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Last Updated :नई दिल्ली , मंगलवार, 28 नवंबर 2023 (07:29 IST)

भारत में कोरोना मरीजों पर 'डेक्सामिथासोन' की हाईडोज को लेकर रिसर्च में हुआ यह खुलासा

भारत में कोरोना मरीजों पर 'डेक्सामिथासोन' की हाईडोज को लेकर रिसर्च में हुआ यह खुलासा - Research report came out regarding high dose of dexamethasone
This was revealed in research regarding high dose of Dexamethasone : स्टेरॉयड दवा 'डेक्सामिथासोन' की उच्च खुराक कोरोनावायरस से पीड़ित भारतीय मरीज़ों पर उतनी असरदार नहीं है, जितनी यूरोप के रोगियों पर है। यह जानकारी एक अध्ययन में सामने आई है। इसमें मरीज़ों के अंतर और स्वास्थ्य प्रणालियों जैसे कारकों पर भी विचार किया गया है।
 
यह जानकारी ‘लांसेट रीज़नल हेल्थ- साउथ ईस्ट एशिया जर्नल’ में प्रकाशित एक अध्ययन में सामने आई है। अध्ययन में पाया गया है कि ‘डेक्सामिथासोन’ की उच्च खुराक कोविड-19 रोगियों पर कितना काम करती है। इसमें मरीज़ों के अंतर और स्वास्थ्य प्रणालियों जैसे कारकों पर भी विचार किया गया है।
 
टीम में कोपनहेगन विश्वविद्यालय अस्पताल-रिगशॉस्पिटालेट, डेनमार्क के शोधार्थी भी थे और उन्होंने पाया कि भारत में कोविड-19 के मरीज़ों पर ‘डेक्सामिथासोन’ की 12 मिलीग्राम की उच्च खुराक भी उतनी असरदार नहीं दिखी, जितनी छह मिलीग्राम की सामान्य खुराक का असर होता है।
 
टीम ने कहा कि यह आकलन जीवित रहने की दर एवं 90 तथा 180 दिन के बाद लोग कितने अच्छे हैं, इसके आधार पर किया गया है। अध्ययनकर्ताओं ने कहा, हमारे विश्लेषण से पता चलता है कि ‘डेक्सामिथासोन’ की उच्च खुराक का यूरोप के रोगियों की तुलना में भारत के मरीज़ों पर कम लाभकारी प्रभाव हो सकता है, हालांकि इसके साक्ष्य कमज़ोर हैं।
 
इसमें बताया गया है कि भारत जैसे निम्न-मध्यम आय वाले देशों में कई अनूठी चुनौतियां हैं जिनके कारण उपचार उतना कारगर नहीं हो सकता है। शोधार्थियों ने कहा कि अच्छी खबर यह है कि उच्च खुराक से भारतीय रोगियों को अधिक समस्या नहीं हुई, जो उनकी सुरक्षा के लिए अहम है।
 
उन्होंने कहा कि यह सिर्फ एक अध्ययन है और निष्कर्षों को पक्का करने के लिए और अधिक शोध की जरूरत है। टीम में अपोलो अस्पताल, चेन्नई, होमी भाभा राष्ट्रीय संस्थान, मुंबई, जॉर्ज इंस्टीट्यूट फॉर ग्लोबल हेल्थ, दिल्ली और न्यू साउथ वेल्स विश्वविद्यालय, ऑस्ट्रेलिया के शोधकर्ता भी शामिल थे।(भाषा)
Edited By : Chetan Gour