प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, नई शिक्षा नीति से भारत बनेगा शिक्षा का 'ग्लोबल हब'
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नई शिक्षा नीति को लोगों की आकांक्षाओं की अभिव्यक्ति बताते हुए कहा है कि इससे लोगों की मानसिकता बदलने और युवा पीढ़ी को आत्मनिर्भर बनाने और देश को शिक्षा का 'ग्लोबल हब' बनाने में मदद मिलेगी। मोदी ने यहां स्मार्ट इंडिया हैकथन के ग्रैंड फाइनल को संबोधित करते हुए यह बात कही।
यह चौथा हैकथन है जिसके फाइनल में 10 हजार छात्र भाग ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति में देश के युवा पीढ़ी को नौकरी खोजने वाले युवक बनाने की जगह नौकरी देने वाले युवक बनाने पर बल दिया जाएगा और इससे आत्मनिर्भर भारत बनाने में मदद मिलेगी। युवाओं को अब नौकरी ही नहीं करनी है बल्कि उन्हें खुद भी आत्मनिर्भर बनना है।
उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति केवल दस्तावेज नहीं है बल्कि यह लोगों की आकांक्षा की अभिव्यक्ति है और 21वीं सदी में लोगों की जरूरतों को पूरा करने का अवसर भी देता है।
मोदी ने कहा कि पहले छात्र अपने मन का विषय नहीं पढ़ पाते थे और उन पर दूसरे विषय पढ़ने का दबाव बना रहता था लेकिन अब छात्र अपने मनपसंद विषय पड़ेंगे और उनमें आत्मविश्वास पैदा होगा।
मोदी ने यह भी कहा कि नई शिक्षा नीति में मल्टीप्ल एंट्री और मल्टीपल एग्जिट की भी बात कही गई है। इस संबंध में उन्होंने रवींद्र नाथ टैगोर और लियोनार्डो दा विंची की बहुविषय प्रतिभा का भी जिक्र किया। इससे पहले मोदी ने स्मार्ट इंडिया हैकथन के फाइनल में 40 केंद्रों पर भाग ले रहे छात्रों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संबोधित करते हुए उनसे प्रॉब्लम तथा सॉल्यूशन के बारे में बातचीत की।
देश में स्वास्थ्य की समस्याओं पर एक छात्रा से बातचीत में उन्होंने जानकारी दी कि अब गांव के स्वास्थ्य केंद्रों को देश के बड़े अस्पतालों से जोड़ने का काम चल रहा है। उस छात्रा ने बताया कि वह एक ऐसा सेनेटरी पैड बना रही हैं, जिसका दोबारा इस्तेमाल किया जा सकता है और इस तरह गरीब लोगों की मदद की जा सकती है क्योंकि एक व्यक्ति के जीवन में काल में करीब डेढ़ लाख रुपए सेनेटरी पैड पर खर्च होते हैं जबकि इस तरह के पैड से मात्र 5000 रुपए में काम चल सकता है।
मोदी ने कहा कि छह सालों में महिला स्वास्थ्य के बारे में काफी जागरूकता आई है और अब तो जन औषधि केंद्रों पर एक रुपए में सेनेटरी पैड उपलब्ध है। छात्रों ने बताया कि वे बच्चों और महिलाओं की सुरक्षा के लिए एक डाटा सिस्टम भी तैयार कर रहे हैं ताकि इसके माध्यम से अपराध होने की स्थिति में थानों को तत्काल सूचित किया जा सके।
छात्रों ने मोदी को यह भी बताया कि वह एक ऐसे ऐप को विकसित कर रहे हैं जिससे सेटेलाइट से प्राप्त होने वाले डाटा का वह अपने पास एकत्र कर सकते हैं, ताकि समस्याओं का निदान हो सके। एक छात्र ने भी बताया कि बाढ़ से बचाने के लिए तट बंध में पढ़ने वाली दरारों का भी निगरानी की जा सकती है और इस तरह बाढ़ की पूर्व सूचना दी जा सकती है।
प्रधानमंत्री ने छात्रों के कार्यों में गहरी दिलचस्पी ली और उनसे पूछताछ की। उन्होंने छात्रों की उपलब्धियों पर बधाई देते हुए कहा कि हैकथन से देश में नवाचार के क्षेत्र में काफी प्रगति हुई है और देश काफी आत्मनिर्भर बना है।(वार्ता)