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Last Updated : शनिवार, 11 दिसंबर 2021 (00:59 IST)

BSF के अधिकार क्षेत्र को लेकर TMC और बंगाल के राज्यपाल के बीच वाकयुद्ध तेज

BSF के अधिकार क्षेत्र को लेकर TMC और बंगाल के राज्यपाल के बीच वाकयुद्ध तेज - TMC and Bengal Governor intensify war of words over BSF's jurisdiction
कोलकाता। पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने सीमा सुरक्षाबल (बीएसएफ) के क्षेत्राधिकार पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और उनकी पार्टी तृणमूल कांग्रेस के रुख को दुर्भाग्यपूर्ण और गलत करार दिया है और जानना चाहा कि केंद्र के इस फैसले के खिलाफ सिर्फ उनकी ही सरकार क्यों है। धनखड़ ने शुक्रवार को तृणमूल कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य सुखेंदु शेखर राय के पत्र के जवाब में यह बात कही।

राय ने धनखड़ को पत्र लिखकर उन पर आरोप लगाया कि उन्होंने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बीएसएफ को लेकर हालिया निर्देश पर अपनी टिप्पणी से संघवाद के सिद्धांतों की अवहेलना की है। राज्यपाल ने ट्वीट किया, सुखेंदु शेखर और तृणमूल कांग्रेस ने बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र को लेकर गलत धारणा बना ली है।

इसको लेकर ममता बनर्जी का निर्देश बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। संस्थानों और एजेंसियों के बीच टकराव की नहीं बल्कि सामंजस्य की जरूरत है। यह समस्या केवल हमारे राज्य में ही क्यों है, कहीं और नहीं!

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने हाल ही में बीएसएफ अधिनियम में संशोधन किया है ताकि बल को पंजाब, बंगाल और असम की अंतरराष्ट्रीय सीमाओं से 50 किमी के भीतर तलाशी अभियान, जब्ती और गिरफ्तारी करने के लिए अधिकृत किया जा सके।

इससे पहले यह अधिकार क्षेत्र 15 किमी तक ही था। बंगाल और पंजाब दोनों ने अपने-अपने राज्य विधानसभा में आदेश के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया है। राय ने अपने पत्र में कहा कि धनखड़ को यह पता होना चाहिए कि अंतरराष्ट्रीय सीमा भारत के 50 किलोमीटर भीतर तक नहीं होती और कानून एवं व्यवस्था राज्य का मामला होता है।

टीएमसी सांसद ने राज्यपाल पर निशाना साधते हुए कहा, आपके भड़काऊ बयान ने इस प्रकार से संघवाद के सिद्धांत को नकार दिया है जो भारत के संविधान की एक बुनियादी संरचना है। मुख्यमंत्री ने राज्य में अंतरराष्ट्रीय सीमा से सीमा सुरक्षाबल (बीएसएफ) के अधिकार क्षेत्र को 15 किमी से 50 किमी तक बढ़ाने के केंद्र के फैसले को अस्वीकार कर दिया है।

ममता ने हाल ही में कुछ सीमावर्ती जिलों के पुलिस अधिकारियों से बिना अनुमति के गांवों में बीएसएफ कर्मियों के प्रवेश पर रोक लगाने को कहा है। राज्यपाल ने इसके जवाब में कहा है कि मुख्यमंत्री का यह रुख संघीय राजनीति और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए संभावित रूप से खतरनाक हो सकता है।(भाषा)
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