गुरुवार, 2 जनवरी 2025
  • Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. राष्ट्रीय
  4. Nitrate levels in groundwater of 440 districts are at dangerous levels
Last Updated :नई दिल्ली , गुरुवार, 2 जनवरी 2025 (14:52 IST)

रिपोर्ट में खुलासा, 440 जिलों के भूजल में नाइट्रेट का लेवल खतरनाक स्तर पर

How Many Liters Water Drink
Nitrate levels: भारत के 440 जिलों के भूजल में नाइट्रेट (nitrate) उच्च स्तर पर पाया गया है। केंद्रीय भूजल बोर्ड (CGWB) ने एक रिपोर्ट में बताया कि एकत्र किए गए नमूनों में से 20 प्रतिशत में 'नाइट्रेट' की सांद्रता अनुमेय सीमा से अधिक है। 'नाइट्रेट' संदूषण पर्यावरण और स्वास्थ्य के मद्देनजर गंभीर चिंता का विषय है, खासकर उन क्षेत्रों में, जहां 'नाइट्रोजन' आधारित उर्वरकों एवं पशु अपशिष्ट का उपयोग किया जाता है।
 
'वार्षिक भूजल गुणवत्ता रिपोर्ट - 2024' से यह भी पता चला कि 9.04 प्रतिशत नमूनों में 'फ्लोराइड' का स्तर भी सुरक्षित सीमा से अधिक था जबकि 3.55 प्रतिशत नमूनों में 'आर्सेनिक' संदूषण पाया गया।ALSO READ: केन-बेतवा लिंक परियोजना से हर खेत तक पहुंचेगा पानी, निवाड़ी में बोले CM मोहन यादव
 
'फ्लोराइड' का स्तर भी सुरक्षित सीमा से अधिक : मई 2023 में भूजल की गुणवत्ता की जांच के लिए देशभर में कुल 15,259 निगरानी स्थानों को चुना गया। इनमें से 25 प्रतिशत कुओं (बीआईएस 10500 के अनुसार सबसे अधिक जोखिम वाले) का विस्तार से अध्ययन किया गया। पुनर्भरण से गुणवत्ता पर पड़ने वाले प्रभाव के बारे में जानकारी लेने के लिए मानसून से पहले और बाद में 4,982 स्थानों से भूजल का नमूना लिया गया।
 
रिपोर्ट में पाया गया कि जल के 20 प्रतिशत नमूनों में नाइट्रेट की सांद्रता 45 मिलीग्राम प्रति लीटर (एमजी/एल) की सीमा को पार कर गई, जो कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) और भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) द्वारा पेयजल के लिए निर्धारित सीमा है।
 
इन राज्यों में नाइट्रेट सीमा से ऊपर : राजस्थान, कर्नाटक और तमिलनाडु में 40 प्रतिशत से अधिक नमूनों में नाइट्रेट सीमा से ऊपर था जबकि महाराष्ट्र के नमूनों में संदूषण 35.74 प्रतिशत, तेलंगाना में 27.48 प्रतिशत, आंध्रप्रदेश में 23.5 प्रतिशत और मध्यप्रदेश में 22.58 प्रतिशत था। उत्तरप्रदेश, केरल, झारखंड और बिहार में संदूषण का प्रतिशत कम पाया गया। अरुणाचल प्रदेश, असम, गोवा, मेघालय, मिजोरम और नगालैंड में सभी नमूने सुरक्षित सीमा के भीतर थे।
 
सीजीडब्ल्यूबी ने कहा कि राजस्थान, मध्यप्रदेश और गुजरात जैसे राज्यों में 'नाइट्रेट' का स्तर 2015 से स्थिर बना हुआ है। हालांकि उत्तरप्रदेश, तमिलनाडु, आंध्रप्रदेश और हरियाणा में 2017 से 2023 तक संदूषण में वृद्धि देखी गई है। उच्च 'नाइट्रेट' स्तर शिशुओं में 'ब्लू बेबी सिंड्रोम' जैसी स्वास्थ्य समस्याएं पैदा कर सकता है और यह पानी पीने के लिए असुरक्षित है।ALSO READ: मध्यप्रदेश भाजपा अध्यक्ष के चेहरे को लेकर खींचतान, दिग्गज नेताओं की आम सहमति बनाना बड़ी चुनौती?
 
भारत में 15 ऐसे जिले चिन्हित किए गए, जहां भूजल में नाइट्रेट उच्च स्तर में पाया गया। इसमें राजस्थान में बाड़मेर, जोधपुर, महाराष्ट्र में वर्धा, बुलढाणा, अमरावती, नांदेड़, बीड, जलगांव और यवतमाल, तेलंगाना में रंगारेड्डी, आदिलाबाद और सिद्दीपेट, तमिलनाडु में विल्लुपुरम, आंध्रप्रदेश में पलनाडु और पंजाब में बठिंडा शामिल हैं।
 
रिपोर्ट में कहा गया है कि भूजल में नाइट्रेट का बढ़ता स्तर अत्यधिक सिंचाई का परिणाम हो सकता है, जो संभवत: उर्वरकों में मौजूद नाइट्रेट को मिट्टी में गहराई तक पहुंचा सकता है। इस रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि राजस्थान, हरियाणा, कर्नाटक, आंध्रप्रदेश और तेलंगाना में 'फ्लोराइड' की अधिक सांद्रता एक बड़ी चिंता का विषय है।
 
इसमें कहा गया है कि गंगा और ब्रह्मपुत्र नदियों के मैदानी इलाकों वाले राज्यों में आर्सेनिक का स्तर अधिक पाया गया है। ये राज्य पश्चिम बंगाल, झारखंड, बिहार, उत्तरप्रदेश, असम और मणिपुर हैं। पंजाब के कुछ हिस्सों में और छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिले के पानी में भी आर्सेनिक का स्तर अधिक पाया गया है।ALSO READ: मोदी युग: मानसिक स्वास्थ्य का क्रांतिकाल
 
लंबे समय तक फ्लोराइड और आर्सेनिक संदूषकों के संपर्क में रहने से गंभीर स्वास्थ्य परिणाम हो सकते हैं। फ्लोराइड के संदूषण से फ्लोरोसिस और आर्सेनिक के संदूषण से कैंसर या त्वचा के घाव हो सकते हैं।
 
भूजल गुणवत्ता रिपोर्ट में एक बड़ी चिंता कई क्षेत्रों में यूरेनियम का ऊंचा स्तर भी है। रिपोर्ट में कहा गया है कि राजस्थान के 42 प्रतिशत नमूनों में और पंजाब के 30 प्रतिशत नमूनों में यूरेनियम का संदूषण पाया गया। यूरेनियम के लगातार संपर्क में रहने से गुर्दों को नुकसान हो सकता है। राजस्थान, गुजरात, हरियाणा, पंजाब, तमिलनाडु, आंध्रप्रदेश और कर्नाटक के कुछ हिस्सों में भी यूरेनियम का सांद्रण भूजल में अधिक पाया गया है।(भाषा)
 
Edited by: Ravindra Gupta