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Written By Author विकास सिंह
Last Updated : सोमवार, 4 अप्रैल 2022 (14:59 IST)

पाकिस्तान में सत्ता संकट और रूस-चीन की दोस्ती भारत के सामने कितनी चुनौती?

पाकिस्तान में सत्ता संकट और रूस-चीन की दोस्ती भारत के सामने कितनी चुनौती? - Power crisis in Pakistan and Russia-China friendship What is the challenge before India?
रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध से अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था की स्थिरता पर पहले से ही प्रश्नचिह्न लगा हुआ है वहीं भारत के पड़ोसी देश पाकिस्तान में राजनीतिक अस्थिरता ने भारत के लिए चुनौतियां बढ़ा दी है। रूस-यूक्रेन युद्ध में जिस तरह से चीन खुलकर रूस के साथ खड़ा हुआ नजर आया है और चीन की पाकिस्तान से जो नजदीकियां है वह भारत की विदेश नीति के सामने एक बड़े चैलेंज के रूप में सामने आ रही है। 
 
पूर्व विदेश मंत्री यशवंत सिन्हा ‘वेबदुनिया’ से बातचीत में कहते हैं कि मौजूदा दौर में भारत के सामने स्थितियां चुनौतीपूर्ण है। आज नियम पर आधारित अतर्राष्ट्रीय व्यवस्था कोलेप्स कर गई है। रूस और यूक्रेन के बीच चालीस दिन से युद्ध चल रहा है,दुनिया देख रही है लेकिन कोई कुछ कर नहीं पा रहा है। आज यूनाइटेड नेशन पूरी तरह से फेल कर गया है। दुनिया के प्रजातांत्रिक देश भी कुछ नहीं कर पा रहे है। 

पूर्व विदेश मंत्री यशवंत सिन्हा आगे कहते हैं कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन 83 साल की उम्र तक वहां के नए कानून के मुताबिक शासक बनें रहेंगे। वहीं चीन में राष्ट्रपति शी जिनपिंग जीवन पर्यन्त वहां के शासक बने रहेंगे। चीन और रूस में सत्ता को लेकर यह एक बड़ा डेवलपमेंट है। आज यह जो दो बड़े देश है, पूरी तरह से प्रजातंत्र को दरकिनार कर अधिनायकवाद (dictatorship) की तरफ चले गए है। यूक्रेन पर रूस का आक्रमण करना यह बताता है कि दुनिया में कोई ताकत नहीं है जो इनको रोक सके। 

चीन को लेकर यशवंत सिन्हा कहते हैं कि आज चीन अमेरिका के समकक्ष शक्तिशाली देश बन गया है और चीन और भारत के संबंध अच्छे नहीं हैं। चीन सीमा पर लगातार आक्रामक रहा है और हमारी भूमि पर कब्जा करता रहा है। ऐसे में अगर मान लीजिए कल को भारत और चीन के बीच कुछ हो जाए तो हमको पूरी तरह से अपने उपर ही निर्भर होना पड़ेगा दुनिया के देश मदद करने नहीं आएंगे।  

रूस और यूक्रेन युद्ध में भारत के दोनों पड़ोसी देशों पाकिस्तान और चीन के खुलकर रूस के साथ आ जाने को पूर्व विदेश मंत्री यशवंत सिन्हा एक बहुत बड़ा खतरा बताते हुए कहते है कि चीन और रूस की दोस्ती फिर पाकिस्तान की रूस के साथ बढ़ती निकटता भारत के लिए खतरे की घंटी है। पाकिस्तान पहले से ही चीन के साथ था और अब यूक्रेन संकट के समय खुलकर रूस के साथ नजर आ रहा है जो दक्षिण एशिया में भारत के लिए बहुत बड़ा खतरा है। अगर भारत का पाकिस्तान या चीन के साथ कोई क्राइसिस होता है तब दुनिया के देश तटस्थ रह जाएगे ऐसे में रूस के साथ चीन और पाकिस्तान की निकटता भारत के नजरिए से ठीक नहीं है।
 
पाकिस्तान में अस्थिरता का भारत पर क्या असर पड़ेगा इस सवाल पर पूर्व विदेश मंत्री यशवंत सिन्हा कहते हैं कि पाकिस्तान में कोई भी सत्ता पर आ जाए भारत के साथ उसके संबंध नहीं सुधरेंगे, इसकी एक बड़ी वजह भारत के साथ संबंधों में सेना का सीधा दखल है।  वह कहते हैं कि सेना के बिना पाकिस्तान की सत्ता में कोई टिक नहीं सकता। 

वास्तव में सेना अपने ढंग से मुल्क को चलाती है। अगर भारत से पाकिस्तान के संबंध सुधरते है तो पाकिस्तान की फौज का जो पाकिस्तान की जनता पर कंट्रोल है वह घट जाएगा, इसलिए पाकिस्तान की फौज कभी नहीं चाहेगी कि भारत से संबंध सुधरे इसलिए पाकिस्तान में कोई भी प्रधानमंत्री हो हमें कोई भी उम्मीद उससे नहीं रखनी चाहिए। इसके साथ ही पाकिस्तान की फौज से भी एक बड़ी संस्था है जो नहीं चाहती है कि भारत से संबंध सुधरे।
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