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Last Updated :लखनऊ , रविवार, 23 अक्टूबर 2016 (13:52 IST)

सपा में बवाल, अखिलेश मंत्रिमंडल से शिवपाल बर्खास्त

सपा में बवाल, अखिलेश मंत्रिमंडल से शिवपाल बर्खास्त - Shivpal Singh yadav suspended from Akhilesh cabinet
लखनऊ। उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने रविवार को अपने मंत्रिमंडल से चाचा शिवपाल यादव समेत चार मंत्रियों को बर्खास्त कर दिया। अखिलेश ने खुद को मुलायम का उत्तराधिकारी घोषित करते हुए कहा कि मैं 5 नवंबर को होने वाली रैली में जाऊंगा। उन्होंने साथ ही यह भी कहा कि पार्टी नेताजी की है। अब उन्हें फैसला करना है और आगे क्या करना है।
 
अखिलेश यादव ने आज एक बैठक में इन मंत्रियों को हटाने की घोषणा की। मंत्रिमंडल से हटाए गए मंत्रियों में ओमप्रकाश सिंह, नारदसिंह और फातिमा शादाब शामिल है।  उन्होंनेे इस संबंध में राज्यपाल को भी चिट्ठी भेजी है।

इन चारों मंत्रियों के साथ ही फिल्म विकास परिषद की अध्यक्ष और अमर सिंह की खास जयाप्रदा को भी मुख्यमंत्री ने हटा दिया है। परिवहन मंत्री गायत्री प्रजापति और खनन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) मूलचन्द्र चौहान को भी हटाए जाने की सूचना है, हालांकि इसकी अभी पुष्टि नहीं हो सकी है। चौहान को अमर सिंह का नजदीकी माना जाता है जबकि श्री प्रजापति मुलायम सिंह यादव के खास हैं।

मुख्यमंत्री द्वारा बुलाई गई विधायकों की बैठक में से निकलकर विधान परिषद सदस्य संतोष यादव उर्फ सनी ने बताया, 'मुख्यमंत्री ने बैठक में स्पष्ट कह दिया है कि जो लोग अमर सिंह के साथ हैं वह न तो पार्टी में रहेंगे और न ही उनके मंत्रिमंडल में।'
 
तेजी से हुए इन घटनाक्रमों के बाद मुलायम सिंह यादव के घर बैठक हुई जिसमें शिवपाल सिंह यादव और कई अन्य नेता शामिल हुए। बैठक के बाद शिवपाल ने सरकारी गाड़ी लौटा दी और अपनी निजी गाड़ी़ में रवाना हुए।

उल्लेखनीय है ‍कि मुलायम सिंह यादव ने अखिलेश यादव को हटाकर शिवपाल सिंह यादव को जब पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष बनाया था तो मुख्यमंत्री ने उनके सभी विभाग छीन लिए थे हालांकि बाद में लोक निर्माण विभाग छोड अन्य वापस कर दिए थे।

इससे पहले सपा महासचिव और सांसद रामगोपाल यादव ने पत्र लिखकर उन लोगों पर भी हमला बोला है, जो मुलायम सिंह यादव और उनके पुत्र अखिलेश यादव में सुलह कराने की कोशिश में हैं। यादव ने अपने पत्र में लिखा है कि जो लोग सुलह कराने में लगे हैं, वे जनता को गुमराह कर रहे हैं। 
 
उन्होंने लिखा है कि अखिलेश यादव ही चुनाव जिताने में सक्षम हैं, जो उनका विरोध करेगा वह चुनाव नहीं जीत सकता तथा 3 नवंबर से मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की शुरू हो रही समाजवादी विकास यात्रा में सभी जुटें और उसे सफल बनाएं। यादव ने कार्यकर्ताओं के नाम अपने खुले पत्र में कहा है कि कुछ लोग सत्ता के कारण हजारों करोड़ रुपए कमाकर अब पार्टी को नुकसान पहुंचा रहे हैं।
 
सुबह छह बजे हाथ से लिखे गए पत्र में यादव ने कहा है, 'जहां अखिलेश वहीं विजय।' उन्होंने कहा कि जो लोग अखिलेश यादव के साथ काम नहीं करेंगे उन्हें यह मान लेना चाहिए कि वे पराजय की ओर बढ़ रहे हैं। उन्होंने लिखा है कि पार्टी में कुछ लोग नकारात्मक सोच के हैं और उन्हीं के वजह से पार्टी नुकसान उठा रही है।
 
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने युवाओं के लिए बहुत काम किया है इसलिए युवाओं के साथ ही जागरुक नागरिक अखिलेश यादव के साथ ही रहेंगे। उन्होंने चिट्ठी में मुलायम सिंह यादव और शिवपाल सिंह यादव का नाम लिखे बगैर करारा हमला बोला है।
 
प्रो. रामगोपाल यादव ने लिखा है कि जो लोग सुलह की बात कर रहे हैं वे कार्यकर्ताओं को भ्रमित कर रहे हैं। पत्र से साफ है कि अब 'पिता-पुत्र' में समझौता नामुमकिन सा हो गया है। अखिलेश यादव द्वारा बुलाई गई विधायकों की बैठक के ठीक पहले पत्र लिखा जाना सोची समझी रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है।
 
इससे पहले भी प्रो. यादव ने मुलायम सिंह यादव को पत्र लिखा था जिसमें उन्होंने कहा था कि यदि पार्टी का पतन हुआ तो इसके लिए सिर्फ आप और आप जिम्मेदार होंगे। इतिहास आपको माफ नहीं करेगा। इतिहास निष्ठुर होता है। इतिहास किसी को बख्शता नहीं है।
 
दूसरी ओर, विपक्षी दलों ने समाजवादी पार्टी की अन्तर्कलह को उनका अन्दरुनी मामला बताया लेकिन कहा कि सपा चूंकि सत्ता में है इसलिए जनता के प्रति उसकी जवाबदेही है। झगडे की वजह से जनता पिस रही है। इस बीच, बेनी प्रसाद वर्मा, किरनमय नन्दा सरीखे पार्टी के वरिष्ठ नेताओं का थोडी देर बाद मुलायम सिंह यादव से मिलने का कार्यक्रम है।
 
भाजपा के प्रदेश महासचिव विजय बहादुर पाठक ने कहा कि जो आरोप विपक्ष लगा रहा था उसकी पुष्टि प्रो0 रामगोपाल यादव ने पत्र लिखकर कर दिया है। पाठक ने कहा कि यादव ने अपने पत्र में लिखा है कि कुछ लोगों ने सत्ता की वजह से हजारो करोड़ रुपए कमाए। अब जब पत्र में यादव ने यह लिख ही दिया है तो उन्हें उन लोगों का नाम भी खोलना चाहिए जिसने हजारो करोड़ रुपए कमाए। भाजपा नेता ने कहा कि सरकारी धन के दुरुपयोग किए जाने की जांच होनी चाहिए।