राज्यसभा में बिहार विधानसभा का मामला राजद ने उठाना चाहा, आसन ने नहीं दी अनुमति
नई दिल्ली। राज्यसभा में मंगलवार को राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के एक सदस्य ने बिहार विधानसभा में हुए हंगामे और विपक्षी दलों के विधायकों को सदन से बाहर निकालने के दौरान हुए दुर्व्यवहार का मामला उठाना चाहा, लेकिन सभापति एम. वेंकैया नायडू ने इसे राज्य का विषय बताते हुए इसकी अनुमति नहीं दी।
अन्नाद्रमुक के सदस्य ए मोहम्मद जान को श्रद्धांजलि देने के बाद सुबह सदन की कार्यवाही एक घंटे के लिए स्थगित कर दी गई थी। जब पूर्वाह्न करीब 11 बजे बैठक फिर शुरू हुई तो सभापति ने वित्त विधेयक पेश करने के लिए वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण का नाम पुकारा।
इसी बीच, राजद के मनोज झा ने बिहार विधानसभा की घटना का उल्लेख करते हुए कहा, बिहार में कल जघन्य अपराध हुआ है। एक सदन में लोकतंत्र तार-तार हुआ है। महिला विधायकों के साथ दुर्व्यवहार हुआ, जो कहीं से भी उचित नहीं है।
इस पर सभापति ने कहा कि इस विषय पर झा की ओर से दिए गए नोटिस को उन्होंने देखा है लेकिन चूंकि यह राज्य का विषय है, इसलिए यहां नहीं उठाया जा सकता। उन्होंने कहा, विषय को राज्य में उठाइए।विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि यदि किसी राज्य में अन्याय हुआ है तो चर्चा की जा सकती है।
उन्होंने सभापति से आग्रह किया कि वह राजद सदस्य को इस विषय को उठाने की अनुमति दें। सभापति नायडू ने कहा, कल कुछ सदस्य महाराष्ट्र का विषय उठाना चाह रहे थे, आज आप बिहार का विषय उठाना चाहते हैं और कल कोई और विषय उठाएगा। विषय को उठाने की अनुमति न देते हुए उन्होंने सीतारमण को वित्त विधेयक पेश करने को कहा।
ज्ञात हो कि पुलिस बल को बगैर वारंट की गिरफ्तारी की शक्ति देने के प्रावधान वाला एक विधेयक बिहार विधानसभा में पेश करने के बाद मंगलवार को सदन में अप्रत्याशित स्थिति पैदा हो गई थी। विधानसभा अध्यक्ष के कक्ष का घेराव करने वाले विपक्ष के विधायकों को हटाने के लिए सदन में पुलिस बुलानी पड़ गई।(भाषा)