साझेदारी की सक्रियता पर भी प्रसन्नता व्यक्त की है। मोदी ने कहा कि मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड रेल परियोजना पर भी ‘हम तेजी से आगे बढ़’ रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत और जापान वर्ष 2023 को ‘टूरिज्म एक्सचेंज’ वर्ष के रूप में मना रहे हैं और इसके लिए दोनों देशों ने ‘कनेक्टिंग हिमालयाज विद माउंट फूजी’ नाम का थीम चुना है।
 
उन्होंने कहा कि भारत जी-20 और जापान जी-7 की अध्यक्षता कर रहा है, इसलिए अपनी-अपनी प्राथमिकताओं और हितों पर साथ मिलकर काम करने का यह उत्तम अवसर है। मोदी ने कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री किशिदा को भारत की जी-20 अध्यक्षता की प्राथमिकताओं के बारे में विस्तार से बताया।
 
उन्होंने कहा कि हमारी जी-20 अध्यक्षता का एक महत्वपूर्ण स्तंभ ग्लोबल साउथ की प्राथमिकताओं को आवाज देना है। वसुधैव कुटुंबकम को मानने वाली संस्कृति सभी को साथ लेकर चलने में विश्वास रखती है और इसलिए हमने यह पहल की है। मोदी ने बताया कि जापानी प्रधानमंत्री ने मई महीने में हिरोशिमा में होने वाले जी-7 सम्मेलन के लिए निमंत्रण दिया।
 
उन्होंने कहा कि इसके बाद सितंबर में जी-20 सम्मेलन के लिए उन्हें प्रधानमंत्री किशिदा का फिर से भारत में स्वागत करने का अवसर मिलेगा। उन्होंने कहा कि हमारी बातचीत और संपर्कों का यह सिलसिला इसी प्रकार चलता रहे और भारत जापान संबंध लगातार नई ऊंचाइयों को छूते रहें।
 
जापान के प्रधानमंत्री करीब 27 घंटे की यात्रा पर सोमवार सुबह करीब आठ बजे दिल्ली पहुंचे। किशिदा ने कहा कि नई दिल्ली के साथ टोक्यो का आर्थिक सहयोग तेजी से बढ़ रहा है और यह न केवल भारत के आगे के विकास का समर्थन करेगा, बल्कि जापान के लिए महत्वपूर्ण आर्थिक अवसर पैदा करेगा।
 
किशिदा ने कहा कि मैं आज भारत की धरती पर मुक्त और खुले हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए अपनी योजना का अनावरण करूंगा। जापानी प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्होंने मई में जी-7 शिखर सम्मेलन के लिए मोदी को औपचारिक रूप से आमंत्रित किया है और उनके भारतीय समकक्ष ने निमंत्रण स्वीकार कर लिया।
 
वार्ता से पहले भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने ट्वीट किया, ‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने द्विपक्षीय प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता से पहले जापान के प्रधानमंत्री किशिदा का स्वागत किया। दोनों नेताओं के लिए हमारे द्विपक्षीय संबंधों में प्रगति की समीक्षा करने और कोविड-19 के बाद शांतिपूर्ण, स्थिर और समृद्ध दुनिया के लिए भारत-जापान साझेदारी को और विस्तारित करने का अवसर है।
 
भारत आने से पहले क्या कहा था किशिदा ने : किशिदा ने रविवार को कहा था कि उनकी यात्रा का उद्देश्य दोनों देशों के बीच ‘विशेष रणनीतिक और वैश्विक साझेदारी’ को और गहरा करना होगा। उन्होंने कहा कि इस साल जापान जी-7 की अध्यक्षता कर रहा है जबकि भारत जी-20 की अध्यक्षता कर रहा है। मैं इस सवाल पर प्रधानमंत्री मोदी के साथ विचारों का आदान-प्रदान करना चाहता हूं कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय में जापान और भारत की क्या भूमिका निभानी चाहिए।
 
किशिदा ने कहा कि इसके साथ ही द्विपक्षीय जापान-भारत संबंधों के संबंध में, मैं भारत और जापान के बीच विशेष रणनीतिक और वैश्विक साझेदारी को और गहरा करने की पुष्टि करना चाहता हूं। उन्होंने कहा कि मैं मुक्त एवं खुले हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए एक नई योजना पर भारत में एक संबोधन भी दूंगा। मैं इस ऐतिहासिक मोड़ पर खुले और मुक्त हिंद-प्रशांत की भूमिका के बारे में स्पष्ट रूप से अपनी सोच रखूंगा।
ये भी पढ़ें
SC का 'लिव-इन' संबंधों के पंजीकरण से इनकार, याचिका को बताया मूर्खतापूर्ण विचार