प्रश्नपत्र लीक होने को लेकर बिहार में सियासी घमासान
राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नेता तेजस्वी यादव ने रविवार को आरोप लगाया कि लोक सेवा आयोग (पीएससी) द्वारा आयोजित शिक्षक भर्ती परीक्षा का प्रश्नपत्र लीक होना इस बात का सबूत है कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) शासन के तहत राज्य में माफिया राज चल रहा है। यादव के इस बयान की भाजपा ने तीखी आलोचना की।
उपमुख्यमंत्री और भाजपा की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने कहा कि राज्य में राजद के शासन के दौरान राज्य लोक सेवा आयोग के एक अध्यक्ष को जेल जाना पड़ा था।
बहरहाल, उन्होंने बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) के उस अध्यक्ष का नाम नहीं बताया, जिसे गिरफ्तार किया गया था।
जब पत्रकारों ने चौधरी से राजद नेता के बयान के बारे में सवाल किया, तो उन्होंने कहा, क्या वह (तेजस्वी यादव) होश में हैं।
बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) ने बिहार लोक सेवा आयोग की शिक्षक भर्ती परीक्षा (टीआरई)-3 का कथित रूप से प्रश्नपत्र लीक होने के संबंध में झारखंड के हजारीबाग जिले में 270 से अधिक अभ्यर्थियों को हिरासत में लिया है।
यादव ने दावा किया कि बिहार में 17 महीने के महागठबंधन के शासन के दौरान लोगों ने राज्य में प्रश्नपत्र लीक होने की कोई घटना कभी नहीं सुनी थी।
उन्होंने कहा, हमने टीआरई-1 और टीआरई-2 परीक्षाएं प्रश्नपत्र लीक की किसी भी घटना के बिना आयोजित कीं। हमने 70 दिन में दो लाख अभ्यर्थियों को शिक्षक की नौकरियां दीं, लेकिन कोई प्रश्नपत्र लीक नहीं हुआ। अब राजग शासन में टीआरई-3 का प्रश्नपत्र लीक हो गया। यह माफिया राज के कारण है।
यादव ने यह भी आरोप लगाया कि राजग शासित राज्यों उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश से भी प्रश्नपत्र लीक की ऐसी ही घटनाएं सामने आ रही हैं।
चौधरी ने इन आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, प्रश्न पत्र लीक करने के मामले में शामिल सभी लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। जो लोग इस घटना में शामिल हैं, वे अपराधी हैं।
उन्होंने कहा, जांच जारी है। किसी को बख्शा नहीं जाएगा। राज्य में राजग की सरकार है, राजद की नहीं। भाषा