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Last Updated : बुधवार, 29 मई 2024 (00:14 IST)

Heatwave In India : भीषण गर्मी की चपेट में उत्तर भारत, राजस्थान-‍हरियाणा में पारा 50 के पार

दिल्ली में भी आसमान से बरसी आग

Heatwave In India : भीषण गर्मी की चपेट में उत्तर भारत, राजस्थान-‍हरियाणा में पारा 50 के पार - North India is scorching with scorching heat
Heatwave In India: उत्तर और मध्यभारत का बड़ा हिस्सा मंगलवार को भीषण गर्मी की चपेट में रहा तथा राजस्थान के चुरू और हरियाणा के सिरसा में तापमान 50 डिग्री सेल्सियस को पार कर गया जबकि राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में पारा इस मौसम के सामान्य से 9 डिग्री ऊपर दर्ज किया गया।
 
मौसम कार्यालय के अनुसार दिल्ली में कम से कम 3 मौसम केंद्रों पर अधिकतम तापमान 49 डिग्री सेल्सियस या उससे अधिक दर्ज किया। इनमें मुंगेशपुर और नरेला में 49.9 डिग्री और नजफगढ़ में 49.8 डिग्री तापमान दर्ज किया गया। यह इस मौसम में राजधानी में दर्ज किया गया सबसे अधिक तापमान था। हालांकि, मुंगेशपुर और नरेला में 2022 में मौसम केंद्र स्थापित किया गया था और उनके पास केवल पिछले 3 वर्ष का रिकॉर्ड है।

अगले 2 दिनों तक भीषण गर्मी से राहत मिलने की उम्मीद नहीं:  भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने कहा कि कम से कम अगले 2 दिनों तक भीषण गर्मी से राहत मिलने की उम्मीद नहीं है।  मौसम विज्ञानियों ने कहा कि बृहस्पतिवार को भारत के उत्तर-पश्चिम हिस्सों में एक नए पश्चिमी विक्षोभ की संभावना है, जिससे सप्ताहांत में क्षेत्र में छिटपुट बारिश हो सकती है।
 
आईएमडी के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने मई के उत्तरार्द्ध के दौरान पश्चिमी विक्षोभ की अनुपस्थिति को उत्तर पश्चिम और मध्यभारत में लू की स्थिति के लिए जिम्मेदार ठहराया। पश्चिमी विक्षोभ भूमध्य सागर के ऊपर बनने वाली अतिरिक्त उष्णकटिबंधीय मौसम प्रणालियां हैं और पश्चिम से पूर्व की ओर बढ़ती हैं।

अलग-अलग इलाकों में लू चलने की स्थिति : आईएमडी ने कहा कि आज, राजस्थान, हरियाणा-चंडीगढ़-दिल्ली के अधिकांश हिस्सों, उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश के कई हिस्सों और बिहार और हिमाचल प्रदेश के अलग-अलग इलाकों में लू चलने की स्थिति बनी हुई है। इसमें कहा गया है कि विदर्भ के कई इलाकों, जम्मू-कश्मीर के कुछ हिस्सों और उत्तराखंड और छत्तीसगढ़ के अलग-अलग हिस्सों में लू की स्थिति भी बनी रही।
 
राजस्थान में चुरू देश का सबसे गर्म स्थान रहा :  राजस्थान में चुरू देश का सबसे गर्म स्थान रहा, जहां अधिकतम तापमान 50.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। इसके बाद हरियाणा में सिरसा-एडब्ल्यूएस  में 50.3डिग्री, दिल्ली के मुंगेशपुर और नरेला में 49.9डिग्री और नजफगढ़ में 49.8 डिग्री, हरियाणा के सिरसा में 49.5 डिग्री, राजस्थान के गंगानगर में 49.4 डिग्री, राजस्थान के पिलानी और फलोदी और उत्तरप्रदेश में झांसी में 49 डिग्री तापमान दर्ज किया गया।
 
मौसम कार्यालय ने कहा कि अगले कुछ दिनों में उत्तरप्रदेश, पूर्वी मध्यप्रदेश, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़ और दिल्ली में अलग-अलग हिस्सों में रात में भी गर्मी का प्रकोप जारी रहने की संभावना है। भीषण गर्मी के कारण हरियाणा सरकार ने सरकारी और निजी स्कूलों में गर्मी की छुट्टियां मंगलवार तक के लिए बढ़ा दी हैं।

भीषण गर्मी के चलते बिजली की मांग बढ़ गई :  भीषण गर्मी के चलते बिजली की मांग बढ़ गई है और कई हिस्सों में बिजली और पानी की कमी पैदा हो गई है। केंद्रीय जल आयोग के अनुसार कि भारत के 150 प्रमुख जलाशयों में पानी का भंडारण पिछले सप्ताह उनके कुल भंडारण का केवल 24 प्रतिशत रह गया, जिससे कई राज्यों में पानी की कमी बढ़ गई और जलविद्युत उत्पादन पर असर हुआ है।
 
IIT की रिसर्च क्यों गर्म रही हैं रातें : भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी)-भुवनेश्वर के एक नए शोध में पाया गया कि शहरीकरण के कारण भारत के 140 से अधिक प्रमुख शहरों की रात उनके आसपास के गैर-शहरी क्षेत्रों की तुलना में 60 प्रतिशत अधिक गर्म है। शोध के अनुसार अहमदाबाद, जयपुर, राजकोट में शहरीकरण का सबसे ज्यादा असर देखा गया जबकि दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र चौथे तथा पुणे पांचवे स्थान पर रहे।
 
शहरीकरण को 'अर्बन हीट आइलैंड' (यूएचआई) प्रभाव के लिए जिम्मेदार माना जाता है। 'अर्बन हीट आइलैंड' का मतलब है कि कंक्रीट और डामर (सड़कों और फुटपाथों के निर्माण में प्रयुक्त) की सतहें दिन के दौरान गर्मी को सोखती हैं और शाम को इसे छोड़ती हैं, जिससे रात के समय का तापमान बढ़ जाता है।

 
'नेचर सिटीज' में प्रकाशित अध्ययन में शोधकर्ताओं ने कहा कि समय के साथ, यह गर्मी वर्षा और प्रदूषण सहित जलवायु के अन्य पहलुओं को प्रभावित करती है। अध्ययन में यह दिखाने की कोशिश की गई पिछले 2 दशकों (2003-2020) में रात के तापमान को बढ़ाने में शहरीकरण और स्थानीय जलवायु परिवर्तन ने कितना योगदान रहा।
 
शोध में लिखा गया कि देशभर के इन सभी शहरों में औसत शहरी प्रभाव 0.2 डिग्री सेल्सियस प्रति दशक दर्ज किया गया। इससे कुल वैश्विक तापमान वृद्धि का लगभग 37.73 प्रतिशत हिस्सा शहरीकरण पर आधारित रहा, जो कि आसपास के गैर शहरी इलाकों की तुलना में 60 प्रतिशत अधिक था। उन्होंने यह भी पाया कि उत्तर-पश्चिमी, उत्तरपूर्व और दक्षिणी क्षेत्रों के शहरों में देश के अन्य हिस्सों की तुलना में रात के तापमान में स्पष्ट तौर पर अधिक वृद्धि देखी गई।
 
शोधकर्ताओं ने कहा कि रात के समय तापमान में वृद्धि में शहरीकरण का योगदान भारत के पूर्वी और मध्य शहरों में अधिक रहा, जो विकसित हो रहे हैं और यहां शहरीकरण तेजी से हो रहा है। विश्लेषण में शामिल लगभग सभी शहरों में रात के समय सतह का तापमान बढ़ रहा है जिसमें हर दशक में औसतन लगभग 0.53 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि देखी गई।(भाषा)
 
Edited by: Ravindra Gupta