Delhi Elections : दिल्ली में पुजारी-ग्रंथी योजना, जानिए कौनसे राज्य पुजारी-इमामों को कितनी देते हैं सैलरी
Priest Scheme in Delhi : दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 से पहले आम आदमी पार्टी ने एक और चुनावी कार्ड खेला है। दिल्ली में पुजारी-ग्रंथी सम्मान योजना शुरू की है। योजना में मंदिरों में काम करने वाले पुजारियों और गुरुद्वारे के ग्रंथियों को हर महीने 18000 रुपए दिए जाएंगे। जानिए कौनसे राज्य में पुजारी-इमामों को क्या मिलता है। देश के बड़े मंदिरों जैसे तिरुपति मंदिर, अयोध्या राममंदिर, महाकाल मंदिर में सरकार एक बड़ी राशि पुजारियों को दी जाती है।
उत्तरप्रदेश-उत्तरखंड : यहां सैलरी तो नहीं दी जाती, लेकिन ASI के अधीन आने वाले मस्जिदों में इमामों को पैसे मिलते हैं।
आंध्रप्रदेश : मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने हर मंदिर को 10 लाख लाख और वहां के पुजारियों को हर महीने 15 हजार रुपए सैलरी देने का ऐलान किया है। उन्होंने सैलरी 50 प्रतिशत बढ़ाने की घोषणा की थी। इतना ही नहीं, मंदिरों में काम करने वाले नाई को भी 25,000 रुपए और वेदपाठ करने वाले युवाओं को 3000 रुपए मासिक भत्ता देने का ऐलान किया था।
तेलंगाना : जुलाई 2022 से तेलंगाना में इमामों और मुअज्जिनों को हर महीने 5,000 रुपए मानदेय दिया जा रहा है।
पश्चिम बंगाल : सरकार साल 2012 से ही यहां की मस्जिदों में इमामों को हर महीने 2,500 रुपए भत्ता दे रही है।
बिहार : सरकार हर साल 100 करोड़ रुपए का फंड वक्फ बोर्ड को देती है। वक्फ बोर्ड इमामों को सैलरी देते हैं।
कर्नाटक : बड़े शहरों में इमाम को 20 हजार, नायब इमाम को 14000, मोअज्जिन को 14000 देने का प्रावधान है।
मध्यप्रदेश : मध्यप्रदेश सरकार में धार्मिक न्यास और धर्मस्व विभाग ने 2022 में आदेश जारी किए थे कि जिन मंदिरों के पास कृषि भूमि नहीं है, उन मंदिरों को पुजारियों को 5 हजार रुपए प्रतिमाह का मानदेय दिया जाएगा। जिन मंदिरों के पास 5 एकड़ कृषि भूमि है, उन मंदिरों के पुजारियों को सरकार ढाई हजार रुपए प्रतिमाह का मानदेय देगी। जिन मंदिरों के पास 10 एकड़ से ज्यादा भूमि है, उन मंदिरों के पुजारियों के अलग से कोई वेतन नहीं दिया जाएगा। इनपुट एजेंसियां