rules for lottery in india: लॉटरी, जिसे अक्सर भाग्य का खेल माना जाता है, दुनिया भर में और भारत में भी एक लोकप्रिय गतिविधि रही है। यह लोगों को रातों-रात अमीर बनने का सपना दिखाती है, लेकिन इसके कानूनी और परिचालन पहलू अक्सर जटिल होते हैं। भारत में लॉटरी पर कोई पूर्ण राष्ट्रीय प्रतिबंध नहीं है, लेकिन इसके नियम और शर्तें राज्य सरकारों द्वारा नियंत्रित होती हैं। ऐसे में, यह जानना महत्वपूर्ण है कि भारत के किन राज्यों में लॉटरी कानूनी है और यह पूरा सिस्टम कैसे काम करता है। भारत में लॉटरी की कानूनी स्थिति भारत में लॉटरी को 'लॉटरी (विनियमन) अधिनियम, 1998' के तहत विनियमित किया जाता है। यह अधिनियम राज्य सरकारों को कुछ शर्तों के तहत लॉटरी आयोजित करने और विनियमित करने की अनुमति देता है, जबकि अन्य राज्यों को इस पर प्रतिबंध लगाने का अधिकार देता है। वर्तमान में, भारत के लगभग 13 राज्य ऐसे हैं जहां लॉटरी कानूनी रूप से वैध है और राज्य सरकारें इसका संचालन करती हैं। इन राज्यों में शामिल हैं: 1. केरल: यह भारत का पहला राज्य था जिसने 1967 में अपनी राज्य लॉटरी शुरू की। 2. गोवा: गोवा राज्य लॉटरी निदेशालय 1995 में स्थापित किया गया था। 3. महाराष्ट्र: महाराष्ट्र में भी लॉटरी योजनाएं जुए के माध्यम से धोखाधड़ी को रोकने के उद्देश्य से शुरू की गईं। 4. मध्य प्रदेश 5. पंजाब 6. पश्चिम बंगाल 7. असम 8. अरुणाचल प्रदेश 9. मेघालय 10. मणिपुर 11. सिक्किम 12. नागालैंड 13. मिजोरम: मिजोरम राज्य लॉटरी परिणाम पूरे देश में काफी लोकप्रिय हैं। यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि इन राज्यों के अलावा अन्य राज्यों में लॉटरी खेलना या बेचना अवैध है। सुप्रीम कोर्ट ने भी राज्य सरकारों को लॉटरी की बिक्री पर प्रतिबंध लगाने की अनुमति दी है। ALSO READ: क्यों टूट रहा है अपने घर का सपना? 59% भारतीयों ने छोड़ी उम्मीद, जानिए कैसे सट्टेबाजी का गढ़ बना रियल एस्टेट भारत में लॉटरी सिस्टम कैसे काम करता है? भारत में लॉटरी सिस्टम मुख्य रूप से राज्य सरकारों द्वारा संचालित होता है और इसकी प्रक्रिया काफी सीधी होती है: 1. टिकट खरीदना: लोग लॉटरी के टिकट खरीदते हैं। ये टिकट आमतौर पर राज्य सरकार द्वारा अधिकृत लॉटरी कार्यालयों, किराना स्टोरों या कुछ मामलों में ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर भी उपलब्ध होते हैं। टिकट की कीमतें आमतौर पर ₹10 से ₹100 तक होती हैं। 2. निश्चित तारीख पर घोषणा: एक निश्चित तारीख पर, लॉटरी के विजेता नंबरों की घोषणा की जाती है। यह घोषणा आमतौर पर ड्रॉ के माध्यम से की जाती है, जो पूरी तरह से यादृच्छिक (random) होता है। 3. इनाम का वितरण: जिन लोगों के पास विजेता नंबर वाला टिकट होता है, उन्हें लॉटरी का इनाम दिया जाता है। इनाम की राशि टिकट की कीमत और लॉटरी के प्रकार के आधार पर भिन्न होती है। 4. कानूनी नियम और शर्तें: प्रत्येक राज्य की अपनी लॉटरी के लिए अलग-अलग नियम और शर्तें होती हैं। 'लॉटरी (विनियमन) अधिनियम, 1998' के तहत कुछ सामान्य शर्तें भी हैं, जैसे: लॉटरी का आयोजन राज्य सरकार द्वारा किया जाना चाहिए। लॉटरी के ड्रॉ का स्थान उसी राज्य में होना चाहिए। टिकटों की बिक्री से प्राप्त आय राज्य के लोक लेखा में जमा की जानी चाहिए। राज्य सरकार सभी लॉटरियों के ड्रॉ स्वयं निकालेगी। किसी लॉटरी के एक सप्ताह में एक से अधिक ड्रॉ नहीं होंगे। बंपर ड्रॉ की संख्या एक कैलेंडर वर्ष में छह से अधिक नहीं होगी। लॉटरी केवल 18 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों के लिए कानूनी है। 5. कर और विनियमन: लॉटरी से जीती गई राशि पर भारत में आयकर लगता है। 'वस्तु एवं सेवा कर (GST) अधिनियम, 2017' के तहत लॉटरी, जुआ और सट्टेबाजी कर योग्य हैं।