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  4. Military buildup along India-China border 'abnormal S Jaishankar
Last Updated :कोलकाता , बुधवार, 15 मई 2024 (08:14 IST)

LAC पर बलों की तैनाती असामान्य, सुरक्षा की अनदेखी नहीं, चीन के साथ सीमा विवाद पर जयशंकर

jaishankar
India-China Dispute: चीन के साथ भारत का वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) एलएसी सीमा गतिरोध काफी लंबे समय से जारी है। इस बीच देश में चल रहे लोकसभा चुनाव के दौरान विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि चीन के साथ एलएसी पर बलों की तैनाती असामान्य है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मंगलवार को कहा कि चीन से लगी वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC ) पर सैनिकों की तैनाती ‘असामान्य’ है और देश की सुरक्षा की अनदेखी नहीं की जानी चाहिए।
जयशंकर ने यहां ‘इंडियन चैम्बर ऑफ कॉमर्स’ द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि भारत ने गलवान झड़प का जवाब वहां अपने सैनिकों को तैनात करके दिया।
मंत्री ने कहा कि 1962 के बाद, राजीव गांधी 1988 में चीन गए थे जो (चीन के साथ) संबंधों को सामान्य बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम था... यह स्पष्ट था कि हम सीमा से जुड़े अपने मतभेदों पर चर्चा करेंगे, लेकिन हम सीमा पर शांति बनाए रखेंगे और बाकी संबंध जारी रहेंगे। उन्होंने कहा कि तब से चीन के साथ संबंध का यह आधार रहा था।
उन्होंने कहा कि अब जो बदलाव आया, वह 2020 की घटना के बाद आया है। चीनियों ने 2020 में कई समझौतों का उल्लंघन करते हुए हमारी सीमा पर बड़ी संख्या में सैनिकों को तैनात किया और उन्होंने यह ऐसे वक्त किया जब हमारे यहां कोविड लॉकडाउन लागू था।
 
गलवान घाटी झड़प में कुल 20 भारतीय सैन्य कर्मी शहीद हुए थे। भारत-चीन सीमा पर चार दशकों में यह सबसे भीषण झड़प थी। जयशंकर ने कहा कि भारत ने भी (सीमा पर) सैनिकों को तैनात कर जवाब दिया और चार साल से गलवान में सैनिकों की तैनाती वाले सामान्य मोर्चों से आगे भारतीय सैनिक तैनात हैं।
 
उन्होंने कहा, ‘‘एलएसी पर यह बहुत ही असमान्य तैनाती है। दोनों देशों के बीच तनाव के मद्देनजर, भारतीय नागरिक होने के नाते हममें से किसी को भी देश की सुरक्षा की अनदेखी नहीं करनी चाहिए...यह मौजूदा समय की चुनौती है।’’
विदेश मंत्री ने कहा कि एक आर्थिक चुनौती भी है, जो विगत वर्षों में विनिर्माण और बुनियादी ढांचा के क्षेत्रों की अनदेखी के कारण है। उन्होंने कहा, ‘‘भारतीय कारोबार जगत चीन से इतनी खरीद क्यों कर रहा है...क्या किसी दूसरे देश पर इतना निर्भर रहना अच्छा होगा?’’ जयशंकर ने कहा कि विश्व में आर्थिक सुरक्षा पर एक बड़ी बहस छिड़ी हुई है।
 
उन्होंने कहा कि आज देशों को ऐसा लगता है कि कई प्रमुख व्यवसायों को देश के भीतर ही रहना चाहिए। आपूर्ति श्रृंखला छोटी और विश्वसनीय होनी चाहिए... संवेदनशील क्षेत्रों में, हम सावधान रहेंगे...राष्ट्रीय सुरक्षा दायित्व है। रूस के बारे में विदेश मंत्री ने कहा कि उसके साथ भारत का संबंध सकारात्मक है।
जयशंकर ने कहा कि एक आर्थिक कारक भी है क्योंकि रूस तेल, कोयला और विभिन्न प्राकृतिक संसाधनों से संपन्न है, जिसे भारत प्राप्त कर सकता है।   विदेश मंत्री ने कहा कि पूर्व में, विनिर्माण और बुनियादी ढांचा क्षेत्र पर उपयुक्त ध्यान नहीं दिया गया और पूर्ववर्ती ‘‘लाइसेंस और परमिट राज’’ ने विकास को बाधित किया। भाषा