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Last Modified: शुक्रवार, 23 अगस्त 2024 (21:21 IST)

क्या कह रही है यह तस्वीर? पुतिन को गले लगाने से जुड़े सवाल का जयशंकर ने दिया करारा जवाब

Narendra Modi
Prime Minister Narendra Modi visit to Ukraine: यूक्रेन यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दो फोटो काफी वायरल हो रहे हैं। एक मैं मोदी और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की गले मिलते हुए दिखाई दे रहे हैं, जबकि दूसरे में मोदी जेलेंस्की के कंधे पर हाथ रखे हुए दिखाई दे रहे हैं। यदि बॉडी लेंग्वेज को देखें तो गले मिलकर मोदी अपनत्व दिखा रहे हैं, जबकि कंधे पर हाथ रखने वाली तस्वीर कहीं न कहीं जेलेंस्की को आश्वस्त कर रही है कि हम आपके साथ हैं।
 
रूस दौरे के समय भी पुतिन और मोदी की गली लगने वाली तस्वीर काफी चर्चा में रही थी। तब यह फोटो जेलेंस्की को रास नहीं आया था। उस समय मोदी-पुतिन की मुलाकात पर जेलेंस्की ने लिखा था कि इससे बहुत अधिक निराशा हुई। विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र के नेता को मॉस्को में दुनिया के सबसे बड़े खूनी अपराधी को गले लगाते देखना शांति प्रयासों के लिए बहुत बड़ा झटका है। ALSO READ: रूस यूक्रेन युद्ध में भारत तटस्थ नहीं, हम शांति के साथ हैं
 
यह हमारी संस्कृति का हिस्सा : भारत के विदेशमंत्री एस जयशंकर से पत्रकार वार्ता के दौरान इसी तरह का सवाल पूछा गया था कि आखिर पुतिन ने मोदी को गले क्यों लगाया था? इस पर जयशंकर ने कहा कि हमारे यहां ऐसा ही होता है, यह हमारी संस्कृति का हिस्सा है। हमारे यहां जब लोग मिलते हैं तो एक दूसरे को गले लगाते हैं। यह हमारी संस्कृति का हिस्सा है, हो सकता है यह आपकी संस्कृति का हिस्सा न हो। उन्होंने कहा कि यह एक सांस्कृति अंतर है, जिसे पश्चिम के देश नहीं समझ सकते। 
दोनों नेताओं की बातचीत पर क्या कहा जयशंकर ने : दोनों नेताओं ने की वार्ता का ब्योरा देते हुए जयशंकर ने कहा कि प्रधानमंत्री ने जेलेंस्की को यूक्रेन में शांति बहाली के लिए ‘हर संभव तरीके’ से योगदान करने की भारत की इच्छा से अवगत कराया। उन्होंने कहा कि यह बहुत विस्तृत, खुली और कई मायनों में रचनात्मक वार्ता थी। उन्होंने कहा कि बातचीत कुछ हद तक सैन्य स्थिति, खाद्य और ऊर्जा सुरक्षा जैसी चिंताओं और ‘शांति के लिए सभी संभव तरीकों’ पर केंद्रित थी। उन्होंने कहा कि यूक्रेन वैश्विक शांति सम्मेलन में भारत की भागीदारी जारी रखना चाहता है।
 
उन्होंने कहा कि चर्चा को आगे बढ़ाने के प्रभावी तरीकों पर भी चर्चा हुई। भारत का मानना है कि दोनों पक्षों (यूक्रेन और रूस) को समाधान खोजने के लिए एक-दूसरे के साथ बातचीत करने की जरूरत है। विदेश मंत्री ने कहा कि दोनों नेताओं ने क्षेत्रीय अखंडता के लिए सम्मान और देशों की संप्रभुता की रक्षा जैसे अंतरराष्ट्रीय कानून के सिद्धांतों को बनाए रखने के लिए सहयोग जारी रखने के वास्ते अपनी प्रतिबद्धता दोहराई।
Edited by: Vrijendra Singh Jhala
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