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Last Updated : शुक्रवार, 13 अगस्त 2021 (12:33 IST)

पीएम नरेंद्र मोदी ने लांच की राष्ट्रीय ऑटोमोबाइल स्क्रैप पॉलिसी, जानिए क्या है इसमें खास..

पीएम नरेंद्र मोदी ने लांच की राष्ट्रीय ऑटोमोबाइल स्क्रैप पॉलिसी, जानिए क्या है इसमें खास.. - Modi government New vehicle scrappage policy
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को राष्‍ट्रीय ऑटोमोबाइल स्क्रैपेज नीति लांच की। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि स्क्रैपेज नीति से 10 हजार करोड़ का निवेश आएगा। इससे ऑटोमोबाइल सेक्टर को आत्मनिर्भर होने में मदद मिलेगी। पुरानी गाड़ी को स्क्रैप करने पर सर्टिफिकेट मिलेगा। ये सर्टिफिकेट जिसके पास होगा उसे नई गाड़ी की खरीद पर रजिस्ट्रेशन के लिए कोई पैसा नहीं देना होगा। जानिए क्या है राष्ट्रीय ऑटोमोबाइल स्क्रैप पॉलिसी और क्या है इसकी खास बातें... 
 
क्या है नई स्क्रैप पॉलिसी? नई स्क्रैप पॉलिसी के तहत 15 और 20 साल पुराने वाहनों को कबाड़ में डाला जाएगाय़ व्यावसायिक वाहन के लिए 15 साल और निजी गाड़ी के लिए 20 साल का समय तय किया गया है। इसके बाद वाहनों को फिटनेस सेंटर ले जाना होगा। ऑटोमेटेड फिटनेस सेंटर का संचालन प्राइवेट कंपनियां करेंगी और इन्हीं निवेशकों को लुभाने के लिए शुक्रवार को समिट का आयोजन किया गया है। 
 
फिटनेस टेस्ट : मोदी सरकार ने बजट 2021-22 में स्वैच्छिक वाहन कबाड़ नीति का ऐलान किया है। इस नीति में स्वैच्छिक वाहन कबाड़ नीति के तहत व्यक्तिगत या निजी वाहनों का 20 वर्ष में और कर्मिशियल गाड़ियों को 15 साल में ‘फिटनेस टेस्ट’ होगा। सरकार का कहना है कि इस नीति से प्रदूषण में कमी के साथ ही ऑटोमोबाइल सेक्टर को भी बूस्ट मिलेगा। सड़क यातायात मंत्रालय की तरफ से अगले दो हफ्तों में स्क्रैपिंग पॉलिसी की घोषणा की जाएगी।
 
वाहन स्क्रैप करने पर यह फायदा: नई नीति में नया वाहन खरीदते समय अपने पुराने और प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों को ‘कबाड़’ (स्क्रैप) करने का विकल्प चुनने वाले खरीदारों को कई लाभ दिए जाएंगे। इससे सड़क सुरक्षा में सुधार होगा, वायु प्रदूषण में कमी आएगी और पेट्रोल-डीजल की खपत कम होगी। साथ ही तेल आयात में भी कमी आएगी। वाहनों की लागत 40% तक कम करने में मदद मिलेगी।
 
पुरानी गाड़ी रखना पड़ेगा महंगा : नई व्हीकल स्क्रैपिंग पॉलिसी लागू होने के बाद 15 साल से पुरानी गाड़ियां रखना बहुत ही महंगा पड़ेगा। इसमें हरित कर और अन्य शुल्कों का प्रावधान है। ऐसे वाहनों को कड़े ऑटोमेटेड फिटनेस परीक्षण से भी गुजरना होगा। इससे कोई भ्रष्टाचार या आंकड़ों की गड़बड़ी नहीं हो सकेगी। 
 
महंगा होगा फिटनेस सर्टिफिकेट : इसका कारण है कि फिटनेस सर्टिफिकेट लेने की कीमत 62 गुना से भी अधिक हो जाएगी और प्राइवेट व्हीकल के रजिस्ट्रेशन को रीन्यू कराने की लागत भी करीब 8 गुना अधिक हो जाएगी। राज्यों को रोड टैक्स के अलावा ग्रीन टैक्स लगाने का भी अधिकार होगा। ये सभी टैक्स गाड़ी मालिक को ही भरना होंगे।
 
उल्लेखनीय है कि ऑटोमोबाइल स्क्रैप पॉलिसी को जर्मनी, ब्रिटेन, जापान जैसे देशों के विश्वस्तरीय मानकों के आधार पर तैयार किया गया है। इस नीति के दायरे में 20 साल से ज्यादा पुराने लगभग 51 लाख हल्के मोटर वाहन और 15 साल से अधिक पुराने 34 लाख अन्य एलएमवी आएंगे।