Income Tax Return : 7.27 लाख रुपए तक आय पर नहीं लगेगा टैक्स, मध्यम वर्ग को मिलेगी राहत
Income Tax Return : वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार ने मध्यम वर्ग के लोगों को कई कर लाभ दिए हैं। इसमें 7.27 लाख सालाना आय वाले लोगों को आयकर से छूट शामिल है। उन्होंने कहा कि विश्व बैंक के कारोबार सुगमता सूचकांक में देश की रैंकिंग 2014 में 142 थी जो 2019 में सुधरकर 63 हो गई है।
सीतारमण ने कहा कि सरकार समाज के हर व्यक्ति को साथ लेकर चल रही है। जब 2023-24 के केंद्रीय बजट में सात लाख रुपए तक की कमाई वालों के लिए आयकर छूट प्रदान करने का फैसला किया गया था, तब कुछ तबकों में इसको लेकर संदेह जताया गया था। संदेह इस बात को लेकर था कि सात लाख रुपए से कुछ अधिक की कमाई वाले का क्या होगा।
वित्तमंत्री ने कहा, इसलिए हमने यह पता लगाने के लिए कि आप प्रत्यके अतिरिक्त एक रुपए के लिए किस स्तर पर कर का भुगतान करते हैं, एक टीम के रूप में बैठकर विचार किया। उदाहरण के लिए 7.27 लाख रुपए के लिए, अब आप कोई कर नहीं देते हैं। आप तभी कर देते हैं, जब कमाई इससे ऊपर होती है।
उन्होंने कहा, आपके पास 50000 रुपए की मानक कटौती भी है। नई योजना के तहत, शिकायत यह थी कि कोई मानक कटौती नहीं थी। यह अब दी गई है। हम भुगतान दर और अनुपालन पक्ष में सरलता लाए हैं। सरकार की उपलब्धियों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि सूक्ष्म, लघु और मझोले उद्यमों (एमएसएमई) का कुल बजट 2013-14 में 3,185 करोड़ रुपए था, जो 2023-24 में बढ़कर 22,138 करोड़ रुपए हो गया है। सीतारमण ने कहा कि यह नौ साल में बजटीय आवंटन में लगभग सात गुना बढ़ोतरी है। यह छोटे उद्यमों को सशक्त बनाने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को बताता है।
उन्होंने कहा कि सूक्ष्म और लघु उद्यमों के लिए सार्वजनिक खरीद नीति के तहत केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के 158 उद्यमों ने कुल खरीद का 33 प्रतिशत एमएसएमई से किया है और यह अब तक का सबसे अधिक है। वित्तमंत्री ने कारोबार सुगम बनाने के लिए उठाए गए कदमों का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि विश्व बैंक के कारोबार सुगमता सूचकांक में देश की रैंकिंग 2014 में 142 थी जो 2019 में सुधरकर 63 हो गई है।
उन्होंने कहा, हमने 1,500 से अधिक पुराने कानूनों और लगभग 39,000 अनुपालनों को निरस्त करके अनावश्यक अनुपालन बोझ को कम किया है। कंपनी अधिनियम को अपराधमुक्त कर दिया गया है। वित्तमंत्री ने उडुपी में इंडियन इस्टीट्यूट ऑफ जेम्स एंड जूलरी (आईआईजीजे) में सामान्य सुविधा केंद्र (सीएफसी) का भी उद्घाटन किया।
उल्लेखनीय है कि उन्होंने 2017 में वाणिज्य और उद्योग मंत्री के रूप में उडुपी में आईआईजीजे की आधारशिला रखी थी। यह संस्थान क्षेत्र के युवाओं को हस्तनिर्मित आभूषण बनाने के विभिन्न पहलुओं में प्रशिक्षण प्रदान करेगा।
Edited By : Chetan Gour (भाषा)