ममता गरजी, पीएफ के लिए ब्याज दरों में कटौती पीएनबी घोटाले का नतीजा
हेमताबाद (प. बंगाल)। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आज दावा किया कि भविष्य निधि (पीएफ) की ब्याज दरों में नए सिरे से कटौती पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) घोटाले का परिणाम है और ब्याज दरों में कटौती से कामगार तबका काफी प्रभावित होगा।
तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ने दावा किया कि धन लोगों की जेब से लिए जा रहे हैं, ताकि पीएनबी घोटाले की वजह से हुए 11 हजार 400 करोड़ रुपए के अनुमानित नुकसान की भरपाई की जा सके। उन्होंने कहा कि पीएफ के लिए ब्याज दरों में ताजा कटौती से कामगार वर्ग काफी प्रभावित होगा।
उन्होंने कहा कि जब भाजपा नीत राजग सरकार 2014 में सत्ता में आई थी तो पीएफ के लिए ब्याज दर 8.82 फीसदी थी, जो अब घटकर 8.55 फीसदी पर आ गई है। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने वर्ष 2017-18 के लिए अपने छह करोड़ ग्राहकों के लिए पीएफ पर ब्याज दर घटाकर कल 8.55 फीसदी कर दी थी। पिछले वित्तीय वर्ष में यह ब्याज दर 8.65 फीसदी थी।
उन्होंने कहा कि जहां कहीं भी लूट हुई है, वहां उसकी भरपाई करने के लिए जनता की जेब से धन वसूला जा रहा है। उन्होंने उत्तरी दीनाजपुर जिले के इस छोटे से गांव में कहा कि पीएफ की ब्याज दरों में 0.10 फीसदी की इस कटौती से आम लोगों को हुए नुकसान के बारे में सोचें।
बनर्जी ने कहा कि पीएफ, लघु बचत पर ब्याज दरों में इस सरकार ने भारी कटौती की है। उन्होंने कहा कि अब लोग यह नहीं जानते कि वे बैंकों में रखा अपना धन पा भी सकेंगे या नहीं। मुख्यमंत्री ने कहा कि वित्तीय समाधान एवं जमा बीमा (एफआरडीआई) विधेयक लाने की योजना बनाई जा रही है। इसके जरिए बैंक यह तय करेंगे कि जमाकर्ता को उसका धन वापस मिलेगा या नहीं, भले ही उसने सावधि जमा में निवेश किया हो।
उन्होंने दावा किया कि फसल को हुए नुकसान समेत विभिन्न कारणों से कर्ज नहीं चुका पाने के बाद 12000 किसानों ने आत्महत्या की है। हमने केंद्र से किसानों के कर्ज को माफ करने को कहा था, लेकिन उन्होंने नहीं किया। उन्होंने कहा कि अगर किसान कर्ज नहीं चुका पाते हैं तो उनकी जमीन या घर छीन लिए जाते हैं लेकिन सरकार की साठगांठ से बैंकों को लूटा जाता है तो किसे दंडित किया जाना चाहिए। (भाषा)