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Last Modified: गुरुवार, 19 मई 2022 (17:41 IST)

Tata Mistry Case : साइरस मिस्त्री को झटका, Supreme Court ने खारिज की पुनर्विचार याचिका

Tata Mistry Case : साइरस मिस्त्री को झटका, Supreme Court ने खारिज की पुनर्विचार याचिका - Supreme Court dismisses Cyrus Mistry's review petition
नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने गुरुवार को शापूरजी पालोनजी (एसपी) समूह की वह याचिका खारिज कर दी जिसमें साइरस मिस्त्री को टाटा संस के कार्यकारी अध्यक्ष पद से हटाए जाने संबंधी टाटा समूह के निर्णय को बरकरार रखने वाले 2021 के फैसले की समीक्षा की मांग की गई थी।

हालांकि प्रधान न्यायाधीश एनवी रमण की अध्यक्षता वाली पीठ ने मार्च 2021 के फैसले में साइरस मिस्त्री के खिलाफ की गई कुछ टिप्पणियों को हटाने का आदेश दिया है।

टाटा समूह की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे ने कहा कि अदालत एक या कुछ वाक्यों को हटाने की अनुमति दे सकती है, हालांकि इसका कारण शापूरजी पालोनजी (एसपी) समूह के आवेदन में बताई गई वजहें नहीं होनी चाहिए।

शीर्ष अदालत ने 26 मार्च, 2021 को मिस्त्री को 100 अरब डॉलर के समूह के कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में बहाल करने के राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) के आदेश को रद्द कर दिया था।

साथ ही सर्वोच्च अदालत ने टाटा संस प्राइवेट लिमिटेड (टीएसपीएल) में स्वामित्व हितों को अलग करने की मांग वाली शापूरजी पालोनजी समूह की याचिका भी खारिज कर दी थी।

मिस्त्री को 2012 में रतन टाटा की जगह टीएसपीएल का अध्यक्ष बनाया गया था, लेकिन चार साल बाद उन्हें हटा दिया गया था।

रतन टाटा और टाटा संस ने किया न्‍यायालय के फैसले का स्वागत : दिग्गज उद्योगपति रतन टाटा और टाटा संस ने गुरुवार को उच्चतम न्यायालय द्वारा शापूरजी पालोनजी (एसपी) समूह की याचिका को खारिज करने का स्वागत किया। एसपी समूह ने अपनी याचिका में साइरस मिस्त्री को टाटा संस के कार्यकारी चेयरमैन पद से हटाए जाने संबंधी टाटा समूह के निर्णय को बरकरार रखने वाले फैसले की समीक्षा करने का अनुरोध किया था।

इस फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए रतन टाटा ने कहा, हम आज उच्चतम न्यायालय द्वारा पारित और बरकरार रखे गए फैसले की अपनी तरफ से प्रशंसा करना चाहते हैं। उन्होंने आगे कहा, यह फैसला हमारी न्यायपालिका की मूल्य प्रणालियों और नैतिकता को पुष्ट करता है।

एक अलग बयान में टाटा संस ने कहा, हम माननीय उच्चतम न्यायालय के आज के आदेश का नम्रता से स्वागत करते हैं। यह एक बार फिर टाटा समूह की स्थिति की पुष्टि करता है, जिसे पिछले साल एक आम सहमति वाले फैसले द्वारा बरकरार रखा गया था।

कंपनी ने इसके साथ ही राष्ट्र निर्माण की दिशा में काम करने और नैतिक आचरण के मानकों को बनाए रखने की अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया।

शीर्ष अदालत ने गुरुवार को शापूरजी पालोनजी (एसपी) समूह की वह याचिका खारिज कर दी, जिसमें साइरस मिस्त्री को टाटा संस के कार्यकारी चेयरमैन पद से हटाए जाने संबंधी टाटा समूह के निर्णय को बरकरार रखने वाले 2021 के फैसले की समीक्षा की मांग की गई थी।

हालांकि प्रधान न्यायाधीश एनवी रमण की अध्यक्षता वाली पीठ ने मार्च, 2021 के फैसले में साइरस मिस्त्री के खिलाफ की गई कुछ टिप्पणियों को हटाने का आदेश दिया है। शीर्ष अदालत ने 26 मार्च, 2021 को मिस्त्री को 100 अरब डॉलर के समूह के कार्यकारी चेयरमैन के रूप में बहाल करने के राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) के आदेश को रद्द कर दिया था।

साथ ही सर्वोच्च अदालत ने टाटा संस प्राइवेट लिमिटेड (टीएसपीएल) में स्वामित्व हितों को अलग करने की मांग वाली शापूरजी पालोनजी समूह की याचिका भी खारिज कर दी थी। मिस्त्री को 2012 में रतन टाटा की जगह टीएसपीएल का चेयरमैन बनाया गया था, लेकिन चार साल बाद उन्हें हटा दिया गया था।(भाषा) 
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