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  4. Unethically expelled by ethics panel : Mahua Moitra calls it badge of honour
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Last Modified: कोलकाता , गुरुवार, 9 नवंबर 2023 (21:32 IST)

Cash For Query : एथिक्स कमेटी के फैसले पर महुआ मोइत्रा का रिएक्शन, निष्कासित करना है तो कर दें फिर लौटूंगी सदन

Mahua Moitra
तृणमूल कांग्रेस (TMC) की नेता महुआ मोइत्रा (Mahua Moitra)  ने ‘पैसे लेकर सवाल पूछने’ (Cash For Query ) से जुड़े विवाद में लोकसभा की आचार समिति की निष्कासन की सिफारिश को खारिज करते हुए इसे ‘एक कंगारू अदालत द्वारा पहले से फिक्स मैच’ करार दिया और कहा कि यह भारत में ‘लोकतंत्र की मौत’ है।
 
भाजपा सांसद विनोद कुमार सोनकर की अध्यक्षता वाली समिति ने गुरुवार को मोइत्रा के निष्कासन के सुझाव वाली अपनी रिपोर्ट को मंजूरी दी।
 
महुआ ने फोन पर पीटीआई को दिए इंटरव्यू में कहा कि भले ही वे मुझे लोकसभा से निष्कासित कर दें, मैं अगली लोकसभा में बड़े अंतर से जीतकर आऊंगी।
 
मोइत्रा ने कहा कि ‘यह एक कंगारू अदालत का पहले से फिक्स मैच है जिसमें हैरानी की कोई बात नहीं है। लेकिन देश के लिए बड़ा संदेश यह है कि भारत के लिए यह संसदीय लोकतंत्र की मृत्यु है।’
 
उन्होंने आचार समिति की प्रक्रिया को कंगारू अदालत के समान होने का दावा करते हुए कहा कि पहले दिन से यह कंगारू अदालत थी। कोई सबूत नहीं, कुछ नहीं। उन्होंने मुझे पूछताछ के लिए बुलाया, वो पूरी नहीं हुई क्योंकि अध्यक्ष ने अन्य लोगों को मुझसे प्रश्न पूछने की अनुमति नहीं दी।
मोइत्रा ने मुख्य शिकायती से जिरह की अपनी मांग का उल्लेख करते हुए कहा कि मुख्य शिकायती, कथित रूप से रिश्वत देने वाले कोई जिरह नहीं हुई। मुझे मुख्य शिकायती से जिरह की अनुमति नहीं दी गयी। आज तक नकदी या उपहारों के बारे में सबूत का एक टुकड़ा तक नहीं दिया गया। लॉग-इन साझा करने का कोई मुद्दा ही नहीं है क्योंकि हर सांसद 10 लोगों के साथ इसे साझा करता है।’
 
मोइत्रा ने लॉग-इन आईडी और उपहारों के आदान-प्रदान पर अपने रुख को साफ करते हुए कहा कि उन्होंने कुछ भी अनैतिक या गैरकानूनी नहीं किया है।
 
भाजपा सांसद निशिकांत दुबे की शिकायत के अनुसार पश्चिम बंगाल के कृष्णनगर से तृणमूल कांग्रेस की सदस्य मोइत्रा पर कारोबारी दर्शन हीरानंदानी के कहने पर अपने संसदीय खाते के माध्यम से प्रश्न पूछने का और उनके साथ अपनी लॉग-इन आईडी, पासवर्ड साझा करने का आरोप है।
 
मोइत्रा ने पिछले हफ्ते लोकसभा की आचार समिति पर अपमान जनक प्रश्न पूछने का आरोप लगाया था और मर्यादा बनाकर रखने के महत्व पर जोर देते हुए जांच में सहयोग की इच्छा प्रकट की थी। उन्होंने कहा कि आचार समिति के अधिकार क्षेत्र में निष्कासन नहीं आता। 
 
मोइत्रा ने कहा कि अगर यह वास्तव में पैसे लेकर सवाल पूछने का गंभीर मामला है तो यह विशेषाधिकार हनन का मामला है और विशेषाधिकार समिति को भेजा जाना चाहिए। आचार समिति का कार्यक्षेत्र अनैतिक आचरण को देखना है।
 
उन्होंने साफ किया कि सिफारिश को अभी अंतिम रूप नहीं दिया गया है और इसे संसद के शीतकालीन सत्र में लिया जाना चाहिए।
 
तृणमूल कांग्रेस सांसद ने कहा कि यह फैसला उन्हें सवाल पूछते रहने तथा और अधिक जोर के साथ ‘भाजपा-अडाणी की मिलीभगत’ का खुलासा करने से नहीं डिगा सकता ।
 
उन्होंने कहा कि पहली बात तो यह केवल एक सिफारिश है। अभी कुछ नहीं हुआ है। वे इसे संसद के शीतकालीन सत्र में लाएं। यह दरअसल मेरे लिए कुछ नहीं है। यह मुझे चुप नहीं कर सकता।
 
निष्कासन की सिफारिश के आचार समिति के कार्य क्षेत्र की वैधता पर सवाल खड़ा करते हुए मोइत्रा ने कहा कि मुझे खुशी है कि भाजपा ने पूरे देश को दिखा दिया है कि उन्होंने संसदीय लोकतंत्र का कैसा मजाक बनाया है। 
 
भविष्य की रणनीति के बारे में पूछे जाने पर मोइत्रा ने कहा कि पहले वे मुझे निष्कासित करें। इस तरह उन्होंने संकेत दिया कि वह अपने अगले कदम का ऐलान बाद में करेंगी। एजेंसियां
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