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  4. Railway Ministry enhances passengers waiting list cap from 25 to 60% for AC classes
Last Modified: नई दिल्ली , सोमवार, 30 जून 2025 (18:09 IST)

रेल मंत्रालय ने AC के लिए वेटिंग लिस्ट की सीमा 60 प्रतिशत की, नया आदेश जारी

Indian Railways
रेल मंत्रालय ने एक नए आदेश में सभी वातानुकूलित (एसी) श्रेणियों के लिए यात्रियों की प्रतीक्षा सूची की सीमा 25 प्रतिशत से बढ़ाकर 60 प्रतिशत और गैर-एसी श्रेणियों के लिए 30 प्रतिशत कर दी है। सभी श्रेणियों के यात्रियों की प्रतीक्षा सूची को 25 प्रतिशत तक सीमित करने का आदेश मूल रूप से 17 अप्रैल को सभी जोन के साथ-साथ रेलवे सूचना प्रणाली केंद्र (क्रिस) को जारी किया गया था। ‘क्रिस’ ने आरक्षण प्रणाली में संशोधन किया और इसे 16 जून से लागू कर दिया।
नाम न बताने की शर्त पर रेल मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, "यात्रा श्रेणियों की कुल सीट/बर्थ के 25 प्रतिशत तक प्रतीक्षा सूची को सीमित करने के आदेश को लागू करने के मात्र 12 दिन बाद ही मंत्रालय को अपनी चूक का एहसास हो गया और उसने अपना निर्णय लगभग पलट दिया।"
 
रेल मंत्रालय द्वारा  जारी परिपत्र में कहा गया है कि इस मामले की समीक्षा की गई और 17 अप्रैल 2025 के पूर्व निर्देश के स्थान पर यह निर्णय लिया गया है कि प्रतीक्षा सूची की वर्तमान अधिकतम सीमा को संशोधित कर क्रमश: वातानुकूलित और गैर वातानुकूलित श्रेणियों के लिए प्रारंभिक और अन्य स्टेशनों पर उपलब्ध प्रत्येक श्रेणी की पुनर्परिभाषित क्षमता का 60 प्रतिशत और 30 प्रतिशत किया जाएगा।
 
इसमें कहा गया है, "यह तर्क दूरदराज के स्थानों से प्रतीक्षा सूची वाले टिकट जारी करने के साथ-साथ तत्काल योजना के तहत बुक किए गए टिकटों पर भी लागू होगा।" नए परिपत्र में कहा गया है कि प्रतीक्षा सूची की यह सीमा, हालांकि रियायती किराए, वारंट आदि पर जारी किए गए टिकटों पर लागू नहीं होगी।
इसमें कहा गया है, "शून्य निर्धारित बर्थ वाले सुदूर स्थानों से प्रतीक्षा सूची टिकट जारी करने में सक्षम बनाने के लिए, मांग पैटर्न के आधार पर प्रतीक्षा सूची की कुछ सीमा पूर्व-निर्धारित की जाएगी।"
 
पीटीआई ने पूर्व में खबर दी थी कि यात्रियों की प्रतीक्षा सूची को प्रत्येक श्रेणी की क्षमता के 25 प्रतिशत तक सीमित करने के मंत्रालय के निर्णय को आरक्षण पर्यवेक्षकों, टिकट बुकिंग क्लर्कों और कुछ वरिष्ठ वाणिज्यिक अधिकारियों ने रेलवे के लिए गैर लाभकारी और यात्रियों के लिए असुविधाजनक बताया था।
 
शनिवार शाम को फैसले को वापस लेने के आदेश में सभी प्रधान मुख्य वाणिज्यिक प्रबंधकों से इस परिवर्तन पर ध्यान देने तथा ‘क्रिस’ से आरक्षण प्रणाली में आवश्यक परिवर्तन करने को कहा गया। भाषा Edited by : Sudhir Sharma
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