Sonia Gandhi के घर विपक्षी दलों की बैठक, ममता बनर्जी दरकिनार, शरद पवार को दी जा सकती है बड़ी जिम्मेदारी
नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मंगलवार को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार और विपक्षी दलों के कई अन्य वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठक की। इसमें संसद के मौजूदा शीतकालीन सत्र में विपक्ष की साझा रणनीति को लेकर चर्चा की गई। मीडिया खबरों के मुताबिक बैठक में ममता बनर्जी का जिक्र किया गया।
सूत्रों के अनुसार, सोनिया गांधी के आवास 10, जनपथ पर हुई इस बैठक में पवार के साथ ही नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला, शिवसेना नेता संजय राउत और द्रमुक नेता टी आर बालू भी शामिल हुए। बैठक में सोनिया गांधी ने विपक्षी दलों संग 12 सांसदों के निलंबन पर केंद्र को संसद में घेरने की रणनीति बनाई।
कांग्रेस से जुड़े सूत्रों ने बताया कि आने वाले दिनों में ऐसी और बैठकें होंगी ताकि सभी विपक्षी दलों को एकजुट किया जा सके। इस बैठक में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे भी मौजूद थे।
सूत्रों ने कहा कि नेताओं ने इस मुद्दे पर आगे का रास्ता निकालने के लिए शरद पवार को राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू से बात करने के लिए कहने का फैसला किया है।
सूत्रों ने कहा कि ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस, जिसका कांग्रेस के साथ टकराव है, को इस बैठक के लिए आमंत्रित नहीं किया गया था जबकि पार्टी की राज्यसभा सदस्य डोली सिहं ने दिन में संसद भवन परिसर से विजय चौक तक निलम्बन के विरोध में विपक्षी दलों के मार्च में हिस्सा लिया था।
सूत्रों के अनुसार सोनिया गांधी ने इस बैठक के लिए महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन को आमंत्रित किया था। इन दोनों नेताओं ने बैठक के लिए राउत और बालू को भेजा।
इससे पहले, राहुल गांधी और कई अन्य विपक्षी दलों के नेताओं ने संसद के मानसून सत्र के दौरान उच्च सदन में अशोभनीय आचरण को लेकर शीतकालीन सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबित किए गए राज्यसभा के 12 सदस्यों का निलंबन रद्द करने की मांग करते हुए मंगलवार को मार्च निकाला तथा सरकार पर विपक्ष की आवाज दबाने का आरोप लगाया।
सूत्रों ने कहा कि बैठक में सभी सदस्य इस बात पर सहमत थे कि निलंबित सदस्य माफी नहीं मांगेंगे। उनका कहना था कि जब कोई गलत काम ही नहीं किया गया है तो माफी किस बात के लिए मांगेंगे।
कई नेताओं ने कहा कि सरकार ने गलत कदम उठाया है इसलिए उसे ही माफी मांगनी चाहिए। उनका कहना था कि सदस्यों को पहले के सत्र में किए गए व्यवहार के लिए इस सत्र में निलम्बित करना गलत है और इसके लिए सरकार माफी मांगे।