चीन की रहस्यमयी बीमारी पर भारत की चेतावनी- देरी न करे दुनिया
चीन में पसरी रहस्यमयी बीमारी ने दुनिया को एक बार फिर से दहशत में डाल दिया है। भारत में इसके मद्देनजर जांच पर जोर दिए जाने के लिए कहा गया है। इसके साथ ही भारत की तरफ से कहा गया है कि दुनिया इस बीमारी हल्के में लेकर किसी तरह की देरी न करें।
दरअसल, मीडिया में आई रिपोर्ट के मुताबिक केंद्र के कोविड पैनल के प्रमुख डॉ. एनके अरोड़ा ने बताया है कि कोविड-19 (Covid-19) के प्रकोप को देखते हुए चीन के लिए यह जरूरी है कि वह किसी भी अस्पष्ट और रहस्यमयी बीमारी के कारणों की तुरंत जांच करे और उसके बारे में दुनिया को जानकारी दे।
टीकाकरण पर राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार समूह (NTAGI) के प्रमुख डॉ. अरोड़ा के मुताबिक बीमारी के बारे में अगर स्वतंत्र सत्यापन चीन के लिए चुनौतीपूर्ण साबित होता है, तो उसको तुरंत अंतरराष्ट्रीय सहयोग से जांच करनी चाहिए। एनटीएजीआई भारत में कोविड-19 टीकों के उपयोग के बारे में महत्वपूर्ण फैसले लेता है।
क्या हो रहा है चीन में : बता दें कि चीन में हाल ही में अस्पष्ट और रहस्यमयी निमोनिया जैसी बीमारी के मामलों में तेज बढ़ोतरी के कारण अस्पतालों में भारी संख्या में मरीज भर्ती हो रहे हैं। इस हफ्ते की शुरुआत में एक ऑनलाइन मेडिकल कम्युनिटी प्रोमेड (ProMED) ने उत्तरी चीन में बच्चों में अज्ञात निमोनिया के बढ़ते सामूहिक मामलों की कई मीडिया रिपोर्टों पर गौर किया। प्रोमेड संस्था ने ही 2019 के अंत में वुहान में फैल रही एक अज्ञात बीमारी के बारे में सवाल उठाए थे, जो बाद में कोविड-19 बनकर दुनिया के सामने आई थी।
बता दें कि यह बीमारी भी ठीक उसी तरह सामने आ रही है, जैसे कि कोविड-19 महामारी पहली बार अस्पष्ट निमोनिया जैसी बीमारी के साथ शुरू हुई थी।
हाल जैसे भी हो निपटना होगा: मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक डॉ. अरोड़ा ने बताया कि दुनिया को उम्मीद है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन इस मामले को मजबूती से आगे बढ़ाएगा। इसके साथ ही कहा कि संयुक्त राष्ट्र स्वास्थ्य एजेंसी को खासकर दो पहलुओं- प्रकोप से निपटना और जांच से निकलने वाले परिणामों को साझा करने के संबंध में अधिक पारदर्शिता पर जोर देना चाहिए।
हल्के में न लें दुनिया : विशेषज्ञों के मुताबिक दुनिया को यहां कोई देरी नहीं होने देनी चाहिए और मजबूत जीनोमिक निगरानी सहित सभी तीन पहलुओं- क्लीनिकल, महामारी विज्ञान और सूक्ष्मजीवविज्ञानी जांच तुरंत करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि भले ही चीन में ये हालात जल्द ही सुधर जाएं, भारत और अन्य देशों को अपने जीनोमिक निगरानी नेटवर्क को कभी भी खत्म नहीं करना चाहिए। जिन्हें कोविड-19 से सीख लेकर स्थापित किया गया है। दुनिया को जीनोमिक विश्लेषणात्मक क्षमताओं को बढ़ाना जारी रखना चाहिए और भविष्य के प्रकोपों को समय पर पकड़ने के लिए प्रकोप के दौरान लगाए गए तंत्र को मजबूत करना चाहिए।
Edited By : Navin Rangiyal