Ram Mandir Inauguration : मूर्तिकार योगीराज बोले, मैं खुद को सबसे भाग्यशाली मानता हूं, आज मेरे जीवन का सबसे अच्छा दिन है
Sculptor Arun Yogiraj's statement regarding Pran Pratishtha : अयोध्या में नवनिर्मित मंदिर में स्थापित 'रामलला' की मूर्ति को बनाने वाले मैसूरु के मूर्तिकार अरुण योगीराज ने सोमवार को कहा कि वे खुद को पृथ्वी पर सबसे भाग्यशाली व्यक्ति मानते हैं और मानते हैं कि भगवान राम ने उन्हें इस कार्य के लिए चुना।
अपने उत्कृष्ट कार्य के लिए प्रशंसा पाने वाले योगीराज ने कहा, मैंने हमेशा महसूस किया है कि भगवान राम मुझे और मेरे परिवार को हर बुरे समय से बचाते रहे हैं तथा मेरा दृढ़ विश्वास है कि यह वही हैं, जिन्होंने मुझे इस शुभ कार्य के लिए चुना। पांचवीं पीढ़ी के मूर्तिकार योगीराज आज यहां भव्य प्राण प्रतिष्ठा समारोह में आमंत्रित लोगों में शामिल थे।
मूर्तिकार ने कहा, मैंने कई रात जागकर मूर्ति पर बारीकी से काम किया क्योंकि ऐसा करना आवश्यक था। मुझे लगता है कि मैं पृथ्वी पर सबसे भाग्यशाली व्यक्ति हूं और आज मेरे जीवन का सबसे अच्छा दिन है। उन्होंने कहा, मैंने मूर्ति बनाने की कला अपने पिता से सीखी। आज मेरी मूर्ति को यहां देखकर उन्हें बहुत गर्व होता।
इस ऐतिहासिक घटना को व्यक्तिगत रूप से देखना योगीराज के लिए गर्व का क्षण था, लेकिन मैसूरु में उनके परिवार ने इस समारोह को टीवी पर देखा। उनकी पत्नी विजेता ने पिछले हफ्ते कहा था, उन्होंने (योगीराज) कई रात जागकर रामलला की मूर्ति बनाने पर ध्यान केंद्रित किया। ऐसे भी दिन थे जब हम मुश्किल से ही बात कर पाते थे और वह परिवार को मुश्किल से समय देते थे।
मैसूरु विश्वविद्यालय से एमबीए अरुण योगीराज ने एक निजी कंपनी के मानव संसाधन विभाग में छह महीने तक प्रशिक्षण लिया था। मूर्तिकार ने कहा, लेकिन मैंने अपनी अंतरात्मा की आवाज सुनी और निजी क्षेत्र की नौकरी छोड़ दी तथा पारिवारिक परंपरा को आगे बढ़ाने के लिए मैसूरु लौट आया।
योगीराज ने पूर्व में आदि शंकराचार्य की 12 फुट ऊंची मूर्ति बनाई थी, जिसे केदारनाथ में स्थापित किया गया है। उन्होंने सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा भी बनाई है, जिसे दिल्ली में इंडिया गेट के पास स्थापित किया गया है। (भाषा)
Edited By : Chetan Gour