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Last Modified: जम्मू , रविवार, 17 मार्च 2024 (20:00 IST)

Article 370 निरस्ती के बाद जम्मू कश्मीर में पहला चुनाव, लोकसभा की इन 3 सीटों पर रहेंगी नजरें...

Article 370 निरस्ती के बाद जम्मू कश्मीर में पहला चुनाव, लोकसभा की इन 3 सीटों पर रहेंगी नजरें... - Jammu Kashmir Lok Sabha Elections 2024
Jammu Kashmir Lok Sabha Elections 2024 : जम्मू-कश्मीर अपने विभाजन के बाद से पहले बड़े चुनावी मुकाबले का गवाह बनेगा। वर्ष 2019 के आम चुनाव के बाद जम्मू-कश्मीर का विभाजन कर इसे केंद्र शासित प्रदेश बना दिया गया था। जम्मू-कश्मीर में उधमपुर, श्रीनगर और अनंतनाग-राजौरी प्रमुख संसदीय सीट हैं, जहां कड़ा मुकाबला देखने को मिल सकता है।
 
जम्मू-कश्मीर में लोकसभा की 5 सीटें हैं, जिसमें से 3 से नेशनल कॉन्फ्रेंस, जबकि 2 सीट से भाजपा के सांसद हैं। जून 2018 में पीडीपी-भाजपा सरकार के पतन के बाद से जम्मू-कश्मीर केंद्र के शासन के अधीन है। जम्मू-कश्मीर में आखिरी विधानसभा चुनाव 2014 में हुआ था। 5 अगस्त, 2019 को अनुच्छेद 370 निरस्त होने के बाद जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम के तहत मई 2022 में परिसीमन की प्रक्रिया पूरी हुई थी। परिसीमन में 90 विधानसभा और पांच संसदीय क्षेत्रों की सीमाओं को संशोधित किया गया था।
लोकसभा चुनाव के कुल सात चरणों में से पहले पांच चरण में जम्मू-कश्मीर में मतदान होगा। उधमपुर में 19 अप्रैल, जम्मू में 26 अप्रैल, अनंतनाग-राजौरी में सात मई, श्रीनगर में 13 मई और बारामूला में 20 मई को मतदान होगा। परिणाम चार जून को घोषित किए जाएंगे। जम्मू-कश्मीर में प्रमुख संसदीय सीट इस प्रकार हैं, जहां कड़ा मुकाबला देखने को मिल सकता है :
 
1. उधमपुर : केंद्रीय मंत्री जितेन्द्र सिंह यहां भाजपा उम्मीदवार के रूप में जीत की हैट्रिक बनाना चाहेंगे। पेशे से चिकित्सक सिंह ने 2019 में पूर्व महाराजा हरि सिंह के पोते और कांग्रेस के उम्मीदवार विक्रमादित्य सिंह को 3,53,272 मतों के भारी अंतर से हराकर उधमपुर लोकसभा सीट बरकरार रखी थी। सिंह ने 2014 में पूर्व केंद्रीय मंत्री गुलाम नबी आजाद को 60,976 वोटों से हराया था।
 
2. श्रीनगर : नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला 2017 में हुए उपचुनाव में जीत हासिल कर इस सीट से सांसद बने थे, तब से वह यहां से सांसद हैं। इस सीट से पीडीपी सांसद तारिक हमीद कर्रा इस्तीफा देकर कांग्रेस में शामिल हो गए थे, जिसके बाद उपचुनाव हुआ था। अब्दुल्ला ने 2019 के आम चुनाव में अपने निकटतम पीडीपी उम्मीदवार आगा सैयद मोहसिन को 70,000 से अधिक मतों के अंतर से हराया था।
 
3. अनंतनाग-राजौरी : इस संसदीय क्षेत्र में दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग, शोपियां और कुलगाम जिलों व जम्मू क्षेत्र के सीमावर्ती जिलों राजौरी और पुंछ के अधिकांश हिस्से आते हैं। भाजपा जम्मू-कश्मीर में लोकसभा सीटों की अपनी संख्या में सुधार करना चाहती है, इसलिए इस सीट पर उसका खासा ध्यान है।
परिसीमन आयोग ने इस सीट का बड़े पैमाने पर पुनर्निर्धारण किया है। फिलहाल नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता और पूर्व न्यायाधीश हसनैन मसूदी इस सीट से सांसद हैं, जिन्होंने आम चुनाव में पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती को हराया था। (भाषा)
Edited By : Chetan Gour 
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