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Last Updated :नई दिल्ली , रविवार, 17 मार्च 2024 (21:24 IST)

40 घंटों तक चला ऑपरेशन, Indian Navy के आगे समुद्री लुटेरों ने टेके घुटने

35 सोमलियाई समुद्री डाकुओं को पकड़ा

40 घंटों तक चला ऑपरेशन, Indian Navy के आगे समुद्री लुटेरों ने टेके घुटने - Indian Navy and Air Force Conduct Complex Anti-Piracy Operation
भारतीय नौसेना (Indian Navy) ने एक अभियान में 35 सोमालियाई समुद्री डाकुओं को पकड़ने और उनके द्वारा बंधक बनाए गए 17 बंधकों को मुक्त कराया। नौसेना ने करीब 40 घंटे के अभियान के दौरान आईएनएस कोलकाता और आईएनएस सुभद्रा और सी गार्जियन ड्रोन को तैनात किया। अभियान के लिए सी-17 विमान से विशिष्ट मार्कोस कमांडो को उतारा गया।
 
नौसेना ने कहा कि यह कार्रवाई हिन्द महासागर में शांति और स्थिरता को मजबूत करने और क्षेत्र में समुद्री डकैती के फिर से सिर उठाने को विफल करने के उसके संकल्प को दर्शाती है।  नौसेना ने शनिवार को एक सुव्यवस्थित अभियान में भारतीय तट से लगभग 2,600 किलोमीटर दूर पूर्व में माल्टा के ध्वजांकित व्यापारिक जहाज (एमवी) रुएन को जब्त कर लिया। इस अभियान के बारे में विशेषज्ञों ने कहा कि पिछले लगभग 7 वर्षों में सोमालिया के समुद्री डाकुओं से किसी जहाज को इस तरह से छुड़ाने का यह पहला अभियान है।
 
नौसेना ने बताया कि एमवी रुएन का सोमालियाई जलदस्युओं ने 14 दिसंबर को अपहरण कर लिया था।
एक बयान में, नौसेना ने कहा कि एमवी रुएन की समुद्री यात्रा की क्षमता का आकलन किया जा रहा है और पोत पर लगभग 37,800 टन माल लदा है जिसकी कीमत करीब 10 लाख अमेरिकी डॉलर है। इसे सुरक्षित भारत लाया जाएगा।
बयान में कहा गया है कि दक्षिणी हिंद महासागर क्षेत्र में समुद्री डाकू द्वारा बंधक बनाए गए जहाज रुएन से जुड़े समुद्री डकैती विरोधी अभियान की परिणति शांति और स्थिरता को मजबूत करने और क्षेत्र में समुद्री डकैती के फिर से सिर उठाने को विफल करने की दिशा में भारतीय नौसेना की प्रतिबद्धता को उजागर करती है।
 
यमन के हूती विद्रोहियों द्वारा लाल सागर में मालवाहक जहाजों पर बढ़ते हमलों के बाद रणनीतिक जलमार्गों पर निगरानी रखने के लिए नौसेना ने 10 से अधिक युद्धपोत तैनात किए हैं।
 
नौसेना ने कहा कि अरब सागर में मिशन पर तैनात आईएनएस कोलकाता ने 40 घंटे से अधिक समय तक चले निरंतर अभियान के माध्यम से, सोमालिया के समुद्री डाकुओं द्वारा अपहृत एमवी रुएन पोत के जरिए क्षेत्र से गुजरने वाली अन्य पोतों को बंधक बनाने की योजना को 16 मार्च को विफल कर दिया।
 
नौसेना ने बताया कि आईएनएस कोलकाता ने बुधवार सुबह रुएन को रोका और ड्रोन के जरिए सशस्त्र समुद्री डाकुओं की मौजूदगी की उसपर पुष्टि हुई।
 
उसने बताया कि डाकुओं ने ड्रोन को मार गिराया और भारतीय नौसेना के युद्धपोत पर गोलीबारी की। आईएनएस कोलकाता ने जहाज के स्टीयरिंग सिस्टम और नेविगेशनल सहायता को अक्षम कर दिया, जिससे उसे नौकायन बंद करना पड़ा।
इसके बाद सी-17 विमान से मार्कोस कमांडो उतारा गया जिन्होंने जहाज को जब्त कर लिया, समुद्री डाकुओं को पकड़ लिया और रुएन के चालक दल के 17 सदस्यों को रिहा करा लिया।
 
बयान में कहा गया है कि पिछले 40 घंटों में भारतीय नौसेना के लगातार दबाव और सुनियोजित कार्रवाई के कारण सोमालिया के सभी 35 समुद्री डाकुओं ने आत्मसमर्पण कर दिया।