पटना। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विश्वास मत हासिल करने के एक दिन बाद शनिवार को 26 मंत्रियों को शामिल करते हुए अपने मंत्रिमंडल का विस्तार किया। राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी ने इन मंत्रियों को राजभवन के राजेन्द्र मंडपम में पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। इन 26 मंत्रियों में जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के 14, भाजपा के 11 और लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के एक मंत्री शामिल हैं।
शपथ लेने वाले मंत्रियों में जद (यू) के विजेन्द्र प्रसाद यादव, राजीव रंजन सिंह उर्फ ललनसिंह, श्रवण कुमार, जय कुमार सिंह, कृष्णनंदन प्रसाद वर्मा, महेश्वर हजारी, शैलेश कुमार, मंजू वर्मा, संतोष कुमार निराला, खुर्शीद उर्फ फिरोज अहमद, मदन सहनी, कपिलदेव कामत, दिनेशचंद्र यादव और रामजी ऋषिदेव, वहीं भाजपा के प्रेम कुमार, नंदकिशोर यादव, रामनारायण मंडल, प्रमोद कुमार, विनोद नारायण झा, सुरेश कुमार शर्मा, विजय कुमार सिन्हा, राणा रणधीरसिंह, विनोद कुमार सिंह, कृष्ण कुमार ऋषि तथा ब्रजकिशोर बिंद शामिल हैं जबकि लोजपा के एकमात्र पशुपति कुमार पारस को मंत्रिमंडल में जगह दी गई है।
मंत्री पद की शपथ लेने वाले नए चेहरों में भाजपा के प्रमोद कुमार, विनोद नारायण झा, सुरेश कुमार शर्मा, विजय कुमार सिन्हा, राणा रणधीर सिंह, विनोद कुमार सिंह, ब्रजकिशोर बिंद जद (यू) से दिनेशचंद्र यादव, रामजी ऋषिदेव और लोजपा के पशुपति कुमार पारस शामिल हैं। जदयू के राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह और भाजपा के विनोद नारायण झा विधान परिषद के सदस्य हैं, जबकि लोजपा के पारस विधानमंडल के दोनों सदनों में से किसी भी सदन के सदस्य नहीं हैं।
भाजपा कोटे से मंत्री पद की शपथ लेने वाले पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष एवं विधान परिषद के सदस्य मंगल पांडेय नहीं पहुंचने के कारण शपथ नहीं ले सके। पांडेय हिमाचल प्रदेश भाजपा के पार्टी मामलों के प्रभारी हैं। इस मौके पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, विधानसभा के अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी, विधान परिषद के उपसभापति हारुन रशीद, लोजपा सांसद चिराग पासवान के अलावा पटना उच्च न्यायालय के न्यायाधीश समेत कई अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे।
गौरतलब है कि 27 जुलाई को नीतीश कुमार ने मुख्यमंत्री और भाजपा नेता सुशील कुमार मोदी ने मंत्री के रूप में पद एवं गोपनीयता की शपथ ली थी। इससे पहले 26 जुलाई को कुमार ने राष्ट्रीय जनता दल, कांग्रेस और जदयू की महागठबंधन सरकार से नाता तोड़ने के बाद मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके तीन घंटे के अंदर ही भाजपा ने कुमार को नई सरकार बनाने के लिए बिना शर्त समर्थन देने की घोषणा कर दी। उसके बाद जदयू और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के विधायकों की संयुक्त बैठक हुई जिसमें कुमार को नेता चुनने के बाद कुमार ने राज्यपाल से मिलकर 131 समर्थक विधायकों की सूची सौंपी और सरकार बनाने का दावा किया। राज्यपाल ने कुमार के दावे को स्वीकार करते हुए उन्हें सरकार बनाने का न्योता दे दिया। इसी के साथ कुमार ने इस्तीफे के 16 घंटे के अंदर ही फिर से मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली। (वार्ता)