अयोध्या के भव्य राम मंदिर के गर्भगृह में इस तरह विराजित होंगे रामलला
grand Pran Pratishtha ceremony in Ayodhya: श्रीराम नगरी अयोध्या अब जल्द ही 'अयोध्या धाम' के स्वरूप में दिखने वाली है, जिसकी तैयारियां जोरों पर हैं। 22 जनवरी 2024 के दिन का सभी को बेसब्री से इंतजार है, जब प्रभु श्रीरामलला पूरे विधि-विधान के साथ भव्य मंदिर के गर्भगृह में विराजित होंगे। इस ऐतिहासिक समारोह के मुख्य यजमान होंगे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी।
रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा का विधि-विधान शिवनगरी काशी के प्रसिद्ध विद्वान पंडित लक्ष्मीकांत मथुरानाथ के निर्देशन कराया जाएगा। इस महत्वपूर्ण कार्य में इनके छोटे पुत्र पंडित जयकृष्ण दीक्षित भी सहयोगी की भूमिका में होंगे। मकर संक्रांति के उपरांत 15 जनवरी को ही काशी से 40 विद्वानों एवं कर्मकांडी ब्राम्हणों का समूह अयोध्या पहुंच जाएगा। साथ ही 121 कर्मकांडी और वेद-पुराणों के विद्वान भी होंगे। ये सभी पंडित लक्ष्मीकांत के निर्देशन में पूजा-पाठ संपन्न कराएंगे।
निकलेगी भव्य शोभायात्रा : 16 जनवरी को यज्ञ के साथ ही अन्य कार्यक्रमों की तिथि भी निर्धारित होगी। 17 जनवरी को प्रभु राम लला की प्रतिमा (मूर्ति) की शोभा यात्रा के साथ ही कलश यात्रा का कार्यक्रम भी होगा। प्राण-प्रतिष्ठा का मुख्य कार्यक्रम 18 जनवरी के मध्यान्ह से शुभारंभ हो जाएगा, जो कि 22 जनवरी की शाम को संपन्न होगा।
22 जनवरी को रामलला जागेंगे और... : काशी से आने वाले विद्वान् ब्राम्हणों द्वारा राम मंदिर में विराजमान होने वाले रामलला का भव्य पूजन कराया जाएगा। इस पूजन में सबसे पहले रामलला की मूर्ति को जल में विहार कराया जाएगा। इसके पश्चात रामलला को शैया, पुष्पों, रत्न और प्रभु की मनपसंद वस्तुओ के साथ उन्हें रखा जाएगा। 21 जनवरी को शैया निवास कराया जाएगा।
इसके बाद वह दिव्य घड़ी आएगी जिसका सभी राम भक्तों को बड़ी ही बेसब्री से इंतजार है। 22 जनवरी को रामलला को परंपरागत तरीके से जगाया जाएगा फिर निर्धारित मुहूर्त में मंत्रोच्चार के साथ श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के गर्भगृह में प्राण-प्रतिष्ठा कराई जाएगी।
प्राण प्रतिष्ठा समारोह के बाद राम भक्तों द्वारा दीवाली मनाई जाएगी। संपूर्ण अयोध्या धाम दिव्य रूप से जगमगाएगा और इतिहास के पन्नों में एक नया अध्याय स्वर्णिम अक्षरों में अंकित हो जाएगा।