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Written By WD Feature Desk
Last Updated : बुधवार, 2 जुलाई 2025 (17:58 IST)

लैंडस्लाइड के दौरान ड्राइविंग? जानिए पहाड़ों और हिली रोड पर सेफ ड्राइविंग के ये जरूरी टिप्स

Landside Safe Driving Tips
hill driving tips in hindi: बारिश का मौसम, पहाड़ी रास्ते और घने जंगलों के बीच ड्राइविंग करना जितना रोमांचक लगता है, उतना ही खतरनाक भी हो सकता है। खासकर जब भूस्खलन (Landslide) जैसी प्राकृतिक आपदा का खतरा मंडरा रहा हो। पहाड़ी इलाकों में भारी बारिश या भूकंप के बाद जब मिट्टी, चट्टानें और पेड़ सड़कों पर आ गिरते हैं, तो सड़कें अवरुद्ध हो जाती हैं और गाड़ियां फंस जाती हैं। ऐसे में ज़रा सी लापरवाही न केवल जान-माल का नुकसान पहुंचा सकती है, बल्कि कई बार जानलेवा भी साबित हो सकती है। इसलिए अगर आप किसी ऐसी जगह पर जा रहे हैं जहां भूस्खलन की आशंका हो, तो यह लेख आपके लिए बेहद जरूरी है। यहां हम बात करेंगे भूस्खलन के दौरान और उससे पहले ड्राइविंग करते समय ध्यान में रखने योग्य सेफ ड्राइविंग टिप्स की, जिससे आप खुद को और अपने परिवार को सुरक्षित रख सकें।
 
1. यात्रा से पहले मौसम की जानकारी जरूर लें
भूस्खलन की संभावना अक्सर भारी बारिश या बादल फटने जैसी घटनाओं के बाद बढ़ जाती है। इसलिए यात्रा शुरू करने से पहले मौसम विभाग की वेबसाइट या मोबाइल ऐप्स से उस क्षेत्र के मौसम का हाल जरूर चेक करें। अगर किसी इलाके में रेड अलर्ट जारी किया गया है या भारी बारिश की संभावना है, तो यात्रा को टाल देना ही समझदारी है।
 
2. हमेशा कम गति से और नियंत्रित ढंग से वाहन चलाएं
भूस्खलन संभावित क्षेत्र में ड्राइव करते समय तेज रफ्तार बिलकुल न करें। पहाड़ी इलाकों में मोड़ अचानक आते हैं, और सामने से गिरती हुई चट्टानें या मिट्टी का ढेर किसी भी समय रास्ता रोक सकता है। धीमी और सतर्क गति से चलना आपको ब्रेक लगाने और स्थिति को संभालने का पर्याप्त समय देता है।
 
3. पहाड़ी की ओर से दूरी बनाकर चलें
जब आप ऐसे क्षेत्र से गुजर रहे हों जहां भूस्खलन हो सकता है, तो वाहन को पहाड़ी की दिशा से थोड़ा दूर और सड़क के किनारे से सुरक्षित दूरी पर चलाएं। चट्टानों और पेड़ों के गिरने की संभावना पहाड़ की ओर से ज्यादा होती है। ऐसे में वाहन को उस तरफ रखने से खतरा बढ़ सकता है।
 
4. खुले और ढलान वाले क्षेत्रों में न रुकें
बहुत से लोग सफर के दौरान सुंदर नज़ारे देखने के लिए सड़क के किनारे रुक जाते हैं, लेकिन भूस्खलन के समय यह जानलेवा साबित हो सकता है। ऐसे स्थानों पर कभी न रुकें जहां ऊपर से चट्टानें या मिट्टी खिसक सकती हैं। अगर ब्रेक लेना भी है, तो किसी स्थायी, सुरक्षित और समतल जगह पर ही करें।
 
5. वाहन की स्थिति और टायर की ग्रिप रखें मजबूत
भूस्खलन प्रभावित इलाकों में वाहन की पकड़ (Grip) सबसे ज्यादा मायने रखती है। इसलिए वाहन के टायर की कंडीशन, ब्रेक सिस्टम और स्टीयरिंग को पहले से ठीक रखें। पहाड़ी रास्तों के लिए ऑल वेदर टायर्स का प्रयोग करें ताकि गाड़ी फिसलने की संभावना न हो।
 
6. सड़क पर मिट्टी, पत्थर या पानी दिखे तो तुरंत सतर्क हो जाएं
अगर आपको किसी मोड़ पर गीली मिट्टी, बहती हुई पानी की धारा या चट्टानों का ढेर दिखाई दे, तो वहां से तुरंत निकलने की कोशिश न करें। पहले गाड़ी रोकें, स्थिति का निरीक्षण करें और अगर रास्ता अवरुद्ध है, तो बैकअप रास्ते के बारे में स्थानीय लोगों से जानकारी लें या मदद की प्रतीक्षा करें।
 
7. GPS और ट्रैफिक अपडेट का इस्तेमाल करें
आजकल मोबाइल ऐप्स जैसे Google Maps, MapMyIndia या स्थानीय सरकारों की ट्रैफिक अलर्ट सेवाएं उपयोगी साबित होती हैं। ये ऐप्स आपको लाइव ट्रैफिक अपडेट, रोड ब्लॉकेज और डायवर्जन की जानकारी देते हैं, जिससे आप सुरक्षित मार्ग चुन सकते हैं।
 
8. अपने वाहन में रखें इमरजेंसी किट
भूस्खलन क्षेत्र में सफर करते समय एक इमरजेंसी किट हमेशा आपके वाहन में होनी चाहिए। इसमें टॉर्च, एक्स्ट्रा मोबाइल चार्जर, रेडियो, प्राथमिक चिकित्सा बॉक्स, स्नैक्स, पानी की बोतलें, ब्लैंकेट और एक छोटा फोल्डेबल फावड़ा शामिल हो सकता है। ये चीज़ें संकट के समय आपके काम आ सकती हैं।
 
9. रात में ड्राइविंग से बचें
भूस्खलन संभावित क्षेत्रों में रात में वाहन चलाना अत्यधिक जोखिम भरा होता है। कम रोशनी, गीली सड़कों और गिरते पत्थरों को समय पर पहचानना मुश्किल हो जाता है। इसलिए ऐसे सफर के लिए दिन का समय ही चुनें, ताकि विजिबिलिटी बनी रहे और किसी खतरे से पहले सतर्क हुआ जा सके।
 
10. स्थानीय प्रशासन और गाइडलाइन का पालन करें
जब भी आप किसी पहाड़ी क्षेत्र में यात्रा कर रहे हों, वहां के पुलिस या प्रशासनिक निर्देशों को अनदेखा न करें। अगर किसी मार्ग को अस्थायी रूप से बंद किया गया है, तो उसकी अनदेखी करने की भूल न करें। साथ ही, यात्रा के दौरान किसी गाइड या स्थानीय ड्राइवर की मदद लेना आपके लिए फायदे का सौदा साबित हो सकता है। 


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