बड़ी खबर, जम्मू में सेना के कैंप पर आतंकी हमला...
जम्मू। जम्मू के सुंजवान शहर में स्थित सेना के एक शिविर पर शनिवार तड़के आतंकवादियों ने हमला कर दिया जिसमें दो जूनियर कमिशंड अधिकारी (जेसीओ) शहीद हो गए जबकि एक कर्नल रैंक का अधिकारी और एक सैन्य कर्मी की बेटी समेत चार लोग घायल हो गए।
प्रदेश के संसदीय कार्य मंत्री अब्दुल रहमान वीरी ने जम्मू कश्मीर विधानसभा को जानकारी दी कि आतंकवादियों के हमले में सूबेदार मगनलाल और सूबेदार मोहम्मद अशरफ शहीद हो गए। उन्होंने बताया कि घायलों में कर्नल रैंक का सैन्य अधिकारी, हवलदार अब्दुल हमीद, लांस नायक बहादुर सिंह और सूबेदार चौधरी की बेटी शामिल हैं। इस बीच भाजपा सदस्यों ने विधानसभा में पाकिस्तान विरोधी नारे लगाए।
मंत्री ने यह नहीं बताया कि हमला करने वाले आतंकवादी किस संगठन के थे हालांकि अधिकारियों ने बताया कि इस हमले के पीछे जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादियों का हाथ है।
उन्होंने बताया कि आतंकवादियों की सटीक संख्या का पता नहीं चला है लेकिन पीसीआर जम्मू को मिले कॉल के अनुसार चार से पांच आतंकवादियों ने हमला किया।
जम्मू-कश्मीर के पुलिस महानिदेशक एस. पी. वैद्य ने बताया कि आतंकवादी सुंजवान सैन्य शिविर में पीछे की ओर बने आवासीय क्वार्टर की ओर से घुसे। उन्होंने बताया कि आतंकवादियों को घेर लिया गया है।
पुलिस महानिरीक्षक एस डी सिंह जामवाल ने बताया कि सुबह करीब चार बजकर 55 मिनट पर संतरी ने संदिग्ध घुसपैठ देखी और तभी उसके बंकर पर गोलीबारी की गई। संतरी ने इस गोलीबारी का माकूल जवाब दिया। आतंकवादियों की संख्या के बारे में जानकारी नहीं है। आतंकियों की घेराबंदी कर ली गई है।
सुरक्षाबलों और पुलिस ने सुंजवान सैन्य शिविर के आसपास के इलाके की भी घेराबंदी कर ली है। यह शिविर 36 ब्रिगेड के तहत पहली जम्मू कश्मीर लाइट इंफेंट्री के अंतर्गत आता है।
सुरक्षा अधिकारियों ने कहा कि हमले के फौरन बाद सेना के विशेष बलों और विशेष अभियान दल के अतिरिक्त बलों को मौके पर भेजा गया और भारी गोलीबारी के बीच पूरे इलाके की घेराबंदी की गई। अधिकारियों ने एहतियाती कदम के रूप से शिविर के आसपास के सभी स्कूलों को आज बंद रखने का आदेश दिया है।
जम्मू में हाईअलर्ट घोषित किए जाने के साथ ही आसपास के इलाकों में भी सुरक्षा बढ़ा दी गई है। खुफिया एजेंसियों ने अफजल गुरु की बरसी पर जैश ए मोहम्मद द्वारा सुरक्षा प्रतिष्ठानों को निशाना बनाए जाने को लेकर पहले ही चेतावनी जारी की थी। अफजल गुरु को नौ फरवरी 2013 को फांसी दी गई थी।
अधिकारी कहते हैं कि आतंकवादियों का इरादा रिहायशी बस्ती में कहर मचाने का है और जिस प्रकार उसने रिहायशी घर में शरण ली थी उससे यही लगता है। इस सैनिक छावनी के भीतर सेना का प्रशिक्षण केंद्र होने के साथ-साथ आवासीय बस्ती भी है, जहां सैनिकों तथा अधिकारियों के परिवार रहते हैं।
आतंकी हमले से इन फैमिली र्क्वाटरों में हड़कंप मच गया है और कई लोग छत से नीचे भी कूदते देखे गए थे। हालांकि फिदायीन हमले के तुरंत बाद घटनास्थल पर पहुंचने वाले अतिरिक्त सैनिकों ने इन फैमिली र्क्वाटरों को सर्वप्रथम अपने घेरे में ले लिया था ताकि आतंकी उन्हें क्षति न पहुंचा सकें।
गृहमंत्री राजनाथ ने ली हमले की जानकारी : केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथसिंह ने जम्मू-कश्मीर के पुलिस महानिदेशक एसपी वैद्य से बात कर जम्मू में शनिवार को सेना के शिविर पर हुए आतंकवादी हमले के बारे में जानकारी ली। पुलिस महानिदेशक ने सिंह को सेना के शिविर पर आतंकवादी हमले से जुड़ी जानकारी से अवगत कराया और स्थिति से निपटने के लिए की जा रही कार्रवाई की जानकारी उन्हें दी।
गृह मंत्रालय की ओर से दी गई जानकारी में कहा गया है कि गृहमंत्री इस संबंध में रक्षामंत्री और जम्मू-कश्मीर सरकार के साथ निरंतर संपर्क बनाए हुए है और मंत्रालय स्थिति पर कड़ी नजर रखे हुए है। सिंह ने पुलिस महानिदेशक से कहा है कि केंद्र स्थिति से निपटने में हरसंभव मदद देने को तत्पर है।