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Last Updated : शनिवार, 2 मार्च 2024 (17:23 IST)

INS जटायु पर भारत तैनात करेगा Romeo Helicopter, चीन और मालदीव में मची खलबली

INS Jatayu
  • लक्षद्वीप में 5 मार्च को होगा नौसैनिक अड्डा का उद्घाटन
  • हिंद महासागर में सीधे चीन को चुनौती देगा भारत
  • चीन के साथ मालदीव की भी हेकड़ी  होगी कम
INS jatayu naval base in Lakshadweep: चीन और मालदीव आए दिन भारत को आंख दिखाने की गुस्‍ताखी करते हैं। लेकिन अब भारत ने इन दोनों देशों के तेवर नर्म करने की तैयारी कर ली है। भारत के इस फैसले से दोनों देशों में हलचल तेज हो गई है।

दरअसल, भारत 5 मार्च को लक्षद्वीप (Lakshdeep) में नया नौसैनिक अड्डा INS जटायु शुरू होने जा रहा है।
भारतीय नौसेना ने हिंद महासागर में अब अपना वर्चस्व बढाने जा रहा है। भारत लक्षद्वीप के मिनिकॉय द्वीप पर नया नौसैनिक अड्डा INS जटायु स्थापित करेगा। देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह 5 मार्च को इसे भारतीय नौ सेना को अधिकारिक रूप से सौंप सकते हैं। हिंद महासागर में भारत यहां से चीन को सीधे चुनौती देगा।

लड़ाकू विमानों का संचालन होगा: दरअसल, INS जटायु पर चार MH-60 रोमियो बहुउद्देशीय हेलीकॉप्टरों की तैनाती की जाएगी। यह सैन्य अड्डा अंडमान में बनाए गए INS बाज के बराबर होगा। इसके साथ ही अगाट्टी द्वीप में हवाईपट्टी को भी विकसित किया जाएगा। भारतीय वायु सेना यहां से लड़ाकू विमानों का संचालन करेगी।
मालदीव विवाद के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 4 जनवरी को लक्षद्वीप की यात्रा की थी। तस्वीरों को साझा करते हुए यहां पर्यटकों को आने के लिए न्योता दिया था। इसके बाद मालदीव के मंत्रियों ने अर्मादित टिप्पणी की। इससे दोनों देशों के बीच राजनयिक स्तर तक विवाद बढ़ गया था। विवाद इतना बढा था कि भारत ने मालदीव का बहिष्‍कार शुरू कर दिया था।

राजनाथ सिंह जाएंगे साथ: भारतीय नौ सेना संयुक्त कमांडर सम्मेलन युद्धपोत INS विक्रमादित्य और INS विक्रांत पर होगी। यह युद्धपोत गोवा से चलकर कर्नाटक कारवार और फिर वहां से मिनिकॉय द्वीप होते हुए कोच्चि पहुंचेंगे। इस दौरान राजनाथ सिंह भी इनमें से किसी एक पर सवार होकर लक्षद्वीप जाएंगे। इस दौरान उनके साथ 15 और युद्धक जहाज भी होंगे। पहली बार दोनों युद्धपोत का संचालन एक साथ किया जाएगा।

चीन को चुनौती : लक्षद्वीप और मिनिकॉय द्वीप 9 डिग्री चैनल पर स्थित हैं। यहां से दक्षिण-पूर्वी एशिया और उत्तरी एशिया के बीच अरबों रुपए का व्यापार होता है। इतना ही नहीं लक्षद्वीप की भौगोलिक स्थिति हिंद महासागर पर नजर रखने के लिए काफी अहम है। इससे सैन्य अडडे से चीन को सीधी चुनौती मिलेगी। बता दें कि इन दिनों मालदीव में चीनी दखल हो गया है, जिसके बाद मालदीव भी भारत को आंखें दिखाने की हिमाकत कर रहा है। ऐसे में भारत का यह नेवी बेस बेहद अहम कदम साबित होगा।

क्‍या है लक्षद्वीप : लक्षद्वीप 36 छोटे-छोटे द्वीपों का समूह है। यह केरल के कोच्चि से करीब 440 किलोमीटर दूर स्थित है। रणनीतिक नजरिए से भी काफी इन द्वीपों पर कुल आबादी 64,000 है। इसमें से भी 95 प्रतिशत मुस्लिम हैं। यहां जाने के लिए किसी भी नागरिक का परमिट लेना पड़ता है। भारतीय सैन्य बलों से जुड़े लोगों को यह छूट है।

लेकिन अब यहां भारत अपना एक नया नेवी बेस बना रहा है, जो जल्‍द ही तैयार हो जाएगा। भारत के इस फैसले से मालदीव और चीन दोनों में हलचल तेज हो गई है। दोनों देशों के लिए यह एक सीधी चुनौती मानी जा रही है। 
Edited by Navin Rangiyal