महाराष्ट्र में राज्यपाल से मुलाकात के बहाने शिवसेना ने किया विधायकों का शक्ति प्रदर्शन
महाराष्ट्र में नई सरकार के गठन को लेकर शिवसेना और भाजपा के बीच खींचतान बढ़ती ही जा रही है। सत्ता के 50-50 फॉर्मूले पर अड़ी शिवसेना ने अब भाजपा पर दबाव और बढ़ा दिया है। गुरुवार को तेजी से बदले सियासी घटनाक्रम में पहले तो शिवसेना विधायकों ने तमाम कयासों को दरकिनार करते हुए पार्टी के सीनियर नेता और नंबर -2 माने जाने वाले एकनाथ शिंदे को विधायक दल का नेता चुना तो शाम को पार्टी ने नया दांव चलते हुए अपने युवा नेता आदित्य ठाकरे की अगुवाई में राज्यपाल से मुलाकात भी कर डाली।
राज्यपाल से मुलाकात पर सियासत गरम - शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के बेटे और वर्ली से पहली बार विधायक बने आदित्य ठाकरे और विधायक दल के नेता एकनाथ शिंदे की अगुवाई में पार्टी के सभी विधायकों ने किसानों के मुद्दे पर राज्यपाल से मुलाकात की।
मुलाकात के बाद बाहर निकले विधायक आदित्य ठाकरे ने कहा कि सभी विधायक बारिश से बर्बाद हुए किसानों की परेशानी को लेकर राज्यपाल से मिलने आए थे। आदित्य ठाकरे ने बताया कि राज्यपाल ने पूरे मुद्दे पर केंद्र से बात करने की बात कही है। आदित्य ठाकरे ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि वह सरकार बनने बिगड़ने पर कुछ नहीं कहेंगे इसके लिए जो कुछ कहना होगा वह पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे कहेंगे।
विधायकों की एकजुटता का शक्ति प्रदर्शन – भले ही शिवसेना के नेता आदित्य ठाकरे इसे किसानों के मुद्दे पर राज्यपाल से मुलाकात बता रहे हो लेकिन इस मुलाकात के कई सियासी मायने तलाशे जा रहे है। सियासत के जानकार बताते हैं कि पिछले दिनों भाजपा सांसद संजय काकड़े ने जिस तरह शिवसेना के कई विधायकों के भाजपा के संपर्क में होने की बात कही थी उसके बाद शिवसेना ने इस मुलाकात के जरिए एक तरह से राज्यपाल के समाने अपने विधायकों की एकजुटता का प्रदर्शन कर दिया है। सामान्य तौर पर चुनाव के बाद किसी पार्टी के विधायक दल के नेता अपने विधायकों के साथ राज्यपाल से तब मिलते है जब वह या तो सरकार बनाने का दावा पेश करते है या किसी को समर्थन देने की बात कहते हैंं।
शिवसेना राज्यपाल से मुलाकात को सामान्य मुलाकात बता रही हो लेकिन ये मुलाकात एक ऐसे समय हुई है जब शिवसेना के नेता संजय राउत भाजपा को बार-बार विकल्प पर विचार करने की धमकी दे रहे हैंं। शिवसेना और भाजपा में मची खींचतान के बाद कांग्रेस ने शिवसेना को समर्थन देने का खुला ऑफर पहले ही दे दिया है। ऐसे में राज्यपाल से शिवसेना के विधायकों के एक साथ मुलाकात ने सियासी हलचल तेज कर दी है।