Cash For Query Case: क्या महुआ मोइत्रा की सांसदी जाएगी? कल स्पीकर ओम बिरला लेंगे अंतिम फैसला
Cash For Query Case: पैसे लेकर संसद में सवाले पूछने के मामले में तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा की मुश्किलें बढ़ती सकती हैं। गुरुवार को एथिक्स कमेटी की बैठक खत्म हो चुकी है। बैठक में महुआ मोइत्रा के खिलाफ रिपोर्ट को अडॉप्ट किया गया।
इस पर वोटिंग में 6 सांसद समर्थन में थे, जबकि विपक्ष में चार सांसदों ने वोट किए। एथिक्स कमेटी के चेयरमैन विनोद सोनकर ने बताया कि कमेटी की रिपोर्ट के आधार टीएमसी सांसद की लोकसभा सदस्यता जा सकती है। हालांकि विस्तृत रिपोर्ट शुक्रवार को लोकसभा स्पीकर ओम बिरला को सौंपी जाएगी। इसके बाद ही महुआ पर अंतिम फैसला उन्हीं का होगा।
ऐसे में अब सवाल उठता है कि क्या TMC की सांसद महुआ मोइत्रा की सांसदी पर तलवार लटकी हुई है। क्या इस मामले में उनकी सांसदी जा सकती है। जानते हैं सवाल पूछने का पूरा मामला क्या है? मामले में आचार समिति की रिपोर्ट क्या आई है और क्या कहते हैं नियम?
क्या है पैसे लेकर सवाल पूछने का मामला है?
तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा पर कारोबारी दर्शन हीरानंदानी के कहने पर संसद में सवाल पूछने का आरोप है। भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने उनके खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। दुबे ने लोकसभा अध्यक्ष को 15 अक्तूबर को लिखे एक पत्र में आरोप लगाया था कि महुआ द्वारा लोकसभा में हाल के दिनों तक पूछे गए 61 प्रश्नों में से 50 प्रश्न अदाणी समूह पर केंद्रित थे।
लॉगइन आईडी देने का आरोप : महुआ पर आरोप है कि कारोबारी दर्शन हीरानंदानी की ओर से अदाणी समूह पर निशाना साधने के लिए लोकसभा में सवाल पूछती थीं। उन्होंने दावा किया कि हीरानंदानी अलग-अलग स्थानों से एवं अधिकतर दुबई से सवाल पूछने के लिए मोइत्रा की लॉगइन आईडी का इस्तेमाल करते थे। इसके बाद लोकसभा अध्यक्ष ने आचार समिति के पास भेज दिया था।
क्या आया एथिक्स कमेटी की रिपोर्ट में?
पैसे लेकर संसद में सवाल पूछने के मामले की जांच कर रही लोकसभा की आचार समिति ने 2 नवंबर को पूछताछ के बाद अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। रिपोर्ट्स के अनुसार, 500 पेज की इस रिपोर्ट में महुआ मोइत्रा की संसद सदस्यता रद्द करने की मांग की गई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि महुआ मोइत्रा ने जो किया, वह बेहद आपत्तिजनक, अनैतिक और अपराध है। कमेटी की रिपोर्ट में टीएमसी सांसद के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की सिफारिश की गई है। साथ ही मामले की कानूनी और संस्थागत जांच की सिफारिश भी की गई है। वहीं, भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने दावा किया है कि लोकपाल ने महुआ के खिलाफ लगे आरोपों की जांच सीबीआई से कराने का आदेश दिया है।
सदस्यता को लेकर क्या है नियम?
एथिक्स कमेटी की बैठक हो चुकी है। इसे लेकर मतदान भी हो चुका है अब रिपोर्ट को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को सौंप दिया जाएगा। इस मामले पर कार्रवाई करना लोकसभा अध्यक्ष पर ही निर्भर है जो तय करेंगे कि मोइत्रा को निष्कासित किया जाना चाहिए या नहीं। एथिक्स कमेटी के पिछले कुछ फैसलों से पता चलता है कि पैनल अनैतिक आचरण के दोषी पाए गए सदस्य के खिलाफ सदन से निलंबन, माफी या निंदा जैसे कदमों की सिफारिश करता है। हालांकि, इसके पास सांसद पर मुकदमा चलाने की दंडात्मक शक्तियां नहीं हैं। अगर मोइत्रा को निष्कासित किया जाता है तो यह भी संभव है कि महुआ मोइत्रा इस मामले को अदालत में उठा सकती हैं।
कौन हैं महुआ मोइत्रा?
तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा ने एक भारतीय राजनीति में पिछले दिनों अपनी अलग पहचान बनाई है। राजनीति में आने से पहले महुआ एक निवेश बैंकर थीं जो अमेरिकी बहुराष्ट्रीय निवेश बैंक JP मॉर्गन में काम करती थीं, लेकिन उन्होंने 2009 में लंदन की अपनी नौकरी छोड़कर भारतीय राजनीति में कदम रखा। उन्होंने मैसाचुसेट्स के माउंट होलीओक कॉलेज से गणित और अर्थशास्त्र की डिग्री ली। वेस्ट बंगाल की 44 वर्षीय सांसद अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत के दौरान कुछ समय के लिए पश्चिम बंगाल कांग्रेस में की थी, लेकिन फिर वह ममता बनर्जी के नेतृत्व में तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गई थी। वह कई साल तक तृणमूल कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता रही हैं और अक्सर टीवी के टॉक शो में शामिल होती रहीं।
Written & Edited By : Navin Rangiyal