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Last Modified: सोमवार, 27 मार्च 2023 (14:23 IST)

Chardham Yatra : चारधाम के लिए 6.51 लाख से ज्‍यादा यात्रियों ने कराया पंजीयन

Chardham Yatra : चारधाम के लिए 6.51 लाख से ज्‍यादा यात्रियों ने कराया पंजीयन - More than 6 lakh yatris have registered for Chardham
देहरादून। अब तक चारधाम यात्रा के लिए 6.51 लाख से अधिक यात्री पंजीकरण कर चुके हैं। इसमें केदारनाथ के लिए 246983, बद्रीनाथ में 20815, गंगोत्री में 100042 और यमुनोत्री में 98668 यात्रियों ने पंजीकरण कराया है। माना जा रहा है कि हेली सेवा की बुकिंग शुरू होने के बाद पंजीकरण में और तेजी आएगी।

पर्यटन विभाग ने 21 फरवरी से बद्रीनाथ और केदारनाथ का पंजीकरण शुरू किया था, जबकि गंगोत्री और यमुनोत्री का पंजीकरण 15 मार्च से शुरू हुआ था। एक तरफ यात्रियों के बढ़ते पंजीकरण से चारधाम यात्रा में भारी भीड़ उमड़ने की उम्मीद है तो दूसरी तरफ यात्रा मार्ग के रखरखाव का जिम्मा संभालने वाली एजेंसियां चौकन्नी हो गई हैं।

बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर चमोली जिले में गौचर से लेकर बद्रीनाथ तक 131 किलोमीटर की दूरी में लगभग 20 स्लाइडिंग जोन सक्रिय हैं, इसके अलावा एक दर्जन से अधिक डेंजर जोन भी मौजूद हैं। स्लाइडिंग जोन में वाहनों पर पत्थर व मलबा गिरने का हमेशा खतरा बना रहता है।

बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग में गौचर और चमोली के बीच ऑल वेदर रोड परियोजना के तहत हुए चौड़ीकरण के बावजूद सबसे अधिक स्लाइडिंग जोन और डेंजर जोन हैं। कमेड़ा स्लाइडिंग जोन 30 से भी अधिक वर्षों से मुश्किलें पैदा कर रहा है।ऋषिकेश से शुरू होने वाला बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग चमोली जिले में जोशीमठ के बीच से होते हुए चीन सीमा से लगी माणा घाटी तक जाता है।

जोशीमठ में इस राजमार्ग का करीब 12 किलोमीटर का हिस्सा पड़ता है। हाईवे का यह हिस्सा जोशीमठ भू धंसाव के कारण शहर के ही बीच लगभग 20 से अधिक स्थानों पर संवेदनशील बना हुआ है। जोशीमठ से गुजर रहे इस बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर नई दरारें आ रही हैं और पुरानी दरारों की चौड़ाई भी बढ़ रही है। सड़क के रखरखाव की जिम्मेदारी संभालने वाला बीआरओ मिट्टी और मलबे से भर रहा है।

सबसे ज्यादा भू धंसाव मारवाड़ी क्षेत्र में है, जहां दस से अधिक स्थानों पर सड़क धंस रही है। भू धंसाव के ये हालात तब हैं जबकि स्थानीय वाहनों की ही आवाजाही इन दिनों इस मार्ग से हो रही है, जबकि चारधाम यात्रा के दौरान प्रतिदिन पांच हजार वाहन इसी मार्ग पर गुजरेंगे तो हालत क्या होगी। यह राजमार्ग इतने वाहनों का यातायात का दबाव कैसे झेल पाएगा।

जो डेंजर जोन गौचर से लेकर बद्रीनाथ तक की 131 किलोमीटर दूरी के बीच खतरनाक बने हुए हैं उनमें चटवा पीपल से पंच पुलिया के बीच का हिस्सा, नंदप्रयाग का पर्थाडीप का हिस्सा, मैठाणा, कुहड़ से बाजपुर के बीच का हिस्सा, चमोली चाड़ा, बिरही चाड़ा, भनारपानी, हेलंगचाड़ा, रेलिंग से पैनी तक, विष्णुप्रयाग से टैया पुल के पास तक का हिस्सा, खचड़ानाला, लामबगड़ से जेपी पुल तक का हिस्सा, हनुमान चट्टी से रड़ांग बैंड के बीच वाला पार्ट शामिल है।

जिला प्रशासन का दावा है कि स्लाइडिंग व डेंजर जोन के सभी हिस्से चिह्नित किए गए हैं। सुरक्षित आवाजाही के लिए डेंजर जोन में सड़क का चौड़ीकरण करने का काम किया जा रहा है, जबकि स्लाइडिंग जोन के उपचार को लेकर राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण और सीमा सड़क संगठन प्रयासरत हैं।
Edited By : Chetan Gour
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