गुजरात में HMPV वायरस का दूसरा केस मिला, भारत में अब तक कितने मामले?
बताया जा रहा है कि हिम्मतनगर के एक प्राइवेट अस्पताल में बुधवार को 8 साल के बच्चे की रिपोर्ट पॉजिटिव आई। बच्चा प्रांतिज तहसील के एक गांव का रहने वाला है। उसे अस्पताल के आईसीयू में रखा गया है। राज्य में दो दिन पहले सामने आए पहले केस में बच्चा अब स्वस्थ होकर घर लौट चुका है।
कोरोना की ही तरह चीन वाला वायरस ह्यूमन मेटान्यूमो यानी एचएमपीवी दुनिया को फिर से डरा रहा है। हालांकि इस वायरस को खतरनाक नहीं माना जा रहा है। लेकिन, यह जरूर कहा जा रहा है कि इसका असर बच्चों और बुजुर्गों पर हो सकता है। HMPV को लेकर केंद्र सरकार पहले ही अलर्ट जारी कर चुकी है। कई राज्यों में इसके लिए एसओपी और गाइडलाइंस जारी की गई हैं।
क्या कहता है स्वास्थ्य मंत्रालय : केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार एचएमपीवी कोई नया वायरस नहीं है। इसकी पहली बार पहचान 2001 में हुई थी। यह ज्यादा चिंताजनक नहीं है। इसमें संक्रमितों को अस्पताल में भर्ती कराने की जरूरत भी नहीं पड़ती।
एचएमपीवी क्या है? : एचएमपीवी एक वायरल रोगाणु है जो सभी उम्र के लोगों में श्वसन संक्रमण का कारण बनता है। इसका पता पहली बार 2001 में चला। यह पैरामाइक्सोविरिडे परिवार से संबंधित है और रेस्पिरेटरी सिंकाइटियल वायरस (आरएसवी) से निकटता से संबंधित है। एचएमपीवी खांसने या छींकने से निकलने वाली सांस की बूंदों के साथ-साथ दूषित सतहों को छूने या संक्रमित व्यक्तियों के सीधे संपर्क में आने से फैलता है। यह वायरस श्वसन संबंधी मामलूी परेशानी से लेकर गंभीर जटिलता से जुड़ी बीमारियों तक का कारण माना जाता है, विशेष रूप से शिशुओं, बुजुर्गों और कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोगों में।
कई देशों में फैल रहा है वायरस : ब्रोन्कोन्यूमोनिया से पीड़ित 8 महीने के एक शिशु को तीन जनवरी को बैपटिस्ट अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जिसके बाद जांच में उसके एचएमपीवी से संक्रमित होने का पता चला। मंत्रालय ने इस बात पर जोर दिया कि एचएमपीवी का संक्रमण पहले से ही भारत सहित कई देशों में फैल रहा है तथा विभिन्न देशों में इससे संबंधित श्वसन संबंधी बीमारियों के मामले सामने आए हैं।
edited by : Nrapendra Gupta