Solar Eclipse: पश्चिमी और उत्तरी भारत में 25 अक्टूबर को दिखेगा सूर्यग्रहण
कोलकाता। देश में 25 अक्टूबर को दिवाली के त्योहार पर कोलकाता समेत भारत के ज्यादातर हिस्सों में आंशिक सूर्यग्रहण (Solar Eclipse) दिखेगा।
खगोलशास्त्री देबी प्रसाद दुआरी ने कहा कि वर्ष 2022 में दूसरी बार कोलकाता में यह आंशिक सूर्यग्रहण दिखेगा, लेकिन बहुत कम समय तक इसे देखा जा सकेगा। दुआरी ने कहा कि इस खगोलीय घटना को देश के पश्चिमी और उत्तरी हिस्सों में बेहतर ढंग से देखा जा सकेगा, लेकिन पूर्वोत्तर भारत में यह सूर्यग्रहण नहीं दिखेगा क्योंकि इस क्षेत्र में यह खगोलीय घटना सूर्यास्त के बाद घटित होगी।
उन्होंने कहा कि भारत के अलावा यूरोप, उत्तरी अफ्रीका, मध्य एशिया और एशिया के अन्य क्षेत्रों में इसे देखा जा सकेगा। दुआरी ने कहा कि आंशिक सूर्यग्रहण की शुरुआत आइसलैंड के आसपास भारतीय समयानुसार दोपहर करीब दो बजकर 20 मिनट पर होगी और शाम साढ़े 4 बजे इसे पूर्ण रूप में रूस के आकाश में देखा जा सकेगा। इस सूर्यग्रहण की समाप्ति शाम 6 बजकर 32 मिनट पर अरब सागर के ऊपर होगी।
अमावस्या के दिन सूर्य, चंद्रमा और पृथ्वी करीब-करीब एक सीधी रेखा में होंगे। उन्होंने कहा कि 25 अक्टूबर को सूर्य, चंद्रमा और पृथ्वी एक समान पटल पर होंगे, जिससे चंद्रमा थोड़े समय के लिए आंशिक रूप से सूर्य को ढंक लेगा। इससे चंद्रमा के छाया क्षेत्र में पड़ने वाले क्षेत्रों में आंशिक सूर्यग्रहण देखने को मिलेगा।
दुआरी ने कहा कि कोलकाता में आंशिक सूर्य ग्रहण की शुरुआत शाम 4 बजकर 52 मिनट पर होगी, जो शाम 5 बजकर एक मिनट पर अपने सर्वोच्च स्तर पर होगा। लेकिन सूर्यास्त के कारण यह शाम 5 बजकर 3 मिनट के बाद नहीं दिखेगा।
दुआरी के मुताबिक नई दिल्ली में इसकी शुरुआत शाम 4 बजकर 29 मिनट पर होगा और शाम 6 बजकर 9 मिनट पर खत्म होगा, लेकिन 5 बजकर 42 मिनट पर यह अपने सर्वोच्च स्तर पर होगा। इस दौरान चंद्रमा सूर्य के 24.5 फीसदी हिस्से को ढंक लेगा।
राजस्थान के जैसलमेर में सूर्यग्रहण शाम चार बजकर 26 मिनट पर दिखना शुरू होगा जो शाम छह बजकर नौ मिनट तक रहेगा, जबकि इसका सर्वोच्च स्तर साढ़े पांच बजे दिखेगा।
मुंबई में सूर्यग्रहण शाम चार बजकर 49 मिनट पर दिखना शुरू होगा जो शाम छह बजकर नौ मिनट तक रहेगा, जबकि इसका सर्वोच्च स्तर पांच बजकर 42 मिनट पर दिखेगा। दक्षिण और मध्य भारत में सूर्य ग्रहण शाम चार बजकर 49 मिनट से शाम 5 बजकर 42 मिनट तक रहेगा।
Edited by: Vrijendra Singh Jhala (भाषा)